सौजन्य- मनोहर कहनियां

अमित बाहर से आने वालों को वृंदावन घुमाता था. गौवर्धन की परिक्रमा कराता था, लेकिन महाराष्ट्र से आई मधु के प्यार में ऐसा पड़ा कि उस के साथ घर बसा लिया, अमित ने मधु से खुद को पैसे वाला बताया. इस का नतीजा तब सामने आया जब.

लौैकडाउन में जहां लोगों का बाहर निकलना प्रतिबंधित है वहीं अपराधियों के हौसले और भी बुलंदी पर हैं. लौकडाउन की वजह से लोग घर से बाहर न निकलने को मजबूर हैं, लेकिन ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो बिना निकले पेट नहीं पाल सकते. ऐसे ही लोगों में हैं अपराधी. दरअसल, अपराधियों की सोच यह होती है कि पुलिस तो कोरोना के चलते व्यवस्था ठीक करने में लगी है, क्यों न इस मौके का फायदा उठाया जाए.

जनपद मथुरा के राया कस्बे की परशुराम कालोनी में रहने वाले लेखपाल राजेंद्र प्रसाद की बीवी कुसुम घर के कामों में व्यस्त थीं. सुबह 11 बजे फुर्सत मिलने पर उन्हें घर के बाहर चबूतरे पर खेल रहे अपने 3 वर्षीय बेटे युवान उर्फ गोलू ॒की याद आई.

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वे उसे बुलाने घर के बाहर आईं. चबूतरे पर उन की दोनों बेटियां खेल रहीं थीं. उन्होंने पूछा, ‘‘गोलू कहां है.’’ इस पर बेटियों ने कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम.’’

गोलू अक्सर पड़ौसी अमित के घर उन के बच्चे के साथ खेलने चला जाता था. यह सोच कर कि गोलू वहीं होगा. कुसुम अमित के घर पहुंची.

उन्होंने अमित की बीवी मधु से गोलू के बारे में पूछा  तो मधु ने बताया, गोलू व दोनों बहनें आईं थीं सभी बच्चे खेल कर चले गए. कुसुम ने घबराते हुए कहा, ‘‘गोलू कहीं दिखाई नहीं दे रहा. पता नहीं कहां चला गया है.’’

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