तकरीबन 40 फिल्मों में ऐक्टिंग कर चुकीं शिल्पा शेट्टी एक मौडल, हीरोइन, कारोबारी और एक मां हैं. फिल्मों में ऐक्टिंग के साथसाथ उन्होंने बड़े कारोबारी राज कुंद्रा से शादी की और एक बच्चे की मां बनीं. बच्चे के जन्म के बाद वे अपनी फिटनैस को ले कर काफी जागरूक हैं और उन्होंने इस सब्जैक्ट पर किताब भी लिख डाली. शिल्पा शेट्टी की किताब ‘द ग्रेट इंडियन डाइट’ काफी चर्चा में रही है. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:
‘हैल्दी हार्ट’ मुहिम के साथ जुड़ने की वजह क्या है?
आजकल हमारा जिंदगी जीने का तरीका बदल चुका है. ऐसे में छोटीछोटी कोशिशें आप के शरीर को सेहतमंद रख सकती हैं. ऐक्टिव रहना, सही डाइट लेना और खुश रहना, ये 3 चीजें हमारे दिल को 50 फीसदी हैल्दी बना सकती हैं. ऐसा देखा गया है कि आजकल की औरतें अपनी सेहत को ले कर जागरूक हैं, पर बिना किसी ऐक्सपर्ट की सलाह के खानपान छोड़ देती हैं और पतला होने की कोशिश करती हैं, जो गलत है. अपनी सेहत की देखभाल करना एक अच्छी आदत है, जिसे आप को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करना चाहिए.
ऐसी औरतों को आप क्या संदेश देना चाहती हैं?
मेरा उन से कहना है कि परिवार के साथसाथ अपनेआप को भी समय दें. इस से आप खुद को सेहमतंद रख सकती हैं और किसी बड़ी बीमारी को आने से रोक सकती हैं. यह कोई मुश्किल काम नहीं है. हफ्ते में 4 दिन, जिस में 20 मिनट का समय हर रोज कोई भी औरत अपने लिए निकाल सकती है. उस में मैडिटेशन, सीढि़यों से चढ़ना, सब्जियां लेते वक्त पैदल चल कर आनाजाना करने से ही आप का आधा वर्कआउट पूरा हो जाता है. इस के अलावा खुश रहने की कोशिश करें. किसी भी तरीके से आप अपनेआप को ऐक्टिव रखें.
आप की फिटनैस का राज क्या है?
मैं हमेशा बैलैंस डाइट लेती हूं. बिना बैलैंस फूड लिए मैं ऐसी शेप में कभी भी नहीं होती. इस के अलावा नियमित वर्कआउट, मैडिटेशन वगैरह सब करती हूं. मैं किसी भी समस्या को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती.
आप को किस उम्र में या कब लगा था कि अपनी फिटनैस पर ध्यान देना है या लोगों को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए?
मैं अपने काम को ले कर हमेशा सजग थी. सैलिब्रिटी होने के नाते मुझे पता है कि लोग मेरी बात को सुनते हैं. आज से तकरीबन 5 साल पहले जब मेरा बेटा हुआ, उस के बाद लगा कि मुझे फिटनैस पर ध्यान देने की जरूरत है. दरअसल, आप अपने बच्चे को जो खिला रहे हो, सालों बाद उस का असर उस पर दिखता है. बहुत सारे मातापिता ऐसे हैं, जो बच्चों को खुद ही गलत आदतें डलवाते हैं, क्योंकि उन्हें फूड और उस की न्यूट्रीशन के बारे में पूरी तरह जानकारी नहीं है. ऐसे में मुझे लगा कि यह मेरी ड्यूटी है कि मैं इस क्षेत्र में आऊं और अपनी बातें शेयर करूं, मातापिता से गुजारिश करूं कि वे अपने बच्चों को जंक फूड न खिलाएं. जब भी खिलाएं, तो पैकेट पर लिखी तारीख और उस की क्वालिटी जरूरी पढ़ें.
आप सबकुछ खाएं, पर अच्छी तरह पका कर और अच्छी तरह चबा कर खाएं. हमारी जिंदगी को अच्छी तरह जीने का अधिकार तभी मिलता है, जब हम सेहतमंद रहें.
आप की नजर में पतला दिखना और अच्छी फिटनैस में क्या फर्क है?
दोनों में बहुत फर्क है. कुछ लोगों को वजन से समस्या होती है, पर मैं फिट रहने के लिए कसरत करती हूं. कुछ लोग तरल चीजें लेते हैं, पूरी डाइट नहीं लेते. पता नहीं, वे ऐसा क्यों करते हैं. इस से बाद में समस्याएं आती हैं. अच्छा खाना न खा कर अगर आप मन को मार कर जी रहे हैं, तो आप का दिल कभी सेहतमंद नहीं रह सकता.
आप को लोगों में किस तरह की समस्याएं ज्यादा दिखाई देती हैं?
जंक फूड की समस्या आज ज्यादा है. साथ ही, लोग चबा कर खाना नहीं खाते, जो गलत है.
आप किस दिन अपनी मरजी का खाना खाती हैं?
मैं रविवार को शाकाहारी पकौड़े घर पर बना कर खाती हूं.