ग्लोब्लाइजेशन और लिब्रलाइजेशन के वर्तमान युग में ऐंटरटेनमैंट और मीडिया का जिस तेज रफ्तार से प्रसार होता जा रहा है, उसी तेजी से मानव जीवनशैली में भी परिवर्तन होता जा रहा है. सच पूछें तो मीडिया और ऐंटरटेनमैंट के क्षेत्र में अद्भुत तरक्की के कारण तकनीक से ले कर लाइफस्टाइल और फूड से ले कर कल्चर तक सभी अविश्वसनीय परिवर्तनों के दौर से गुजर रहे हैं. इन सभी परिवर्तनों के कारण रोजगार के नए अवसर भी बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो रहे हैं. आइए, देखते हैं कि 21वीं सदी के इनफौर्मेशन टैक्नोलौजी के युग में मीडिया और ऐंटरटेनमैंट के क्षेत्र में जौब्स और कैरियर के महत्त्वपूर्ण विकल्प क्या हैं :
ग्राफिक डिजाइनिंग में कैरियर
ग्राफिक डिजाइनर का मुख्य काम कम्युनिकेशन को विजुअल रूप देना होता है. इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए ग्राफिक डिजाइनर में क्रिएटिविटी और कल्पनाशक्ति का होना जरूरी होता है. न्यूजपेपर्स, पत्रिकाएं, वैब पेपर्स के अतिरिक्त सभी प्रकार के इलैक्ट्रौनिक और प्रिंट मीडिया में आप जिस ग्राफिक और इमेज कौंबिनेशन को देखते हैं वे सभी उन में कार्य करने वाले ग्राफिक डिजाइनर्स के क्रिएशन होते हैं. ऐडवरटाइजिंग एजेंसीज से ले कर टैलीविजन इंडस्ट्री तक में ग्राफिक डिजाइनर की डिमांड बडे़ पैमाने पर होती है और यही कारण है कि हाल के वर्षों में ग्राफिक डिजाइनर के लिए जौब के अवसर काफी बढ़ रहे हैं.
कोर्स कहां से करें
ग्लोबल मार्केट के मौडर्न युग में ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स एक फैशनेबल कोर्स माना जाता है. ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स प्लस टू के बाद किया जा सकता है. वैसे इस क्षेत्र में कैरियर में काफी अधिक सक्सैस के लिए ग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट डिग्री के साथ डिप्लोमा एवं पीजी डिप्लोमा भी किया जा सकता है.
ग्राफिक डिजाइनिंग के मुख्य कोर्स हैं
– फाइन आर्ट्स ऐंड ग्राफिक डिजाइनिंग में बैचलर डिग्री.
– पोस्टग्रैजुएट डिप्लोमा इन डिजाइन, विजुअल कम्युनिकेशन डिजाइन प्रोग्राम.
– ग्रैजुएट डिप्लोमा इन डिजाइन.
– पोस्टग्रैजुएट डिप्लोमा इन ऐडवरटाइजिंग ऐंड विजुअल कम्युनिकेशन कोर्स.
– पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन एप्लाइड आर्ट्स ऐंड डिजिटल आर्ट्स.
– पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन प्रिंटिंग ऐंड मीडिया इंजीनियरिंग.
– डिप्लोमा इन विजुअल कम्युनिकेशन.
ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स के प्रमुख संस्थान
ग्राफिक डिजाइनिंग के लिए उपरोक्त कोर्सेज के लिए कईर् प्रसिद्ध संस्थान देश में कार्य कर रहे हैं, जिन में कुछ प्रमुख हैं :
सृष्टि स्कूल औफ आर्ट, डिजाइन ऐंड टैक्नोलौजी, बेंगलुरु, नैशनल इंस्टिट्यूट औफ डिजाइन, अहमदाबाद, इंडस्ट्रियल डिजाइन सैंटर, आईआईटी मुंबई, आईआईटी कानपुर, आईआईटी गुवाहाटी. डिपार्टमैंट औफ डिजाइन, महाराष्ट, इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी, पुणे.
