भारत में प्रकृति प्रेम एक बहुत ही जानापहचाना और शौकिया काम है. यह इतना आसान है कि लोग दोचार पौधे लगा कर ही सही, पर पेड़पौधे संभालना और उन को प्यार करना जानते तो हैं ही. यह कम मेहनत वाला तो है, पर बड़ा ही लाभदायक व्यवसाय भी बन रहा है.

अकसर होता यह है कि हम लोग जगह की कमी होने पर अपने घर की छत पर ही शौकिया तौर पर बागबानी करते हैं और प्राकृतिक प्रेम से अपना मन सराबोर करते हैं. गमलों की मदद से अपने पसंदीदा फूल या सब्जियां लगाने के साथ ही और भी कई तरह के पौधे लगाते हैं.

ये भी पढ़ें- धान में कंडुआ रोग से बचने पर दें ध्यान   

मगर, ऐसी ही एक महिला के साथ एक सच्ची घटना हुई और उन्होंने अपनी सुस्त और शौकिया बागबानी को तेज रफ्तार देते हुए अपनी पूरी छत को ही एक शानदार हरीभरी नर्सरी में तबदील कर दिया.

महानगर की यह महिला मीना बिलकुल ही हैरान रह गईं, जब उन की छत पर लगे गमले बहुत जल्दी उन को मुनाफा देने लगे.हुआ यों कि एक दोपहर इन के पास पड़ोस के किसी युवक ने कुछ कढ़ी पत्तों की मांग की. उदार स्वभाव के चलते वे बोलीं, ‘‘उधर छत पर गमले में पेड़ लगा है, आप जरूरत के हिसाब से खुद ही तोड़ लीजिए.’’

जब यह युवक कढ़ी पत्ता लेने छत पर गया, तो उस ने गौर किया कि वहां पर आसपास के गमले में इसी मीठे नीम यानी कढ़ी पत्ते के कुछ छोटेछोटे पौधे पनप रहे थे. युवक यह बताने उस महिला के पास दोबारा दौड़ादौड़ा गया और उचित कीमत दे कर वो छोटेछोटे कढ़ी पत्ते के पौधे खरीदने की बात करने लगा.

ये भी पढ़ें- प्याज की व्यावसायिक खेती

तब वे महिला उस युवक के मुंह से पौधों की ऐसी शानदार कीमत देख कर  हैरान थीं. तब उस युवक ने बताया कि आप जानती नहीं कि आप के पास शानदार प्रजाति का बहुत खुशबूदार मीठा नीम यानी कढ़ी पत्ता है. इस के बीज से पनपे ये पौधे नायाब हैं. साथ ही, यह भी बताया कि कढ़ी पत्तों का इस्तेमाल नमकीन, मठरी और औषधि के तौर पर किया जाता है. इस के पत्ते काफी खुशबूदार होते हैं. इस का उपयोग पोहे, दाल, सब्जी और अनेक व्यंजनों में भी किया जाता है.

कढ़ी पत्तों की बढ़त करने के लिए बस कुछ छोटेछोटे गमले चाहिए. उस महिला ने उसी दिन से छत पर पौधों का विस्तार देना शुरू कर दिया और महज 2 महीने बाद कमाल हो गया, जब तरहतरह के पेड़पौधे खूब हो गए तो स्वाभाविक सी बात थी कि रंगबिरंगी तितलियों का झुंड वहां आने लगा. सब को खबर लग गई, तो लोग फोटोग्राफी वर्कशौप के लिए किराया दे कर कुछ घंटों के लिए छत का उपयोग करने लगे. उस महिला की तो चांदी ही चांदी थी. उस की छत उस की सुरक्षा छतरी तो थी ही, उस को एक नियमित और अच्छी आमदनी भी देने लगी थी यानी छत अब एक बैंक भी बन गई.

आज पूरी दुनिया में विश्व स्तर पर हरियाली अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. यद्यपि, पौध उत्पादन मुख्य रूप से बीज वगैरह से अधिक होता है. लेकिन कुछ सैक्यूलैंट पौधे बहुत ही कम लागत में भी मनपसंद कमाई कराने में अहम योगदान देते हैं.

ये भी पढ़ें- बिहारी किसानों के लिए बड़ा वरदान बना सोलर सिंचाई पंप 

कुछ सजावटी पौधे समयसमय पर आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में फटाफट बिक जाते हैं. इन को विकसित करना बहुत ही सस्ता, सुंदर व टिकाऊ भी है. इन का एक तना मिट्टी में रोप दीजिए और कुछ ही दिनों में यह लहलहाने लगता है.

