टेक्नोलौजी की दुनिया के अरबपति एलन मस्क के 76 वर्षीय इंजीनियर पिता एरोल मस्क सुर्खियों में तब आ गए, जब उन्होंने अपनी सौतेली बेटी के साथ अफेयर की बात कुबूलते हुए उस के दूसरे बच्चे का पिता होने की बात का खुलासा कर दिया. फिर तो उन के स्पर्म की मांग की झड़ी के साथसाथ डिजाइनर बेबी की भी चर्चा गर्म हो गई.
एलन मस्क अरबपति दुनिया का वह नाम है, जो हमेशा टेक्नोलौजी और साइंस जगत में नए प्रयोग करने की वजह से चर्चा में बने रहते हैं. कुल 9 बच्चों के पिता एलन मस्क की पर्सनल लाइफ भी सुर्खियां बटोरने में कुछ कम नहीं है, कारण उन की एक संतान ट्रांसजेंडर है.
पिछले दिनों उन की चर्चा उन के इंजीनियर पिता 76 वर्षीय एरोल मस्क को ले कर हुई, जिन से वह नफरत करते हैं. नफरत ऐसी कि उन्हें एलन ने यहां तक कह दिया था, ‘‘मेरे पिता शैतान हैं.’’ कारण उन के अफेयर सौतेली बेटी से रहे हैं. यह बात एलन ने तब कही थी, जब उन्हें पता चला कि पिता एरोल मस्क ही उस की सौतेली बहन जाना के बच्चों के पिता हैं. हालांकि इस बारे में जब उस के बच्चों की शक्ल पिता एरोल और उस से मिलतीजुलती नजर आई, तभी उन्हें संदेह हो गया था. किंतु इस बारे में कुछ भी कहने से कतराते रहे थे.
लेकिन एक दिन उन्होंने इस का खुलासा करते हुए ब्रिटिश वेबसाइट ‘द सन’ को एक इंटरव्यू में कहा था कि 3 साल पहले सौतेली बेटी जाना से जन्मी बेटी अनप्लांड थी. इस से पहले भी वह एक बेटे को जन्म दे चुकी है. इसी के साथ एरोल ने स्वीकारा कि वह अपनी सौतेली बेटी जाना बेजुइडेनहाट के बेटे और बेटी के पिता हैं. इस तरह दोनों बच्चे टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के भाईबहन ही हुए.
यही नहीं एरोल ने चौंकाने वाली एक बात और कही कि हम धरती पर केवल एक चीज बच्चे पैदा करने के लिए ही आए हैं. उन का यह कहना था कि संभ्रांत महिलाएं उन के स्पर्म की मांग कर बैठीं. उन में भारत की महिलाएं भी शामिल हैं.
उन महिलाओं को लगता है कि एरोल के स्पर्म से पैदा होने वाला बच्चा एक डिजाइर बेबी होगा, जो जितना स्वस्थ और बुद्धिमान होगा, उतना ही वह धनवान भी होगा. आने वाले दिनों में उस में एलन मस्क जैसे गुण विकसित होने में कोई कमी नहीं रहेगी.
यह तो आने वाले वक्त की बात होगी, जिस का अनुमान लगाया जा रहा है. किंतु अपनी दूसरी पत्नी हीड के परिवार के साथ दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में रह रहे एरोल मस्क को जब अपने बेटे एलन मस्क की नाराजगी के बारे में मालूम हुआ, तब उन्होंने अपनी मजबूरी दर्शाते हुए अपना दर्द कुछ इस तरह से बयां किया—
‘‘मैं इसे एक गलती नहीं कहूंगा, क्योंकि कोई भी बच्चा यह नहीं सुनना चाहेगा कि वो एक गलती से पैदा हुआ. आप को समझना होगा कि मैं 20 साल से अकेला था. आखिर मैं भी आदमी हूं, जो गलतियां करता है.’’