ग्राफिक डिजाइनर के लिए जौब्स के अवसर कहां उपलब्ध हैं
वर्तमान इनफौर्मेशन टैक्नोलौजी युग में मीडिया का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचा हो जहां कि ग्राफिक डिजाइनर के लिए अवसर मौजूद न हों. ग्राफिक डिजाइनर के लिए प्रिंट मीडिया एवं विजुअल मीडिया में रोजगार के बेशुमार अवसर उपलब्ध हैं. ग्राफिक डिजाइनिंग में डिग्री और डिप्लोमा के साथ कैंडिडेट क्रिएटिव डायरैक्टर, आर्ट डायरैक्टर, लोगो डिजाइनर, लेआउट आर्टिस्ट, ब्रैंड आइडैंटिटी डिजाइनर, फ्लैश डिजाइनर, मल्टीमीडिया डिजाइनर और अन्य संबंधित क्षेत्रों में भी लुक्रेटिव पोस्ट्स के रूप में जौब्स पा सकता है.
एनीमेशन में कैरियर की अपार संभावनाएं
आप ने बच्चों को कार्टून चैनल्स पर डोरेमोन, मिक्की माउस, डोनाल्ड डक, छोटा भीम, मोटूपतलू और न जाने कितने कार्टून्स से चिपके देखा होगा. इन कार्टून्स का जादू इतना होता है कि सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े भी इन के दीवाने होते हैं. इन सभी कार्टून्स के करैक्टर्स के रूप में डोरेमोन, सिंचन आदि तो घरेलू नाम जैसे ही लोकप्रिय हो गए हैं. कार्टून्स बनाने की इस प्रक्रिया में विभिन्न करैक्टर्स में आवाज और मूवमैंट के माध्यम से टैलीविजन के परदे पर जीवित करने की कला ही एनीमेशन की कला कहलाती है. जाहिर है कि कार्टून्स के निर्माण से ले कर करैक्टर्स को जीवित रूप में प्रैजेंट करने के लिए एनीमेटर में अव्वल दर्जे की क्रिएटिविटी का होना एक अनिवार्य शर्त है. कल्पनाशीलता का गुण एनीमेशन के क्षेत्र में सफलता के लिए दूसरा महत्त्वपूर्ण गुण है.
जिस तरह से पूरी दुनिया टैक्नोलौजी ऐडवांसमैंट की दिशा में आगे बढ़ रही है उसी रफ्तार से एनीमेशन की दुनिया में भी चौंकाने वाले परिवर्तन हो रहे हैं. इनफौर्मेशन टैक्नोलौजी के फास्ट डैवलपमैंट के कारण एनीमेशन और ऐडवरटाइजिंग इंडस्ट्रीज में जिस प्रकार से तेजी से विकास हो रहा है उसी तेजी से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं.
आवश्यक ऐजुकेशनल क्वालिफिकेशंस
एनीमेशन में प्रोफैशनल कोर्स की शुरुआत 12वीं के बाद हो जाती है. एनीमेशन में कोर्स कर लेने के बाद इस क्षेत्र में जौब्स के अवसरों की कोई कमी नहीं है.
महत्त्वपूर्ण कोर्सेज
इस क्षेत्र में निम्नांकित कोर्स काफी फेमस हैं :
बीए (औनर्स) इन 3 डायमैंशन एनीमेशन, एनीमेशन ऐंड ग्राफिक डिजाइन में बीए, एनीमेशन में बीएससी, एनीमेशन और गेम टैक्नोलौजी में बीएससी, एनीमेशन ऐंड मल्टीमीडिया में बीएससी, ऐडवांस डिप्लोमा इन 3 डायमैंशन एनीमेशन, ऐडवांस डिप्लोमा इन एनीमेशन ऐंड विजुअल इफैक्ट्स, ऐडवांस डिप्लोमा इन एनीमेशन इंजीनियरिंग, एनीमेशन ऐंड मल्टीमीडिया में एमएससी, 3 डायमैंशन एनीमेशन में एमएससी, 3 डायमैंशन एनीमेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन, 3 डायमैंशन कम्युनिकेशन में पोस्टग्रैजुएट डिप्लोमा.
