सौजन्य: सत्यकथा
सोनू और ऊषा की शादी 2 सगे भाइयों अशोक और राजू के साथ हुई थी. ससुराल में दोनों ही बहनों का अलगअलग युवकों से चक्कर चलने लगा.हरियाणा के पानीपत में शहर के बीचोबीच जाटल रोड के पास एक हनुमान मंदिर है. उस के ठीक सामने दिल्ली पैरलल नहर है. बीते साल 21 दिसंबर को दिन में नहर के किनारे लोगों की भीड़ जुटी हुई थी. कारण, नहर में कहीं दूर से बहती हुई एक लाश आ रही थी.
ज्योंज्यों वह निकट आ रही थी, त्योंत्यों लोग उसे देख कर तरहतरह के अनुमान लगा रहे थे. कोई नवयुवक की लाश बता रहा था तो कोई उस के नहर में कूद कर आत्महत्या करने की आशंका जता रहा था. भीड़ में हर चेहरे पर कई सवाल उभरे हुए थे. साथ ही एक अहम सवाल था कि लाश किस की होगी?
लाश जब काफी नजदीक आई तो लोगों ने देखा कि वह किसी पुरुष की थी. उस का चेहरा काफी काला पड़ चुका था, जिस से उसे पहचानना मुश्किल था.
इस की सूचना पानीपत पुलिस को भी मिल गई थी. पुलिस मौके पर अपने साथ गोताखोरों को भी साथ ले आई. लाश बाहर निकलवाई तो देखा उस का चेहरा काफी झुलसा हुआ था. पुलिस ने चेहरा देखते ही अंदाजा लगा लिया कि यह आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का मामला है. लाश की पहचान मिटाने के लिए ही चेहरे को जला दिया गया था.
गला घोंटे जाने के निशान भी साफ नजर आ रहे थे. ये निशान बेल्ट या मोटी रस्सी के थे. लाश की एक कलाई पर अशोक और सोनू नाम का टैटू बना था.
नहर से लाश मिलने की सूचना पा कर पानीपत के पुराना औद्योगिक थाने के प्रभारी बलराज यादव भी अपने दलबल के साथ तुरंत मौके पर पहुंच गए.
उन्होंने आसपास खड़े लोगों से लाश की पहचान करवानी चाही, मगर ऐसा कोई भी नहीं था, जो उसे पहचान पाए.
जब देर तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई तब बलराज यादव ने एसआई राजपाल सिंह को लाश का पंचनामा कर पोस्टमोर्टम के लिए भेजने के आदेश दे दिए.
पुलिस कई दिनों तक लाश की पहचान की कोशिश में लगी रही. जब कोई सफलता नहीं मिली, तब एक सामाजिक संस्था की मदद से लाश का दाह संस्कार करवा दिया गया.
पोस्टमोर्टम रिपोर्ट से पुलिस को पता चला कि युवक की हत्या बेल्ट या मोटी रस्सी से गला घोंट कर की गई थी. हत्या के बाद उस की पहचान छिपाने की नीयत से उसे जलाने की कोशिश की गई थी, जिस से उस का चेहरा झुलस गया था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार गला घोंटने से पहले युवक के साथ मारपीट की गई थी. उस के शरीर पर अनेक घाव और कटे के निशान थे.
इस से अनुमान लगाया गया कि उसे कई लोगों ने मिल कर पीटा होगा. आशंका जताई गई कि पिटाई से अधमरा होने के बाद ही उस का गला घोंट दिया होगा.
अज्ञात लाश के दाह संस्कार के बाद एक महीना गुजर गया. पुलिस शिनाख्त की कोशिश में लगी रही. शिनाख्त के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी अपलोड कर दी थी. पहनावे और हाथ पर गुदे टैटू का हवाला देते हुए पैंफ्लेट छपवा कर चिपकवाए गए थे.
14 जनवरी, 2022 को थानाप्रभारी बलराज यादव फाइलें निपटाने में व्यस्त थे. दिन के 11 बजे थे. तभी एक युवती थाने आई और अपना परिचय दे कर बोली, ‘‘सर, मेरा नाम सोनू है. मैं भारत नगर काबड़ी रोड के रहने वाले अशोक की पत्नी हूं. मेरा पति अशोक 19 दिसंबर, 2021 से ही लापता है. मुझे कल ही मालूम हुआ है कि उस की हत्या हो गई है.’’