हीड की बेटी ही 3 साल पहले एरोल के बच्चे की मां बनी थी, जिसे छिपा कर रखा गया था. एलन के पिता एरोल मस्क साउथ अफ्रीका में इंजीनियर हैं. उन के मुताबिक दूसरा बच्चा भी अनप्लांड था, लेकिन उस के पैदा होने के बाद से ही वह 35 साल की जाना के साथ रह रहे हैं.
उन के उस सीक्रेट बेबी का जन्म 2018 में हुआ था. तब जाना ने अपने 10 महीने के बच्चे के साथ सितंबर 2018 में फेसबुक पर अपनी फोटो शेयर की थी. उस की शक्ल बिलकुल एलन मस्क से मिलती थी. इसे ले कर लोगों को संदेह हुआ, किंतु लोगों ने उन के रुतबे की वजह से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई थी.
एलन मस्क की सौतेली बहन जाना बेजुइडेनहाट की उम्र महज 4 साल थी, जब एरोल मस्क ने पहली पत्नी मेय हेल्डमेन से शादी तोड़ कर जाना की मां हीड बेजुइडेनहाट से दूसरी शादी की थी. उस वक्त हीड 25 साल की थी और एरोल 45 वर्ष के थे. एरोल और मेय हेल्डमेन के 3 बच्चे एलन, टोस्का और किंबल हैं. एरोल और हीड से भी 2 बच्चे हैं एलेक्जेंड्रा एली और एशा रोज मस्क.
यह जानते हुए कि जाना हीड के पहले पति की बेटी हैं, एरोल ने उस के साथ अफेयर किया. नतीजा साल 2017 में एरोल के बेटे इलियट रश मस्क का जन्म हुआ. उस के बाद 2018 में बेटी का जन्म हुआ.
एलन को अपने पिता की करतूत की जानकारी पहली बार 2017 में ही तब हो गई थी, जब मालूम हुआ था कि अविवाहित जाना पिता एरोल के बच्चे की ही मां बनने वाली हैं.
उस के बाद से ही एलन के संबंध अपने पिता से बिगड़ गए थे, जबकि एरोल की दूसरी पत्नी हीड बेजुइडेनहाट ने बच्चे के जन्म के बाद भी उस के पिता की पहचान छिपा ली थी. उन्हें डर था कि इस खबर के सामने आते ही उन के परिवार में सभी रिश्तों के हालात बिगड़ जाएंगे.
फिर भी एरोल के संबंध सौतेली बेटी के साथ बने रहे. साथ ही उन्होंने 2018 में दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि जाना का बच्चा एक गलती का परिणाम था. यह तब हुआ जब उस के बौयफ्रैंड ने उसे घर से निकाल दिया था और वह एरोल के घर रुकने आ गई थी.
उन्हीं दिनों एलन ने भी एक इंटरव्यू में अपने पिता से रिश्तों और सौतेले भाई के जन्म पर बात की थी. तब एलन ने कहा था, ‘‘वह इतने भयानक इंसान हैं, आप को पता नहीं है. मेरे पिता के पास वह करने का पूरा प्लान रहा होगा. वह आगे भी घिनौनी प्लानिंग करेंगे. लगभग हर अपराध जिस के बारे में आप सोच सकते हैं, उन्होंने किया है. लगभग हर बुराई जो आप सोच सकते हैं, उन्होंने की है. यह सच इतना भयानक है कि आप इस पर विश्वास नहीं कर सकते.’’
इस नाराजगी को खत्म करने के लिए एरोल मस्क ने पहल की और उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा कर दिया.
इस बात को लंबे समय तक गुप्त रखने के बाद अचानक क्या हो गया, जो एरोल ने अपनी गलती कुबूल ली? इस बारे में जब उन से पूछा तो उन्होंने बड़े ही अलग अंदाज में बताया कि इस धरती पर हम इंसान प्रजनन के लिए ही हैं.
साथ ही स्वीकार किया कि बच्चे को उस के पिता का नाम देना भी जरूरी था. वैसे उन का यह भी कहना था कि उन्होंने कभी बेटी का डीएनए चैक नहीं किया, लेकिन वह बिलकुल मेरी दूसरी बेटियों रोज और टोस्का की तरह ही दिखती है.
