सौजन्य: मनोहर कहानियां
पति के देहसुख से वंचित संगीता जिस युवक के प्यार में पागल थी, उस की नजर कहीं और भी टिकी थी. लखनऊ के बहुचर्चित राम मनोहर लोहिया संस्थान में 28 दिसंबर, 2021 को कुछ ज्यादा ही गहमागहमी थी. ओपीडी से ले कर दूसरे विभागों में मरीजों की काफी भीड़भाड़ थी. हर विंडो और डाक्टर के चैंबर के बाहर अफरातफरी का आलम था.
ऐसा ही माहौल भरती वार्ड और जांच करवाने वाले विभागों के भीतर भी था. वहां के मरीज और उन के साथ आए अटेंडेंट ने पाया कि अस्पताल के कर्मचारी ड्यूटी करने के बजाय विरोध जता रहे थे. नतीजा अस्पताल का अधिकतर कामकाज पूरी तरह से ठप हो चुका था.
दरअसल, संस्थान में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी श्रीराम यादव का 18 दिसंबर, 2021 को अपहरण हो गया था. उसे मार कर नहर में फेंक देने की चर्चा थी, जबकि हत्या के जुर्म में उस की पत्नी संगीता यादव समेत 5 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका था. लेकिन पुलिस लाश बरामद नहीं कर सकी थी.
इस हत्याकांड को ले कर ही संस्थान का स्टाफ गुस्से में था. नर्सिंग संघ के आह्वान पर सभी सुबह 9 बजे से ही हड़ताल पर थे. अस्पताल की स्थिति को देख कर मैनेजमेंट के हाथपांव फूल गए थे.
इस की शिकायत जब मैडिकल कालेज के सीएमएस यानी चीफ मैडिकल सुपरिंटेंडेंट तक पहुंची, तब उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया.
सीएमएस की सूचना पा पुलिस कमिश्नर डी.के. ठाकुर ने तुरंत डीसीपी अमित कुमार आनंद और एडिशनल सीपी एस.एम. कासिम आब्दी को लोहिया संस्थान में आई आकस्मिक समस्या का तुरंत समाधान निकालने के लिए कहा.