केएसए-756 डीबी

स्ट्रारीपर एक ऐसा कृषि यंत्र है, जो खेतों में बचे धान, गेहूं जैसी फसलों के अवशेषों को भूसे में बदल देता है. आजकल ज्यादातर देखने में आया है कि धान, गेहूं फसल की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर यंत्र द्वारा की जाती है, जिस में सामान्यतौर पर फसल में ऊपरी अनाज वाले हिस्से की कटाई कर ली जाती है, बाकी अवशेष खेत में खड़े रह जाते हैं, जिन्हें ज्यादातर किसान या तो खेत में जोत देते हैं, जिस से उस की खाद बन जाती है या बहुत से किसान उसे खेत में ही जला देते हैं, जो पर्यावरण के साथसाथ खेती की मिट्टी के लिए भी नुकसानदायक है.

स्ट्रा रीपर यंत्र इसी समस्या का समाध??ान करता है. वह बचे फसल अवशेष को काट कर सफाई के साथ कम समय में ही भूसा बना देता है, जो पशुओं के चारे के लिए काम आता है.

हालांकि सरकार ने कंबाइन हार्वेस्टरों के साथ स्ट्रा रीपर जैसे यंत्रों को जोड़ना भी जरूरी कर दिया है, जो फसल की कटाई के दौरान अनाज स्टोरेज के साथसाथ भूसा भी इकट्ठा कर सकें. फिर भी अनेक स्थानों पर ऐसी कमियां रह जाती हैं, इस के लिए किसानों को स्ट्रा रीपर का इस्तेमाल करना चाहिए.

स्ट्रा रीपर एकसाथ 3 तरह के काम करता है. खेत में खड़ी फसल काटने के बाद थ्रेशिंग करना और पुआल साफ करना अथवा भूसा बनाना. स्ट्रा रीपर ट्रैक्टरों के साथ जोड़ कर प्रयोग किया जाता है. यह असाधारण काम करता है और ईंधन की खपत कम करता है.

स्ट्रा रीपर कृषि यंत्र पर कई राज्य सरकारों की ओर से सब्सिडी का लाभ भी किसानों को दिया जाता है. यह छोटे और बड़े दोनों किसानों के लिए उपयोगी है.

इस मशीन के जरीए फसल कटाने पर कई प्रकार का फायदा होता है. पहला, गेहूं के दानों के साथसाथ भूसा भी मिल जाता है. इस से पशुओं के लिए चारे की समस्या नहीं होती है. इस के अलावा दूसरा फायदा यह है कि जो दाना मशीन से खेत में रह जाता है, उस को ये मशीन उठा लेती है, जिसे किसान अपने पशुओं के लिए दाने के रूप में प्रयोग कर लेते हैं. स्ट्रा रीपर का उपयोग कटाई, थ्रेशिंग के साथसाथ भूसे की सफाई के लिए किया जाता है.

केएसए-756 डीबी, स्ट्रा रीपर

देश की नंबर वन भूसा मशीन कंपनी केएस एग्रीकल्चर ने भूसा मशीन में नंबर वन टैक्नोलौजी के दावे के साथ भूसा मशीन केएसए-756 डीबी बनाई है. ऐसा माना जाता है कि केएस एग्रीकल्चर कंपनी अपनी सर्विस क्वालिटी के कारण आज भी दुनिया की नंबर वन कंपनी बनी हुई है.

केएस कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनी के एक प्रतिनिधि का कहना है कि यह दुनिया का पहला डबल ब्लोअर और 5 पंखों वाला स्ट्रा रीपर है. इस स्ट्रा रीपर को 30 साल के क्षेत्र के अनुभव के साथ विकसित कर के बनाया गया है. यह यंत्र मजबूत और टिकाऊ है, जिस का वजन तकरीबन 2040 किलोग्राम है.

यह यंत्र 7 से 7.5 फुट तक चौड़ाई के साथ फसल अवशेष की कटिंग करता  है. कम ईंधन की खपत व ट्रैक्टर के साथ आसानी से चलने वाला यंत्र है.

यह घंटेभर में 2 से 3 ट्रौली तक भूसा भरने में सक्षम है. मशीन चलने के समय पत्थर के प्रवेश को रोकने के लिए अलार्म के साथ स्टोन ट्रे दी गई है.

इस रीपर को 45 हौर्सपावर के ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है. इस की अनुमानित कीमत 3 लाख, 55 हजार रुपए तक है. अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9988970055 पर संपर्क कर सकते हैं.

स्वराज स्ट्रा रीपर

स्ट्रा रीपर ऐसी कटाई मशीन है, जो एक ही बार में पुआल को काटती है, थ्रेश करती है और साफ करती है. कंबाइन हार्वेस्ट के बाद बचे गेहूं के डंठल फसल अवशेष को दोलन करने वाले ब्लेड से काटा जाता है, जबकि घूमने वाली रील उन्हें पीछे की ओर धकेलती है और इन्हें बरमा करती है. बरमा और गाइड ड्रम द्वारा फसल अवशेष को मशीन में पहुंचाया जाता है, जो थ्रेशिंग सिलैंडर तक पहुंचता है और जो डंठल को छोटे टुकड़ों में काट कर भूसे में बदल देता है.

इस यंत्र में हैवी ड्यूटी गियर बौक्स, थ्रेशर ड्रम में 288 ब्लेड और कंकड़पत्थर को अलग करने के लिए जाल लगा है, जिस से साफसुथरा भूसा मिलता है.

इस यंत्र की काम करने की क्षमता 1 से 2 एकड़ प्रति घंटा तक है. अवशेषों से बचे हुए अनाज को इकट्ठा करने के लिए 40 से 50 किलोग्राम तक की क्षमता वाला टैंक भी लगा है.

दशमेश 517 स्ट्रा रीपर

45 हौर्सपावर के टैक्टर के साथ चलने वाले इस स्ट्रा रीपर से थ्रेशिंग ड्रम में 216 ब्लेड लगे हैं. अनाज भंडारण के लिए अलग से टैंक लगा है. यंत्र की चैसिस की लंबाई-56 इंच है और काम करने की कूवत 1 से 2 एकड़ प्रति घंटा है. इस में लगे थ्रेशर का व्यास लगभग 20 इंच है और कटर बार की चौड़ाई 7 फुट है. यंत्र का कुल वजन लगभग 1,800 किलोग्राम है.

इस के अलावा अनेक कंपनियां स्ट्रा रीपर बना रही हैं, जिस में स्वराज स्ट्रा रीपर, भलकित स्ट्रा रीपर, मालवा स्ट्रा रीपर खास हैं. साथ ही साथ अन्य कृषि यंत्र निर्माता जैसे करतार, महिंद्रा, न्यू हालैंड आदि भी स्ट्रा रीपर बना रहे हैं. हां, आप अपनी पसंद से जांचपरख कर यंत्र खरीद सकते हैं.

यहां आप को केवल सामान्य जानकारी दी गई है. कीमत आदि में उतारचढ़ाव हो सकता है. वैसे, कृषि यंत्रों पर सरकार द्वारा सब्सिडी का प्रावधान है. उस का फायदा भी आप अपने स्तर पर ले सकते हैं.

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