नौकरी का क्या है? आज है तो कल नहीं. स्नैपडील ने एक साथ सैंकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की. इस घोषणा से दो बातें पता चली. पहली जो कि सर्वविदित है, कोरपोरेट की नौकरी का कोई भरोसा नहीं होता. दूसरी ये कि ई-कॉमर्स सेक्टर में ‘कंपीटिशन कितना टफ’ हो गया है. कंपीटिशन तो हर जगह टफ है, पर ई-कॉमर्स सेक्टर? यह बात हैरत में डालने वाली नहीं तो और क्या है? ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ते चलन को देखते हुए लोगों को ये बात हजम करने में जरा दिक्कत हो रही है. पर लोग इस बात को नजरअंदाज कर रहे हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ने के साथ ही नित नई ई-कॉमर्स कंपनियां और स्टार्ट-अप भी बाजार में आ रहे हैं. जिससे पुराने कंपनियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है.

ई-कॉमर्स कंपनियां ही नहीं, आईटी इंडस्ट्री, स्टील सेक्टर और यहां तक की मीडिया इंडस्ट्री में भी छंटनी की इस प्रक्रिया ने जोर पकड़ लिया है. इनमें से कुछ कंपनियों ने घाटे में न होने के बावजूद भी कर्मचारियों को ‘पिंक स्लिप’ दे दिया. ज्यादती तो है, पर कोरपोरेट सेक्टर की यही खासियत है, जी भर के काम लेना, वक्त आने पर निकाल देना…

पिछले कुछ समय में बड़े पैमाने पर छटनी के इस चलन ने कुछ ज्यादा ही जोर पकड़ लिया है. आइए नजर डालते हैं, ऐसी ही कुछ कंपनियों पर जहां से कई कर्मचारियों को एक साथ बाहर का दरवाजा दिखा दिया गया

1. स्नैपडील

घाटे का हवाला देते हुए ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ने 600 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की है. फरवरी के अगले कुछ दिनों में स्नैपडील निस्काशन की इस प्रक्रिया को पूरा करेगी. गौरतलब है कि फाउंडर ने सैलेरी न लेने की घोषणा भी की है. ऐमेजॉन और फ्लिपकार्ट से मिल रही कड़ी टक्कर के कारण कंपनी को यह कदम उठाना पड़ा है.

2. माइक्रोसोफ्ट

माइक्रोसोफ्ट ने एडवांस में घोषणा कर दी थी कि जून 2017 तक कंपनी से 2,850 लोगों को निकाल दिया जाएगा. इसी कड़ी में जनवरी 2017 में माइक्रोसोफ्ट ने 700 नौकरियां छीन ली. भारतीय मूल के सीईओ के आने के बाद से कंपनी ने कई कर्मचारियों को छंटनी की.

माइक्रोसोफ्ट ने 2014 में एक साथ 18,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया था. माइक्रोसोफ्ट के इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार लोगों को निकाला गया था.

3. लार्सन ऐंड टर्बो (एल ऐंड टी)

इंजीनियरिंग कंपनी एल ऐंड टी ने साल 2016 में 14000 कर्मचारियों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया था. कंपनी के मालिकों ने कंपनी को ‘रिफ्रेम’ करने का हवाला देते हुए कर्मचारियों की नौकरी छीन ली. एल ऐंड टी की कंपनियां कई सेक्टर में फैली हैं. सभी सेक्टर से कर्मचारियों की छटनी की गई थी. घाटे में न होने के बावजूद कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी की थी, कंपनी के कर्ता-धर्ता ने खुद ये बयान दिया था.

4. सिस्को सिस्टम्स इन्क

सिस्को ने अगस्त, 2016 में एक साथ 5,500 को टर्मिनेट कर दिया. मालिकों ने यह कहा कि कर्मचारियों को निकालकर जो पैसे बचेंगे उसे कंपनी के ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. सिस्को स्विच से लेकर राउटर तक बनाती है.

5. आईबिएम

एक विदेशी अखबार के अनुसार सितंबर, 2017 में आईबिएम ने मार्च में छंटनी की प्रक्रिया शुरु की. इसके कारण 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. कंपीटिशन के दवाब ने इस कंपनी के कई लोगों की नौकरी छीन ली.

6. फ्लिपकार्ट

स्नैपडील अकेला ऐसा ई-कॉमर्स सेक्टर नहीं है, जिसने एक साथ कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला हो. पिछले साल जुलाई में फ्लिपकार्ट ने एक साथ 1000 कर्मचारियों की छंटनी की. अपनी इस काम को फ्लिपकार्ट ने ‘कॉमन प्रैकटिस’ करार दिया.

7. इन्टेल

चिप बनाने की कंपनी इन्टेल ने भी जुलाई 2016 में 12,000 कर्मचारियों को बाहर का दरवाजा दिखा दिया. आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार रेवेन्यु बढ़ने के बावजूद कंपनी ने दुनिया भर से अपने कई कर्मचारियों को निकाल दिया था. कंपनी ने अपनी सफाई में लॉस को छंटनी का कारण बताया.

8. एस्सार स्टील प्लांट

स्टील जाएंट एस्सार ने भी कंपनी को हो रहे घाटे की भरपाई कर्मचारियों को निकालकर की. कुछ को तो टर्मिनेशन लेटर दिया गया. पर कुछ कर्मचारियों को दुर्गम जगहों पर ट्रांसफर कर के कंपनी छोड़ने पर मजबूर किया गया. अपने एक ही प्लांट से कंपनी ने 700 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया था.

जापान में कुछ योद्धा ‘हाराकिरी’ से गुजरते हैं. यह एक तरह का अनुष्ठान है, जिसमें योद्धा आत्महत्या करता है. योद्धा खुद को ही बड़ी दर्दनाक मौत देता है. यही नहीं, उसके सगे-संबंधी, दोस्त सबके सामने यह खूनी खेल चलता है. कर्मचारियों को यूं बेवजह निकाल देना ‘हाराकिरी’ से कम नहीं है. बड़े पैमाने पर छंटनी करके कंपनी बाजार में अपनी साख गिरा लेती है. पर जैसा कि पहले ही कहा गया है, यहा कोरपोरेट की दुनिया है, यहां संभल कर चलना भी बहुत ज्यादा फायदेमंद नहीं होता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...