कोई भी व्यक्ति नर्सरी का कारोबार शुरू कर सकता है. हालांकि, इस कारोबार को शुरू करने से पहले उचित योजना और प्रबंधन की आवश्यकता होती है. पर, पैसा और मेहनत बाकी कामों की तुलना में ज्यादा नहीं चाहिए.वैसे, एक बात और कि नर्सरी के काम में मेहनत जितनी अधिक की जाए, उतना ही मुनाफे में निखार आता है.

तो चलिए जानते हैं कि कैसे शुरू करें घर की छत पर नर्सरी :-

सब से पहला काम है छत पर जगह को नाप कर उस के लिए उपयुक्त गमले आदि चुनना.

शुरू में खाली बोतलें, गत्ते के बड़े डब्बे, मटके वगैरह में पौधे विकसित कर के उन को अच्छे गमलों में लगा कर बेचा जा सकता है.

ये भी पढ़ें- शहतूत एक फायदे अनेक

नर्सरी बनाने के लिए मुख्य और सब से अहम बात एक उपयुक्त व्यवस्था का चयन करना है.

कहने का मतलब यह है कि कम जगह पर अधिक पौधे आ जाएं और ऐसी व्यवस्था हो कि बड़े गमलों में सागसब्जी के बीज डाल कर पौध विकसित हो जाएं. ऐसा तकरीबन सभी नर्सरी वाले करते हैं.

मिसाल के तौर पर, बड़े से ड्रम में अगर क्रौटन के तने रोप दिए हैं, तो उन में धनिया, सौंफ, अजवायन आदि के बीज डाल कर पैदावार ले सकते हैं. यह रूम फ्रेशनर के तौर पर खूब बिकते हैं. यह इस व्यवसाय का सब से जरूरी या बेसिक हिस्सा है कि अच्छी कमाई उत्पादन के लिए, यदि आप के पास अपनी खुद की सूझबूझ है तो बेहतर होगा कि आप हर समय अपनी सोच के हिसाब से प्रयोग करते रहें. अब आप की विशेषता उन पौधों की प्रजाति पर निर्भर करती है, जिन्हें आप उगाना चाहते हैं. नर्सरी के लिए पौधे चुनते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखें –

पहले-पहले किसी ऐसे थोक विक्रेता के पास जाएं, जो मामूली कीमत पर आप को अधिक से अधिक पौधे दे दे. साथ ही, आप को राय भी दे. थोक विक्रेता कई एकड़ की जमीन पर कारोबार करते हैं तो यह छोटे उद्यमी के लिए कई बार बहुत मददगार साबित होते हैं.

मिसाल के तौर पर, थोक विक्रेता से खाद और बीज आदि भी साधारण दर पर मिल जाती है. इस तरह कदम बढ़ाते हुए चलेंगे तो नर्सरी के लिए पौधे, बीज, गमले, मिट्टी खरीदने से ले कर सींचने तक आप को काफी खर्चा नहीं करना पड़ेगा.

सामान्य तौर पर इस काम के लिए 10,000-12,000 रुपए का निवेश ही काफी है, लेकिन आप नएनए प्रयोग करने के शौकीन हैं, तो आप अपनी सहूलियत के हिसाब से जमापूंजी का इस्तेमाल कर सकते हैं, अन्यथा आप बैंक लोन के बारे में भी विचार कर सकते हैं. वैसे, वर्तमान में बैंक भी लघु उद्यम के लिए लोन देते हैं. साथ ही, और भी अनेक योजनाओं के तहत नगरनिगम, ग्राम पंचायत व कोओपरेटिव संस्थाएं लघु उद्योग के लिए कर्ज देती हैं.

सामान एकत्र करने के बाद अपने काम और योजना को लागू करना नर्सरी में सब से मुख्य काम होता है. बारबार अपने अनुकूल ग्राहक भी खोजना और इस तरफ सोचविचार कर योजना बनाना भी एक लाभदायक काम है, जिस में कुछ खर्च नहीं होता, पता लगा कर बीज लगाना, पौधे  का चयन करना और यह खोजबीन करना कि कम पानी में अधिक रहने वाले पौधे सब से ज्यादा हों, ऐसे पौधे हाथोंहाथ बिक जाते हैं.

यह उपाय अचानक ही बहुत मुनाफा दे सकता है. पिछले 5 सालों के आंकड़े यह बताते हैं कि विवाह, जन्मदिन, सेवानिवृत्ति, सम्मान समारोह, राष्ट्रीय समारोहों में नर्सरी से लाखों की संख्या में पौधे खरीदे गए, जिन में वे पौधे अधिक लिए गए, जो कम पानी मांगते हैं.