यादव अचानक एक युवती की बात सुन कर चौंक पड़े. बोले, ‘‘पति की हत्या के बारे में तुम्हें कैसे पता?’’
‘‘जी हुजूर, जिस ने उसे मारा उसी ने मुझे हत्या करते हुए वीडियो दिखाया है,’’ सोनू बोली.
‘‘गजब बात है, जिस ने मारा वही कहने आया कि उस ने तुम्हारे पति को मार डाला,’’ यादव एक बार फिर चौंके.
‘‘हैरानी हो रही है न हुजूर? जब हत्यारे ने मुझे वीडियो दिखाया है, तब मैं भी हैरान हो गई थी,’’ सोनू बोली.
‘‘जिस ने हत्या की है वह तुम्हें और तुम्हारे पति को पहले से जानता था? क्या नाम है उस का?’’ यादव ने पूछा.
‘‘जी, उस का नाम दीपक है. उस की मेरे पति से पुरानी दोस्ती भी थी,’’ सोनू बोली.
‘‘तुम तो हर बात में मुझे झटके पर झटका दे रही हो. जो भी तुम्हें मालूम है, पूरी बात विस्तार से बताओ.’’ थानाप्रभारी यादव सोनू को सामने की कुरसी पर बैठने का इशारा करते हुए बोले. उस के बाद सोनू ने उन्हें जो कहानी सुनाई, उस में और भी कई झटके थे.
सोनू ने थानप्रभारी यादव के कहने पर अपने पति के लापता होने से ले कर उस की हत्या किए जाने की बात इस तरह से सुनाई—
32 वर्षीय अशोक पानी के भारत नगर में रहता था. उस का एक दोस्त था दीपक, जो जींद जिले में सफीदों के करसिंधु गांव का रहने वाला है.
सोनू ने बताया कि दीपक 19 दिसंबर की रात अशोक को अपने साथ ले गया था. किस काम के लिए ले गया नहीं मालूम. इस से पहले उन दोनों ने बैठ कर शराब पी थी. दीपक ने बताया कि वह थोड़ी देर में आ जाएंगे.
उस के बाद से ही अशोक का कोई पता नहीं चल रहा था. जब वह घर नहीं लौटा तो दीपक को फोन किया, लेकिन उस का फोन बंद आ रहा था. इस से घर वालों की चिंता बढ़ गई.
इस के बाद घर के सभी लोग अशोक को इधरउधर ढूंढने लगे. जब उस का कहीं पता न चला तो थकहार कर उन्होंने सोचा कहीं यूं ही कहीं चला गया होगा. लेकिन चिंता हो रही थी कि वह बगैर बताए कहां जा सकता है?
उस के 3-4 सप्ताह बाद दीपक 13 जनवरी को सोनू के घर आया. जब सोनू ने उस से कहा कि जिस दिन से अशोक तुम्हारे साथ गया, आज तक नहीं लौटा है. यह सुनते ही वह भड़क गया और सोनू से झगड़ना शुरू कर दिया.
गालीगलौज करने लगा. बात इतनी बढ़ गई कि हाथापाई की नौबत आ गई. गालीगलौज करते हुए एक झटके में उस के मुंह से निकल गया कि उस ने अशोक का काम तमाम कर दिया है.
यह सुन कर सोनू एकदम से अवाक रह गई. उसे उस की बातों पर पहले तो विश्वास नहीं हुआ, लेकिन उस ने जब अशोक की हत्या के सबूत दिखाए तो वह एकदम से पत्थर बन गई. इस के बाद सोनू की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे.
सोनू को एक तरफ पति अशोक की मौत का गहरा सदमा लगा था, तो वहीं दूसरी तरफ वह गुस्से से पागल हुए जा रही थी. पति का हत्यारा उस के सामने ही था और उसे भी जान से मारने की धमकी दे रहा था. उस ने यह भी कहा कि उसे यहां आने से कोई रोक नहीं सकता. अगर किसी ने रोका तो वह उस का भी वही हाल करेगा, जो अशोक का किया है.
सोनू ने बताया कि दीपक उस की देवरानी ऊषा से प्यार करता है. वह उस से शादी करना चाहता है. ऊषा रिश्ते में उस की छोटी बहन भी है. दोनों बहनों की शादी एक ही घर में 2 भाइयों से हुई थी. अशोक का छोटा भाई राजू उस की छोटी बहन का पति है.