इस विवाद के बाद एरोल अपने स्पर्म के कारण भी चर्चा आ गए हैं. कारण, कई संभ्रांत महिलाएं चाहती हैं कि वह एरोल के स्पर्म से गर्भवती हों, ताकि उन का प्रभावशाली बच्चा पैदा हो.
इसे ले कर कोलंबिया की एक कंपनी ने उन से संपर्क किया है. कंपनी के माध्यम से उच्च श्रेणी की महिलाएं चाहती हैं कि एरोल मस्क के स्पर्म से अगली पीढ़ी का एलन मस्क पैदा हो सके.
इस पेशकश पर एरोल का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तो वह इस का कोई पैसा नहीं लेंगे. यह उन का एक दान होगा. उन्हें बदले में सिर्फ अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए, जैसे प्रथम श्रेणी की यात्रा और पांच सितारा आवास.
यह कहना गलत नहीं होगा कि एरोल के स्पर्म की बदौलत डिजाइनर बेबी पैदा करने की ललक फिर से पैदा हो गई है.
आईवीएफ तकनीक से न केवल जरूरत के मुताबिक बच्चे पैदा करने की सहूलियत मिल गई है, बल्कि भविष्य में बच्चे के लिए स्पर्म को सुरक्षित रखना भी संभव है. इस के लिए स्पर्म डोनर से सुविधाएं ली जाती हैं.
जब कपल बच्चे की चाहत में आईवीएफ क्लीनिक जाते हैं तो डाक्टर से कई तरह की डिमांड करते हैं. इस के पीछे का उद्देश्य डिजाइनर बेबी ही होता है.
डिजाइनर बेबी वह बच्चा होता है, जिस के जींस में बदलाव किए जाते हैं. इसे जींस का मेकअप भी कहा जा सकता है. कपल्स की डिमांड के मुताबिक बच्चे को आंखों, बालों का रंग, लंबाई, स्किन कलर और गुण दिए जाते हैं.
यह काम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ तकनीक के जरिए किया जाता है. हालांकि कई देशों में यह काम गैरकानूनी है. आईवीएफ स्पैशलिस्ट डाक्टर के सामने अधिकतर कपल इस तरह की मांग रखते जरूर हैं, लेकिन भारत में आईवीएफ टेक्नोलौजी इतनी एडवांस नहीं हुई है. आईवीएफ टेक्नोलौजी का मकसद हेल्दी बेबी पैदा करना है.
भारत, आस्ट्रेलिया, कनाडा, जरमनी और स्विटजरलैंड समेत 40 देशों में इनहैबिटेबल जेनेटिक मोडिफिकेशन तकनीक पर रोक है. बच्चे का लुक एग-स्पर्म पर निर्भर करता है. उस के गुण और ब्लड ग्रुप जींस पर. लेकिन आईक्यू उस की परवरिश और आसपास के माहौल पर निर्भर करती है.
शरीर में कुछ जींस प्रभावकारी होते हैं, जिन से बच्चे की लंबाई और आंखों का रंग प्रभावित होता है. यही कारण है कि स्पर्म डोनर की मांग उसी के अनुरूप होती है. आंखों का रंग हरा, काला, भूरा, नीला तभी होता है जब बच्चे के मम्मीपापा या दादीदादा की आंखों का रंग ऐसा हो.
भारत में एआरटी बैंक (एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलौजी क्लिनिक) से स्पर्म और एग आते हैं. उन के डोनर की पहचान गुप्त रखी जाती है. पुरुषों के लिए स्पर्म डोनर बनना आसान है, लेकिन महिलाओं को एग डोनर बनने के लिए पूरी आईवीएफ प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इस में सर्जरी की जाती है.
इंडियन मैडिकल काउंसिल औफ रिसर्च की गाइडलाइंस के अनुसार डोनर की उम्र 21 से 40 साल के बीच होनी चाहिए. लेकिन महिलाएं एरोल मस्क के स्पर्म के लिए बेकरार हुई जा रही हैं लेकिन वे उन की उम्र को नहीं देख रहीं कि वह 76 साल के हो चुके हैं.