एक बार गुड़गांव में यह घटना हुई कि सजावटी प्राकृतिक पौधे एक नर्सरी मालिक ने पुरानी बोतलें काट कर बस यों ही दर्जनों की संख्या में लगा रखे थे. वे ऐसे पौधे थे, जो सप्ताह में एक बार पानी मांगते थे. अचानक एक विवाह समारोह स्थल से एक प्रतिनिधि आया और 10 गुना कीमत दे कर वे पौधे खरीद कर ले गया.

दरअसल, आप को पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि नर्सरी के जरीए आप किस तरह से आमदनी हासिल करना चाहते हैं. मसलन, आप पौधे बेचना चाहते हैं या बीज, घास या बेल या फिर सब्जियों के पौधे या सिर्फ विदेशी पौधे.

आप अपनी नर्सरी में नीबू की प्रजाति, आम, अमरूद, अनार, लेमनग्रास, तुलसी, गिलोय, लौकी, कद्दू, मिर्च, टमाटर, कढ़ी पत्ता, पालक, गेंदा, सदाबहार, जीनिया,  क्रौटन आदि चीजें उगा सकते हैं और कुछ लताएं भी लगा दीजिए, जो हर समय मिल जाती हैं. अब तो उन लताओं के पास ऊंचाई पर उगने वाले विदेशी पौधे भी अच्छी तरह विकसित हो जाते हैं.

अगर आप बीज लगा कर छोटेछोटे पौधे का उत्पादन कर के उन्हें बेचना चाहते हैं, तो इस के लिए अच्छी तरह खोजबीन कर लें, तब ही किसी बीज का चयन करें. वहीं अगर आप सिर्फ पौधे बेच कर पैसे कमाने के इच्छुक हैं, तो आप को किसी बडे़ खेत वाले किसान से एक करार कर लेना चाहिए और वहां से हर महीने पौधे ला कर अपनी छत पर विकसित कर के बेचना अच्छा रहेगा. नर्सरी बन गई, मगर पौधे के लिए निरंतर मिट्टी तैयार करते रहना भी बहुत महत्वपूर्ण पहलू है. पौधे मिट्टी पर ही तो निर्भर हैं. पौधे के लिए गमले या मिट्टी तैयार करने के लिए मामूली कीमत में मिट्टी आसानी से उपलब्ध होती है. हालांकि यह जमीन खरीदने जैसा महंगा भी नहीं है. इस के लिए एक से बढ़ कर एक कई आसान तरीके हैं. हमेशा यह सुनिश्चित करें कि गमले या थाले पर्याप्त और विशाल हों, ताकि बीज को उस में अंकुरित होने में किसी तरह की परेशानी न हो.

अगर आप चाहते हैं कि आप का कारोबार अच्छा चले, तो आप को इन पौधों  का सही तरह से खयाल रखना होगा. अच्छे और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों  के लिए जरूरी है गोबर की खाद या पत्तों की खाद. यह इसलिए जरूरी है कि कभी कोई कीड़े आदि लग जाएं, तो गमलों की मिट्टी को बदलना भी पड़ता है. यह बहुत कठिन नहीं है, 4-5 मिनट में गमले की मिट्टी बदली जा सकती है.

सब से मुख्य काम है मार्केटिंग

नर्सरी कारोबार का आखिरी और सब से मुख्य काम है मार्केट की तलाश करना. इस के लिए आप सब से पहले अपने लोकल मार्केट में कस्टमर तलाशें. विभिन्न जगहों पर आप के पौधे और बीज बिक सकते हैं. कई ऐसे संस्थान भी हैं, जो पौधे या बीज खरीदते रहते हैं.

हर साल जून से अगस्त माह तक लाखों निजी संस्थान पेड़ लगाते हैं. हर जिले के सैकड़ों सरकारी संस्थान पेड़पौधे और बीज रोपने का काम करते हैं. यह तो सब को पता ही है कि हर नगर में नगरपालिका को बरसात के मौसम में कम से कम एक से दो लाख पौधे लगाने होते हैं, यह अनिवार्य है कि संख्या दोगुनी और चौगुनी भी हो सकती है. अगर आप अखबार पर नजर रखें या खुद इन सरकारी, गैरसरकारी दफ्तरों में जा कर थोड़ी सी भी मेहनत करते हैं, तो आप की सालभर की लागत इन 4 महीनों में ही निकल सकती है.

अगर आप को अपने काम के लिए बाजार अपने आसपास ही मिल जाता है, तो इस से आप का परिवहन खर्च बच जाएगा और आप की आमदनी भी अधिक होगी. अगर आप सामाजिक हैं, तो आप के मित्र भी आप की ग्राहक संख्या में इजाफा कर सकते हैं.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...