सोनू ने थानाप्रभारी को आगे बताया कि दीपक ने उस की बहन को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया है. अशोक को इस बात की जानकारी हो गई थी. इस का उस ने मेरे सामने ही विरोध करते हुए दीपक को समझाया था.
अशोक ने दीपक से यह भी कहा था कि ऐसा करने से राजू और ऊषा की जिंदगी तबाह हो जाएगी. उन का बसाबसाया घर उजड़ जाएगा. अशोक ने दीपक को इतना तक कहा था कि इस से उन दोनों की दोस्ती पर भी असर पड़ेगा, पर दीपक ने ऊषा से मिलना नहीं छोड़ा.
सोनू अपने दिल की बात धाराप्रवाह बोले जा रही थी. बीच में ही थानाप्रभारी यादव ने टोकते हुए पूछा, ‘‘दीपक ने अशोक की हत्या का तुम्हें क्या सबूत दिया?’’
‘‘दिया नहीं साहबजी, मुझे उस की हत्या करते हुए वीडियो दिखाया. अशोक को मारते हुए उस के मोबाइल में वीडियो था,’’ सोनू बोली.
‘‘वीडियो तुम्हारे पास है?’’ यादव ने पूछा.
‘‘नहीं, वह तो उसी के मोबाइल में है. दीपक ने बताया कि उस ने अशोक की गला घोंट कर हत्या करने के बाद उस की लाश नहर में फेंक दी थी.’’
अशोक की लाश के नहर में फेंकने की बात सुन कर थानाप्रभारी बलराज यादव एक बार फिर चौंक गए. क्योंकि उन्होंने 3 हफ्ते पहले ही नहर से झुलसे हुए चेहरे वाली एक अज्ञात लाश बरामद की थी.
उन्होंने अपनी दराज से एक लिफाफा निकाल कर उस में से कुछ तसवीरें सोनू के सामने फैला दीं और पूछा, ‘‘इसे पहचानती हो?’’
सोनू उन तसवीरों को हाथों में ले कर गौर से निहारने लगी. कुछ देर बाद बोली, ‘‘लगता तो अशोक की ही लाश है. जिस दिन घर से निकला था उस दिन वैसे ही कपड़े पहने हुए था, जैसा इस में दिख रहा है.’’
‘‘वीडियो में ऐसा कोई सीन दिखाई दिया था, जिस में उस का चेहरा जलाने जैसी बात हो?’’ यादव ने पूछा.
‘‘हां, उस के चेहरे पर कुछ डालते हुए दिख रहा था,’’ सोनू बोली.
‘‘अशोक से दीपक का कोई पुराना झगड़ा या किसी तरह का विवाद हुआ हो तो बताओ,’’ यादव बोले.
‘‘झगड़ा तो हुआ था. बात थाने तक जा पहुंची थी, लेकिन बाद में थाने में सुलह हो गई थी,’’ सोनू ने बताया.
‘‘और कोई बात बताओ.’’
‘‘…और तो अशोक के मन में दीपक का मेरी बहन के साथ प्रेम संबंध को ले कर ही तकलीफ थी. उसे जरा भी नहीं पसंद था कि उस के भाई की पत्नी किसी गैर मर्द के साथ संबंध बनाए,’’ सोनू बोली.
‘‘झगड़े वाली बात कब की है?’’
‘‘दीपक का अशोक के साथ झगड़ा पिछले साल जून महीने में ही हुआ था. ठीक से तारीख याद नहीं है. दोनों के बीच मारपीट तक हो गई थी. इस की शिकायत अशोक ने मौडल टाउन थाने में की थी.
‘‘उस के बाद दीपक अशोक के साथ दुश्मनी की भावना रखने लगा था, लेकिन शिकायत दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही वह फिर अशोक का दोस्त बन गया था.
‘‘इस बात को ले कर सोनू ने अपने पति का विरोध भी किया था, मगर अशोक ने कहा था कि उस ने दीपक को माफ कर दिया है. उस के बाद दोनों अकसर साथ बैठ कर शराब भी पीते थे.’’
