डा. शैलेंद्र सिंह, डा. एसके तोमर, डा. एसपी सिंह, डा. एसके सिंह, डा. कंचन
भारतीय किसान पारंपरिक फसलों की खेती से परे अब नईनई फसलें और तकनीकों से खेती कर रहे हैं. किसान नई फसलों को अपने खेतों में स्थान दे कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.
ड्रैगन फ्रूट की खेती के बाद अब भारतीय किसान लाल भिंडी की खेती करने के लिए उत्सुक हैं. आप ने हरी भिंडी के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन लाल भिंडी के बारे में शायद ही पहली बार पढ़ रहे होंगे. इसे ‘काशी लालिमा’ भी कहा जाता है.
भिंडी की इस किस्म की कीमत बाजार में काफी ज्यादा है. बड़े शहरों के लोग इसे ऊंचे दामों पर भी खरीदने के लिए तैयार हैं यानी इस की खेती कर के किसान बंपर कमाई कर सकते हैं.
लाल भिंडी की खेती कैसे करें
बाजार में हरी भिंडी की डिमांड हमेशा रहती है और अब लाल भिंडी की ओर लोग आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि हरी भिंडी के मुकाबले इस में पोषक तत्त्वों की मात्रा ज्यादा होती है.
भिंडी की इस नई किस्म की खेती कर के किसान बाजार से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं. लेकिन ऐसे कई किसान हैं, जो यह नहीं जानते कि लाल भिंडी की खेती कैसे की जाती है.
हरी सब्जी सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है, लेकिन अब इन के रंगों में बदलाव किया जा रहा है. हरी दिखने वाली भिंडी अब आप को लाल रंग में भी दिखाई देगी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने भिंडी को लाल रंग में उगाया और वे ऐसा करने में कामयाब भी हुए. इसे ‘काशी लालिमा’ नाम दिया गया.
भिंडी की इस नई किस्म ‘काशी लालिमा’ में हरी भिंडी के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्त्व होते हैं. बाजार में इस के बीज उपलब्ध होने के बाद से मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में किसानों ने इस की खेती करना शुरू कर दिया है.
अनुकूल जलवायु और उपयुक्त मिट्टी
जलवायु और तापमान : साल में 2 बार लाल भिंडी की खेती की जा सकती है. फरवरीमार्च व जूनजुलाई महीने में आप इस की खेती कर सकते हैं. इस की खेती के लिए गरम और कम आर्द्र जलवायु अनुकूल होती है. पौधों के विकास के लिए 5-6 घंटे की धूप आवश्यक होती है. साथ ही, इसे ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं होती.
मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के किसानों ने लाल भिंडी की खेती करना शुरू कर दिया है. देश में लगभग सभी राज्यों में इस की खेती की जा सकती है.
उपयुक्त मिट्टी : बलुई दोमट मिट्टी लाल भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त है. ध्यान रहे कि मिट्टी जीवांश व कार्बनिक पदार्थ वाली होनी चाहिए. बीज/पौध रोपण करने से पूर्व मिट्टी के पीएच मान की जांच अवश्य करा लें. इस की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान सामान्य होना चाहिए.
खेत तैयार करने की प्रक्रिया
* किसान मानसून व ग्रीष्म ऋतु के समय लाल भिंडी की खेती कर सकते हैं.
* बोआई से पहले अच्छी तरह खेत की जुताई करें और कुछ समय के लिए खेत को खुला छोड़ दें.
* यदि आप इस की खेती कर रहे हैं,
तो इस में गोबर की सड़ी खाद डालें और अच्छी तरह खेत की जुताई कर दें. ऐसा
करने से गोबर की खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाएगी.
* प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश खेत में डाल दें.
* अब खेत में पानी दें और पलेवा कर दें.
* 2-3 दिन बाद जब जमीन की ऊपरी सतह सूखने लगे, तब दोबारा इस की जुताई कर दें.
* इस के बाद खेत को समतल करने के लिए पाटा चला दें.
बीज रोपण की विधि
खेत तैयार करने के बाद अब बीज रोपण की बारी आती है. इस के लिए सब से पहले ‘काशी लालिमा’ के बीजों को 10-12 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रख दें. बीज का अच्छी तरह से अंकुरण हो, इस के लिए इन्हें छाया में सुखा दें.
लाल भिंडी के पौधों को लाइन से रोपित करें. लाइन से लाइन की दूरी 45-60 सैंटीमीटर व लाइन में पौधे से पौधे के बीच 25-30 सैंटीमीटर की दूरी रखें.
औनलाइन खरीद सकते हैं
लाल भिंडी के बीज
अगर आप अपने खेत में लाल भिंडी के बीज लगाना चाहते हैं, तो इस समय आप के स्थानीय बाजार में ये शायद ही उपलब्ध हों. लेकिन आप औनलाइन माध्यम से इस के बीज हासिल कर सकते हैं. औनलाइन ई-कौमर्स वैबसाइट से आप इन बीजों की खरीदी कर सकते हैं.
रोग व बचाव
वैसे तो अन्य सब्जियों के मुकाबले लाल भिंडी में कम रोग लगते हैं. भिंडी की इस किस्म में मच्छर, इल्ली और दूसरे कीट जल्दी नहीं लगते, लेकिन इस के पौधे को लाल मकड़ी से खतरा रहता है. ये पौधों की पत्तियों के नीचे की सतह पर झुंड बना कर रहने लगती हैं और इन का रस चूसते रहते हैं. इस से पौधे का विकास रुक जाता है और धीरेधीरे पूरा पौधा पीला हो कर सूख जाता है.
इस से बचने के लिए पौधों पर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल की 10 मिलीलिटर दवा प्रति 15 लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करना चाहिए.
लाल भिंडी की कीमत व कमाई
बाजार में मिलने वाली सामान्य भिंडी की अपेक्षा लाल भिंडी की कीमत काफी ज्यादा है. हरी भिंडी जहां 50 रुपए प्रति किलोग्राम तक की कीमत पर मिलती है, वहीं लाल भिंडी की कीमत 80 से 100 रुपए किलोग्राम तक जाती है. एक एकड़ में तकरीबन 40 से 50 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है.
इस की फसल भी सामान्य भिंडी की अपेक्षा जल्दी तैयार हो जाती है. 45 से 50 दिनों में यह फसल पक कर तैयार हो जाती है. इस की खेती से आप कम समय में ही अच्छी कमाई कर सकते हैं.