प्रमुख संस्थान
एनीमेशन के कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान हैं :
ग्लोबल इंस्टिट्यूट औफ गेमिंग ऐंड एनीमेशन, चेन्नई, अकादमी औफ डिजिटल आर्ट्स, नई दिल्ली, प्राण मीडिया इंस्टिट्यूट, नईर् दिल्ली, माया अकादमी औफ ऐडवांस्ड सिनेमाटिक्स, मुंबई, नैशनल इंस्टिट्यूट औफ डिजाइन, अहमदाबाद, इंडस्ट्रियल डिजाइन सैंटर, आईआईटी मुंबई, इंस्टिट्यूट औफ कम्युनिकेशन ऐंड मीडिया टैक्नोलौजी, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी.
रोजगार के अवसर
एनीमेशन की डिग्री होल्डर्स के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है. टैलीविजन चैनल्स के साथसाथ गेमिंग इंडस्ट्री में एनीमेशन में डिग्री और डिप्लोमा होल्डर्स के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर खुले हुए हैं. इस के अतिरिक्त एनीमेशन के डिग्री होल्डर्स ऐडवरटाइजिंग एजेंसीज के साथसाथ वैब कंपनियों के लिए भी काम करते हैं.
ब्रौडकास्टिंग इंजीनियरिंग
मीडिया और ऐंटरटेनमैंट वर्ल्ड के लिए ब्रौडकास्टिंग और टैलीकास्टिंग सैग्मैंट्स फाउंडेशन स्टोन का काम करती हैं. इस की अनुपस्थिति में हम टैलीविजन के सैकड़ों चैनल्स पर किसी भी प्रोग्राम की कल्पना नहीं कर सकते, क्योंकि ब्रौडकास्टिंग इंजीनियर ही टैलीविजन और रेडियो के कार्यक्रमों को लाखोंकरोड़ों लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐंटरटेनमैंट और न्यूज चैनल्स में प्रतिदिन जिस तेजी से वृद्धि हो रही है और एफएम रेडियो की लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है, तो ऐसी स्थिति में एक ब्रौडकास्टिंग इंजीनियर के कैरियर प्रोस्पैक्ट में भी काफी वृद्धि हुई है.
ब्रौडकास्टिंग इंजीनियर के रूप में अपना कैरियर निर्माण के लिए हमें कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जाननी जरूरी हैं :
किस कोर्स की जरूरत होती है
पहली महत्त्वपूर्ण बात तो यह है कि ब्रौडकास्टिंग इंजीनियरिंग स्ट्रीम वास्तव में इंजीनियरिंग की कोई स्पैशल स्ट्रीम नहीं है. यह इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की ही एक सबडिवीजन है. ब्रौडकास्टिंग इंजीनियर में कैरियर के लिए किसी स्टूडैंट को मैथमैटिक्स और फिजिक्स सब्जैक्ट्स के साथ ‘प्लस टू’ पास होना जरूरी होता है. इस के साथ ही इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग या ब्रौडकास्ट टैक्नोलौजी में ग्रैजुएशन की डिग्री भी अनिवार्र्य होती है.
इस के अतिरिक्त ब्रौडकास्ट इंजीनियरिंग के कैरियर में इच्छुक कैंडिडेट के लिए इलैक्ट्रौनिक्स ऐंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इनफौर्मैशन टैक्नोलौजी एवं औडियो इंजीनियरिंग में 4 साल के बैचलर कोर्र्स भी काफी महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं. वैसे ब्रौडकास्ट इंजीनियरिंग के अंतर्गत कुछ और महत्त्वपूर्ण डिग्री कोर्स हैं, इलैक्ट्रौनिक्स, टैलीकम्युनिकेशन, ब्रौडकास्ट टैक्नोलौजी, कंप्यूटर इनफौर्मैशन टैक्नोलौजी में बीई या बीटैक. इस के अतिरिक्त इंजीनियरिंग के क्षेत्र से हट कर भी कुछ अन्य कोर्स हैं जिन के माध्यम से ब्रौडकास्ट इंजीनियरिंग के कैरियर में प्रवेश पाया जा सकता है. ये कोर्स निम्न हैं :
कंपेरिंग, डबिंग एवं ब्रौडकास्टिंग में सर्टिफिकेट कोर्स. वैसे ब्रौडकास्ट मीडिया में डिप्लोमा भी किया जा सकता है. ब्रौडकास्ट जर्नलिज्म या प्रिंट ब्रौडकास्ट एवं औनलाइन मीडिया जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से ब्रौडकास्टिंग इंजीनियरिंग में कैरियर बनाया जा सकता है.