सोनू की बातें सुनने के बाद थनाप्रभारी यादव ने सोनू को थाने से घर भेज दिया और कह दिया कि जरूरत होने पर उसे बाद में बुलाया जाएगा, इसलिए शहर से कहीं और नहीं जाए.
जातेजाते सोनू बोलती गई कि उस की जान को दीपक से खतरा है. क्योंकि उस ने उसे भी मारने की धमकी दी है. बलराज यादव ने सोनू की बातों को गौर से सुना. उस के जाने के बाद थानाप्रभारी ने एसआई राजपाल सिंह के साथ मिल कर इस केस के संबंध में विचारविमर्श किया, तब सोनू की कहानी से कई सवाल भी खड़े हो गए.
राजपाल सिंह ने थानाप्रभारी से कहा कि अगर अशोक 19 दिसंबर, 2021 में ही लापता हुआ था तो उस की गुमशुदगी की सूचना अभी तक किसी ने क्यों नहीं लिखवाई? अगर दीपक ने अशोक की हत्या की है तो उस ने यह राज 25 दिन बाद आ कर उस की ही पत्नी सोनू के सामने क्यों खोला? उसे हत्या का वीडियो क्यों दिखाया? इस के पीछे उस की मंशा क्या थी? ऐसा कर के उस ने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी क्यों मार ली?
इस पर थानाप्रभारी यादव ने कहा कि इन सवालों के जवाब अब दीपक से ही मिलेगा. इसलिए उसे जल्द से जल्द हिरासत में लिया जाना जरूरी है.
इसी के साथ थानाप्रभारी यादव ने एसआई राजपाल सिंह के नेतृत्व में तुरंत एक टीम बनाई और उसे दीपक के घर भेज दिया. दीपक अपने घर पर ही मिल गया. पुलिस उसे थाने ले आई.
थाने में सब से पहले उस का मोबाइल फोन चैक किया गया. उस में अशोक की हत्या का वीडियो आसानी से तुरंत मिल गया. उस वीडियो में साफसाफ दिख रहा था कि दीपक पहले अशोक को नहर किनारे ले गया. नहर किनारे 2 युवक पहले से ही बैठे शराब पी रहे थे. दीपक ने अशोक को भी शराब पीने को कहा, मगर अशोक ने मना कर दिया. उस के बाद दीपक ने उस से शराब पीने की जबरदस्ती की.
अशोक दीपक की जबरदस्ती का विरोध करते हुए दिखा. अशोक बोल रहा था कि उसे घर जाना है. उस के बच्चे उस का इंतजार कर रहे होंगे. फिर भी किसी तरह दीपक ने अशोक को शराब पिला दी.
उस के बाद दीपक के पास एक युवक आया. उन के आने पर दीपक ने अशोक के गले में अचानक अपने पैंट की बेल्ट डाल दी और पीछे की ओर घसीट लिया. एक युवक उस के साथ मारपीट करने लगा.
मारपीट के दौरान अशोक के मुंह से खून बहने लगा. उस वक्त रात हो चुकी थी. वीडियो पर दिखने वाले टाइम के अनुसार 11 बजे के बाद का समय था.
वीडियो में उस की बेरहमी से पिटाई करने का सीन आ गया था. वीडियो अस्थिर था. थोड़ी देर में मृत अशोक की मौत का सीन दिखा. मौत हो जाने के बाद हत्यारों ने बाइक से पैट्रोल निकाल कर उस के चेहरे पर डाल दिया.
यह सीन काफी स्पष्ट था, लेकिन इस काम को करने वाले का चेहरा नहीं दिख रहा था. जलता हुआ, फिर काफी झुलसा हुआ चेहरा ही दिखाई दिया था. बाद में शव को 2-3 लोगों ने मिल कर नहर में ले जा कर फेंक दिया था.
इस वीडियो को देखने के बाद पुलिस ने दीपक की गिरफ्तारी की औपचारिकताएं पूरी कर सीधे लौकअप में डाल दिया.
कुछ समय बाद उस से जब पूछताछ की, तब बेहद चौंकाने वाली कहानी का रहस्योद्घाटन हुआ. ऐसी कहानी सामने आई, जो सोनू द्वारा बताई गई कहानी से बिलकुल ही उलट थी.
उस में अपना बचाव करते हुए एकदूसरे को फंसाने की साजिश, प्रेम प्रसंग और संपत्ति हासिल करने का लालच भी शमिल था.
