सवाल
अगले महीने मेरी शादी होने वाली है. अच्छा घरबार है. होने वाले पति अच्छी जौब में हैं. घर में सब खुश हैं कि मैं खातेपीते घर में जा रही हूं. लेकिन मैं एक बात से जरा कन्फ्यूज्ड हूं, ससुराल में मेरे जेठजेठानी होंगे. सब साथ ही रहेंगे. मैं ने अधिकतर देखा है कि देवरानी जेठानी में बिलकुल नहीं बनती और संयुक्त परिवार में अकसर लड़ाई झगड़े होते हैं. इस कारण मैं परेशान हूं. मैं शादी के बाद कोई लड़ाई झगड़ा नहीं चाहती. मुझे वहां कैसे रहना चाहिए? मुझे कुछ सूझ नहीं रहा.
जवाब
आप अभी से इतनी दूर की क्यों सोच रही हैं. शादी कर के आप ससुराल जा रही हैं तो अपनी सोच को पौजिटिव रख कर वहां कदम रखिए. माना कि संयुक्त परिवार में लड़ाई?ागड़े हो जाते हैं इसलिए एकल फैमिली का चलन चल पड़ा लेकिन अब फिर लोगों को सम?ा आने लगा है कि अपनों का साथ जिंदगी में कितना जरूरी है. मातापिता का साया सिर पर होना कितना सुकून देता है और यह बात तब ज्यादा सम?ा आती है जब खुद का परिवार बनता है यानी जब बच्चे होते हैं. अपनों के बीच बच्चे का पालनपोषण कितना सुरक्षित और देखभाल भरा होता है, यह उन्हें तब पता चलता है.
रही बात जेठानी की तो छोटीछोटी बातों का आप ध्यान रखेंगी तो जेठानी के साथ प्रेममोहब्बत के साथ रह सकती हैं. कोई भी यदि जेठानी के बारे में कुछ कहता है तो डायरैक्ट उन से बात कर के सब क्लीयर करें.
एकदूसरे को ठीक से सम?ाने का बैस्ट तरीका है कि आप साथ में समय बिताएं. शौपिंग बैस्ट औप्शन है. साथ में जाएं. इस से रिश्ता मजबूत बनेगा. घर के काम भी यदि मिलजुल कर करते हैं तो लड़ाई?ागड़े का चांस नहीं मिलेगा.
खाली समय में अपने अलग कमरे में घुस कर न बैठे रहें बल्कि साथ में मिल कर गप्पें मारें. फिल्म देखें या कुछ और मस्ती कर लें. ये सभी काम आप के बीच प्रेम बढ़ाएंगे. घर में जब मां या बहन बीमार हो जाती है तो हम उस की सेवा करते हैं. काम में हाथ भी बंटाते हैं. बस, इसी सोच के साथ जेठानी का खयाल रखें. यदि आप उसे दिल से बहन मान लोगी और उस की बहुत केयर करोगी तो सामने वाली भी आप से प्रेम करने लगेगी.
वैसे तो आप को जेठानी के साथ रहना चाहिए लेकिन इतना भी न चिपके रहना कि उस का सांस लेना भी मुश्किल हो जाए. खासकर, निजी मामलों में आप को दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, जब तक कि वह आप से कुछ न कहे. मानसम्मान और बराबरी देवरानी और जेठानी को ससुराल में समान रूप से मिलना चाहिए और यह बात जेठानीदेवरानी दोनों को सम?ानी चाहिए. यदि आप ‘मैं तु?ा से बेहतर हूं,’ के कौंसैप्ट में उल?ा रहोगी तो कभी शांति से नहीं रह पाओगी.
इन सब बातों को गौर से पढ़ें और सम?ों और दिल की सारी उल?ान बाहर फेंक कर अपने आने वाले भविष्य के बारे में अच्छा सोचते हुए नई शुरुआत करें.
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