फिल्म समीक्षाः सयोनी
रेटिंग:एक स्टार
निर्माणः लकी नाडियाडवाला मोरानी प्रोडक्शंस और डी एंड टी प्रोडक्शंस प्रा.लिमिटेड
निर्देशक: नितिन कुमार गुप्ता और अभय सिंघल
कलाकार:तन्मय सिंह,मुसकान सेठी, योगराज,राहुल रॉय, उपासना सिंह व अन्य.
अवधि: एक घंटा 52 मिनट
काफी लंबे समय बाद यूके्रन में फिल्मायी गयी एक्शन,संगीत और रोमांस प्रधान फिल्म‘‘सयोनी’’लेकर आए हैं नितिन कुमार गुप्ता और अभय सिंघल.फिल्म में नए कलाकारों की भरमार है.मगर कथानक में कुछ भी नयापन नही है.
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कहानीः
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित शूटिंग चैंपियन राजदीप रंधावा(तन्मयिॆ सिंह) एक निर्दोष, हर्षित, खुशी भाग्यशाली पंजाबी लड़का है,जिसके पिता कुष्ती(योगराज सिंह ) लड़ना और षूटर बनने की ट्रेनिंग देते हैं.राजदीप की मां(उपासना सिंह ) हमेशा उसकी भलाई सोचती रहती है.जिस दिन राजदीप रंधावा अंतरराष्ट्रीय शूटर की चैपिंयनशिप जीतने के लिए जा रहा होता है,तो उसकी मुलाकात खुशमिजाज व जिंदादिल लड़की माही (मुस्कान सेठी से) से होती है,जो उसका गोल्ड मैडल चुरा लेती है और फिर वादा करती है कि राजदीप के पिता के हाथ में जाकर देगी.माही बोटानी/वनस्पति विज्ञान की पढ़ाई कर रही है.और उच्च शिक्षा के लिए रशिया के एक काॅलेज में प्रवेश चाहती है. राज के घर माही के पहुॅचने के बाद दोनों के बीच प्यार हो जाता है.
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फिर माही को अपने शोध के लिए रूस के एक विश्वविद्यालय से निमंत्रण मिलता है.जब माही रूस पहुंचती है,तो वह एक भयावह साजिश में फंस जाती है और खुद को फंसा हुआ पाती है.मदद के लिए बेताब माही,राज को फोन करती है.वीडियो कॉल में राज अपनी आँखों के सामने अपनी प्रेमिका व अपने जीवन माही को अपहृत देखता है.माही को वापस पाने के लिए दृढ़ संकल्पित राज रूस के लिए रवाना हो जाता है, जहाँ वह कुछ चैंकाने वाली सच्चाईयों का पता लगता है.
अपने जीवन के प्यार को खोजने के लिए जब राज खुद रुस पहुॅचता है तो उसका साबका भ्रष्ट इंडियन रशिया पुलिस इंस्पेक्टर रसान( राहुल राॅय)से पड़ता है.अब उसके सामने यह पता लगाने की चुनौती है कि एक बहुत बड़े आपराधिक सिंडिकेट /माफिया का वनस्पति विज्ञानी बनने के लिए पढ़ रही एक भारतीय लड़की के साथ क्या संबंध है? माही के अपहरण के पीछे कौन है?यह जाल काफी पेचीदा हैं?
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लेखन व निर्देशनः
कहानी बहुत ही पुरानी है.कुछ समय पहले इसी तरह की कहानी पर फिल्म‘खुदा हाफिज’ आयी थी,जिसे पसंद नही किया गया था.वीएफएक्स भी बहुत घटिया है.ऐसे में कोरोना महमारी के डर के चलते दर्षक क्या सोचकर इस फिल्म को देखने सिनेमाघर के अंदर जाएगा,यह कहना बड़ा मुष्किल है.पूरी फिल्म देखकर अहसास होता है कि अभिनेता तन्मय सिंह के लिए ‘षो रील’बनाने के लिए इस फिल्म को एक अति साधारण कहानी का तानाबाना बुनकर बनाया गया है.दो निर्देषक होने के बावजूद कोई प्रभाव नही डाल पाए.
अभिनयः
फिल्म में तन्मय सिंह और मुस्कान सेठी की नई जोड़ी है,जिन्हे खुद को कलाकार के तौर पर स्थापित करने के लिए अभी काफी मेहनत करने की जरुरत है.