दीपक ने बताया कि यह सच है कि अशोक की हत्या में उस का और उस के साथियों का हाथ है, जैसा वीडियो में दिख रहा है, लेकिन ऐसा उस ने अशोक की पत्नी सोनू और उस की बहन ऊषा के कहने पर ही किया था. अब ये दोनों बहनें उसे ही फंसाने की कोशिश कर रही हैं. इस तरह से अशोक मर्डर की जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार है—
दीपक का मुंह खुलने के बाद दोनों बहनों की खौफनाक साजिश भी उजागर हो गई थी. पुलिस ने आननफानन में सोनू और ऊषा को भी गिरफ्तार कर लिया. उन के साथ ही दीपक और उन के दोस्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जो अशोक की हत्या में शामिल थे.
दरअसल, हत्या का यह पूरा मामला जमीनजायदाद और नाजायज संबंधों से जुड़ा हुआ था. दोनों बहनें सोनू और ऊषा की शादी एक ही घर में 2 भाइयों अशोक और राजू से हुई थी. दोनों भाइयों के नाम एक एक आवासीय प्लौट और कुछ अन्य प्रौपर्टी थी. अशोक की पत्नी सोनू चाहती थी कि वह उस प्लौट को बेच दे. लेकिन अशोक इस के लिए तैयार नहीं था.
उस के बाद दोनों बहनों ने मिल कर तय किया कि वे अशोक को रास्ते से हटा देंगी. उन्होंने अशोक और राजू के खास दोस्त दीपक से इस बारे में बात की. दीपक के नाजायज संबंध राजू की पत्नी ऊषा से थे. वह ऊषा के हुस्न का दीवाना था.
इस का फायदा उठाते हुए दोनों बहनों ने अशोक को मरवाने के लिए दीपक को अपने प्लान में शामिल कर लिया. बदले में ऊषा ने दीपक को भरोसा दिलाया कि अशोक की मौत के बाद वह उस से शादी कर लेगी और सोनू छोटे भाई से शादी कर लेगी. इस तरह से अशोक के हिस्से की संपत्ति उन्हें हाथ लग जाएगी.
ऊषा का दीवाना दीपक शादी और अशोक के हिस्से की जायदाद मिलने के लालच में हत्या के लिए राजी हो गया. उस ने इस काम के लिए अपने 2 अन्य दोस्तों सोमबीर और अजीत को भी तैयार कर लिया.
अशोक को मारने की पूरी प्लानिंग सोनू और ऊषा ने बनाई थी. प्लान के मुताबिक दीपक को शराब पार्टी का बहाना बना कर अशोक को घर से ले जाना था. वहीं उसे शराब के नशे में मार डालना था. उस के घर नहीं लौटने पर सोनू को रोनेधोने और पति को ढूंढने का नाटक करना था.
किंतु सोनू और ऊषा चाहती थीं कि अशोक की हत्या का प्रमाण भी मिले. इस के लिए उन्होंने दीपक से अशोक की हत्या का वीडियो बनाने के लिए भी कहा था. सब कुछ तय योजना के मुताबिक हुआ. दीपक ने दोनों बहनों के इशारे पर हत्या भी की और उस का पूरा वीडियो भी बनवाया.
अशोक की हत्या के बाद दीपक ऊषा पर शादी का दबाव बनाने लगा. मगर ऊषा अपने पति राजू के होते उस से शादी कैसे करती? राजू को इस बात की भनक भी नहीं लगी थी और घर के दूसरे सदस्य अशोक के लापता होने को ले कर परेशान भी थे.
ऊषा के मन में यह भी खयाल आया कि अशोक के मरने के बाद उस प्लौट और प्रौपर्टी पर राजू का हक खुदबखुद बन गया था. ऊषा को यह भी मालूम था कि वह किसी भी कीमत पर प्लौट न तो बेचेगा और न ही किसी को बेचने देगा.
कुल मिला कर बात घूमफिर कर वहीं आ गई, जो पहले थी. अशोक की हत्या के बाद भी दीपक के हाथ कुछ नहीं आया. इस का मलाल दोनों बहनों को भी हुआ. उस के बाद सोनू और ऊषा ने दीपक से राजू को भी खत्म करने के लिए कहा. यह विचार मन में आने पर धनसंपत्ति के लालच में वे भूल गईं कि दोनों ब्याहता हैं. एक की मौत तो हो चुकी है, दूसरे की मौत के बाद उन का भविष्य क्या होगा?
