यह यंत्र सब्जियों, फूलों व फलों के पौधों सहित कपास में अनावश्यक कतारों के बीच में उग आई खरपतवार को निकालने के लिए काम आता है. इस के अलावा यह गन्ने की फसल में निराईगुड़ाई करने के साथसाथ मिट्टी चढ़ाने में भी काम आता है.

यह पावर वीडर यंत्र खासकर उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद रहता है, जो ट्रैक्टर या उस से संबंधित यंत्रों पर भारीभरकम रकम खर्च करने में सक्षम नहीं हैं.

क्या है पावर वीडर

यह आमतौर पर छोटी मशीन होती है, जिस को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. इस यंत्र में 1 या 2 इंजन लगे होते हैं. इंजन से ब्लेड, मेकैनिकल क्लच और गियरबौक्स को जोड़ने के लिए एक शाफ्ट लगी होती है. इस की गति को नियंत्रित करने के लिए चेन या बैल्ट ड्राइव अथवा वर्म गियर का उपयोग किया जाता है.

वैस, 2 या 4 गियर वाले पावर वीडर यंत्र भी आते हैं. छोटे वीडर 1.5 से 5 हौर्सपावर क्षमता वाले होते हैं. वैसे तो 2 स्ट्रोक इंजनों की क्षमता तकरीबन  25 से 50 सीसी है, पर इन की ईंधन खपत 60 से 90 मिनट प्रति लिटर होती है.

अपने आकार और फीचर्स के मुताबिक पावर वीडर की कीमतें अलगअलग हो सकती हैं. मिनी पावर वीडर यंत्र की कीमत तकरीबन 10,000 रुपए से शुरू हो कर 50,000 रुपए तक हो सकती है, जबकि मध्यम या दीर्घ पावर वीडर की कीमत तकरीबन 50,000 से डेढ़ लाख रुपए तक की कीमतों में आते हैं. उन्नत और एडवांस तकनीक वाले पावर वीडर की कीमतें एक से ढाई लाख रुपए तक हो सकती हैं.

4 पहियों वाला पूसा वीडर

यह बहुत ही साधारण यंत्र है. इस यंत्र में निराईगुड़ाई करने के लिए 30 सैंटीमीटर चौड़ा फाल लगा होता है. इस यंत्र से 40 सैंटीमीटर या उस से ज्यादा कतार से कतार की दूरी वाली फसलों की गुड़ाई कर सकते हैं. इस यंत्र का वजन तकरीबन 12 किलोग्राम है.

एक आदमी द्वारा खड़े हो कर इसे चलाया जाता है. हाथ से चला कर गुड़ाई करने वाले ये दोनों यंत्र भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली द्वारा बनाए गए हैं.

आप इस संस्थान के कृषि अभियांत्रिकी विभाग से संपर्क कर इन यंत्रों की पूरी जानकारी ले सकते हैं. इस के अलावा इस यंत्र को किसी भी कृषि यंत्र निर्माता से खरीद सकते हैं, क्योंकि यह बहुत ही साधारण यंत्र है.

ट्रैकऔन कल्टीवेटर

कम वीडर

यह यंत्र गन्ना, कपास, मैंथा, फूल, पपीता और केले वगैरह की फसलों के साथसाथ दूसरी कतार वाली फसलों की निराईगुड़ाई करने और खाद मिलाने के भी काम आता है.

यह यंत्र पहाड़ी इलाकों में कृषि व बागानों के काम के लिए भी बेहद कारगर है. इस यंत्र से निराईगुड़ाई का खर्च तकरीबन 30 से 40 रुपए प्रति बीघा आता है.

यह कल्टीवेटर कम वीडर 2 मौडलों में स्थानीय बाजार में मौजूद है. पहला मौडल टीके 160पी पैट्रोल से चलने वाला है और दूसरा मौडल टीके 200 के केरोसिन से चलने वाला यंत्र है. दोनों में 4 स्ट्रोक इंजन लगा होता है. इस में 4.8 हौर्सपावर का इंजन होता है. इस में लगे रोटर की चौड़ाई तकरीबन 12 से 18 इंच तक है. इस यंत्र का वजन भी तकरीबन 80-90 किलोग्राम के आसपास है.

इस यंत्र को अमर हैड एंड गियर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी द्वारा बनाया गया है. यह यंत्र अपनेआप आगे की ओर खेत को तैयार करता हुआ चलता?है. इस मशीन को धकेलना नहीं पड़ता है. जरूरत के मुताबिक रोटर की चौड़ाई और गहराई को घटाया या बढ़ाया जा सकता है.

इतना ही नहीं, किसानों के फायदे के लिए भी समयसमय पर सरकार की अनेक योजनाएं आती रहती हैं, चाहे वे कृषि यंत्रों से जुड़ी हों, पशुपालन से जुड़ी हों या कृषि के अन्य क्षेत्र से जुड़ी हों, इन सभी योजनाओं का फायदा किसान ले सकते हैं. सरकार द्वारा इन सभी योजनाओं पर अच्छीखासी सब्सिडी यानी छूट किसानों को दी जाती है.

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