आज के समय में फोन खोना यूं तो सामान्य सी बात होती है, लेकिन यह कभी-कभी मुश्किलें भी खड़ी कर देता है जो हमें परेशान कर देतीं हैं. उस स्थिति की कल्पना भर कीजिए कि आपका कोई महंगा मोबाइल फोन खो जाए, जिसकी आप ईएमआई भर रहे हो. जरा सोचिए आपको उस फोन की ईएमआई भरनी होगी जो अब आपके पास है भी नहीं. लेकिन ऐसी परिस्थितियों में मोबाइल इंश्योरेंस एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है जिसके बारे में सिर्फ चुनिंदा लोग ही जानते हैं. हम आपको मोबाइल इंश्योरेंस के बारे में हर छोटी-बड़ी बात बताने की कोशिश करेंगे.
मोबाइल इंश्योरेंस क्या है-
किसी भी अन्य बीमा उत्पाद की ही तरह मोबाइल फोन बीमा जोखिम कर प्रदान करता है. इस तरह के मामलों में इंश्योरेंस आपको फोन खोने, चोरी और नुकसान जैसी स्थितियों के लिए जोखिम राशि प्रदान करता है. इस तरह के बीमा को गैजेट खरीदने या बिलिंग के दिन से अधिकतम पांच दिन की अवधि के भीतर खरीदा जा सकता है. इंश्योरेंस (बीमा) का प्रीमियम गैजेट के मूल्य पर निर्भर करता है.
मोबाइल बीमा का पीरियड सामान्य तौर पर एक साल के लिए होता है, लेकिन बाजार में कुछ ऐसे बीमाकर्ता भी हैं जो दो साल के लिए भी मोबाइल इंश्योरेंस प्रदान करते हैं.
बीमा का फायदा किस स्थिति में-
• एक्ट ऑफ गॉड
• हड़ताल या दंगा के दौरान मोबाइल का नुकसान या चोरी
• चोरी और हाउसब्रेकिंग के मामले में
• आग, बिजली और विस्फोट से होने वाले नुकसान में
• व्यक्तिगत लापरवाही के परिणामस्वरूप होने वाले नुकसान जैसे कि खोना, भूल जाना/भूल गए/कहीं छोड़ देना, गायब हो जाना या फिर कहीं गिर जाना इस स्थिति में भी बीमा का फायदा मिलता है.
• चोरी की कोशिश से होने वाली हानि
• भारतीय क्षेत्र के बाहर हुआ कोई भी नुकसान
• जानबूझकर उपेक्षा के कारण नुकसान
• गलत इंस्टालेशन और गलत सेट-अप के कारण होने वाले नुकसान पर
• साइबर हमले, आतंकवादी गतिविधियों और घृणित गतिविधियों के दौरान हुए नुकसान पर
कौन-कौन सी कंपनियां देती हैं मोबाइल बीमा-
बहुत सारी बीमा कंपनियां थर्ड पार्टी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से मोबाइल/गैजेट बीमा प्रदान करती हैं. बजाज आलियांस, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी इस सेवा की पेशकश करने वाले कुछ प्रमुख नाम हैं. वहीं थर्ड पार्टी के अलावा सिस्को गैजेट्स, बिस्कोट, गैजेटकॉप्स, इन्फी शील्ड, वारंटी बाजार, ऐप्स डेली और ऑनसाइट पर भी मोबाइल इंश्योरेंस के लिए संपर्क किया जा सकता है.
क्लेम के लिए क्या करें-
बाजार में उपलब्ध तमाम बीमाकर्ताओं की ओर से उपलब्ध करवाए गए बीमा पर क्लेम करने की प्रक्रिया कुल मिलाकर सभी की एक जैसी होती है. जिस तरह से जीवन बीमा और अन्य प्रकार के इंश्योरेंस पर क्लेम किया जाता है उसी प्रक्रिया से मोबाइल बीमा का भी क्लेम आसान है.
हालांकि इसमें शर्त यह होती है कि किसी व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके, नुकसान/चोरी या फोन के नुकसान के बारे में बीमाकर्ता को सूचित करना चाहिए.