दूसरी तरफ दीपक भी दोनों बहनों का नया प्रस्ताव सुन कर काफी परेशान हो गया. वह पहले से ही एक की हत्या कर डरा हुआ था और अब वह दूसरी हत्या के लिए उकसाया गया था.
सच तो यही था कि वह दूसरी हत्या नहीं करना चाहता था. इस कारण उस ने साफ इनकार कर दिया. यही नहीं, उस ने सोनू और ऊषा को धमकाया भी कि अगर ऊषा ने उस से शादी नहीं की तो वह जा कर पुलिस को सारी बातें बता देगा.
दीपक की इस धमकी से सोनू और ऊषा डर गईं. इस खतरे के बारे में तो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था. अगर दीपक ने पुलिस के सामने कुछ बोल दिया तो पुलिस सोनू और ऊषा को दबोच लेगी. इसलिए उन्होंने एक प्लान बनाया. इस से पहले कि दीपक उन्हें फंसाए, दोनों बहनों ने ही दीपक को पुलिस के हवाले करने की योजना बनाई.
योजना के अनुसार ही सोनू ने अपने पति के लापता होने और उस की हत्या के सबूत के बारे में जानकारी दी. अशोक की हत्या की कहानी सुना कर दीपक को उस का हत्यारा बताया.
दोनों बहनों की चाल एक बार फिर उलटी पड़ गई. अशोक मर्डर के मामले में उस का हत्यारा खुद कानून के शिकंजे में आ गया. साथ ही साजिशकर्ता बहनें भी पकड़ में आ गईं.
दोनों बहनों के खिलाफ भी साजिश रचने की धाराएं लगा कर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर लिया गया. दीपक के मुंह खोलने से दोनों बहनों को भी हत्या के मामले में जेल जाना पड़ा और अशोक के बेगुनाह भाई राजू की जिंदगी बालबाल बच गई.
मूलरूप से करनाल के दाहा बछिदा का निवासी अशोक पानीपत के भारत नगर में रहता था. 3 भाइयों में वह सब से छोटा था. अशोक के परिवार में बड़ा भाई बिजेंद्र, मंझला राजू, बेटा रवि, बेटी अंजलि व बेटा ईशू हैं. पिता अशोक की हत्या और मां सोनू के जेल चले जाने के बाद तीनों बच्चे अब अकेले पड़ गए हैं.
5 साल पहले राजू जिस फैक्ट्री में काम करता था, उसी फैक्ट्री में करसिंधू निवासी दीपक भी मालिक का ड्राइवर था. दोनों की दोस्ती हुई और दीपक राजू के घर आनेजाने लगा. यहां उस की अशोक से भी दोस्ती हो गई.
दीपक की नजर जब राजू की पत्नी ऊषा पर पड़ी तो वह उस का दीवाना हो गया. राजू की गैरमौजूदगी में वह ऊषा से मिलने आने लगा और जल्दी ही दोनों का रिश्ता काफी करीब होता चला गया.
दूसरी ओर अशोक की पत्नी सोनू के भी किसी अन्य युवक के साथ अवैध संबंध थे. इन दोनों बहनों की नजर अशोक के एक प्लौट पर थी.
इस मामले की तेजी से जांच करने और निपटाने में पुराना औद्योगिक थाने के थानाप्रभारी बलराज यादव समेत एसआई राजपाल सिंह, बंसीलाल, एएसआई सुरेंद्र और हैडकांस्टेबल टिंकू की भूमिका सराहनीय रही.
हत्या से जुड़े सभी सबूतों और गवाहों के बयानों को दर्ज कर मामले को इतना मजबूत बना दिया गया कि आरोपियों का कानून के शिकंजे से बच पाना मुश्किल हो जाए. आरोपियों ने वारदात में इस्तेमाल बेल्ट को नहर में फेंक दिया था. वह कथा लिखे जाने तक बरामद नहीं हो पाई थी.
हत्यारोपी दीपक, जोशी गांव के अजीत और सोमबीर की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल बाइक व 3 मोबाइल फोन बरामद कर लिए गए. सभी आरोपियों ने अपना जुर्म भी कुबूल लिया. पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित