सिनेमा काफी विकसित हो गया है. अभिनय के कई माध्यम हो गए हैं. थिएटर,फिल्म व टीवी के बाद अब ओटीटी प्लेटफार्म व लघु फिल्में आदि आ गए हैं.लेकिन आज भी बौलीवुड में काम करने का अवसर पाना टेढ़ी खीर ही है. आज भी बौलीवुड में काॅस्टिंग काउच विद्यमान है. माना कि मूलतःकोलकाता निवासी अभिनेत्री संचित बनर्जी एक हिंदी फिल्म ‘रक्तधार’’के अलावा ‘निरहुआ हिंदुस्तानी 2’,‘क्रैकफाइटर’और ‘विवाह’जैसी तीन सफलतम भोजपुरी फिल्मों में अभिनय कर अपना एक अलग मुकाम बना चुकी हैं.और इन दिनों ‘दबंग’टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहे नारी उत्थान की बात करने वाले सीरियल ‘‘रक्षाबंधनः रसाल बनी अपने भाई की ढाल’’मेंगंू गी फूली के किरदार में शोहरत बटोर रही हैं.
मगर पहली हिंदी फिल्म ‘‘रक्तधार’’ में अभिनय करने का अवसर पाने से पहले उन्हे काफी संघर्ष करना पड़ा खुद संचिता बनर्जी बताती हैं-‘‘मुंबई आने से पहले मैं कोलकाता में माॅडलिंग की दुनिया में स्टार बन चुकी थी. मंुबई आने के बाद मैने किशोर नमित कपूर व अतुल माथुर से अभिनय की बारीकियंा भी सीखीं. फिर भी मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा.
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मुझे फिल्मों के आफर मिल रहे थे.मुझे कई बड़े बैनर की फिल्में भी मिली, लेकिन बीच के लोग फंसाते थे.वह कहते थे कि निर्देशक से मिलवा दूंगा, कुछ करो. अपने अभिनय करियर को संवारने के लिए किसी भी गंदी चीज से समझौता नहीं कर सकती थी. मैंने फिल्म निर्माण में पैसे लगाने,को आर्डीनेटर को फार्म भरकर दसबी सहजार रूपए देने से साफ इंकार कर दिया.
मैने किसी के साथ देर रात घूमने जाने से मना कर दिया.
क्योंकि मैं हर सफलता अपनी प्रतिभा के बल पर पाना चाहती थी और आज भी अपनी प्रतिभा के बल ही आगे बढ़ना चाहती हॅूं.मुझे हमेशा अपने टैलेंट पर भरोसा रहा.’’लेकिन पहली हिंदी फिल्म ‘रक्तधार’तो चार वर्ष पहले 2017 में प्रदर्शित हुई थी.
उसके बाद कोई हिंदी फिल्म नहीं की. जबकि भोजपुरी में सात फिल्में कर चुकी हैं.इस पर संचिता बनर्जी ने कहा-‘‘फिल्म‘रक्तधार’के बाद भी मुझे हिंदी फिल्मों के आफर मिले.मगर मैं उन फिल्मों का हिस्सा नही बन सकती ,जिन्हे मैं अपने पााप संग बैठकर न देख सकॅंू
.मैं बीयासी ग्रेड की फिल्मों का भी हिस्सा नही बनना चाहती.
मैं अच्छे कंटेंट वाली फिल्में ही करना पसंद करती हॅूं. मैं हिंदी फिल्मों में काम पानेके लिए फिल्म के निर्माण में पैसा नहीं लगा सकती.
किसी निर्देशक या कलाकार के साथ देर रात कहीं घूमने या चाय पीने नही जा सकती.
मुझे फिल्मी पार्टीयों में जाना भी पसंद नहीं.मैं पहले से ही कह देती हॅूं कि मैं बोल्ड दृश्य नही करने वाली. कहानी की माॅंग हो और उस दृश्य को बहुत ही खूबसूरती व कलात्मक ढंग से फिल्मा ना हो तो मैं कर सकती हॅं. मैं लव मे किंग सीन करने में सहज नही हॅूं.मैं चुंबन दृश्य करने में सहज नही हॅूं.’’