क्या आप जानते हैं कि आप का परीक्षा परिणाम आप की लेखन गति पर निर्भर करता है? जी हां, यदि आप की लेखन गति तेज है, तो आप निर्धारित समय में सभी प्रश्नों के उत्तर लिख पाएंगे और यदि लेखन गति बहुत धीमी है तो भले ही आप को सभी प्रश्नों के उत्तर याद हों, पर उन में से कुछ प्रश्नों के उत्तर छूट सकते हैं. अत: यदि आप की लेखन गति धीमी है तो उसे तेज बनाने की कोशिश कीजिए. फिर देखिए मनवांछित परीक्षा का परिणाम आता है या नहीं? जिन परीक्षार्थियों की लेखन गति धीमी होती है, उन की शिकायत होती है कि उन्हें समय कम पड़ गया और इस वजह से वे सभी प्रश्नों का उत्तर नहीं लिख पाए. यह आप की व्यक्तिगत समस्या है. बोर्ड या यूनिवर्सिटी के पेपर सैट करते समय पेपर सैटर परीक्षा के 3 घंटे की अवधि को ध्यान में रख कर ही प्रश्नों का चुनाव करता है. जब अन्य परीक्षार्थियों को समय कम नहीं पड़ा तो आप को क्यों? इस का साफ सा कारण है कि आप की लेखन गति धीमी रही, जिस कारण आप निर्धारित समय में उत्तर नहीं लिख पाए. लेखन गति एकदम से नहीं बढ़ सकती. इस के लिए प्रयास करने होंगे अन्यथा गति बढ़ाने के चक्कर में लिखावट बिगड़ जाएगी अथवा अपठनीय हो जाएगी. इस से आप ही का नुकसान होगा, क्योंकि जब परीक्षक उसे पढ़ ही नहीं सकेगा तो अंक कैसे देगा? इसलिए स्पीड बढ़ाने के दौरान अक्षरों की बनावट या सुंदरता न बिगड़े, इस बात का ध्यान भी अवश्य रखें.

जिन परीक्षार्थियों को लिखने की आदत नहीं होती, परीक्षा में उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. दोचार पृष्ठ लिखने में ही उन की उंगलियों में दर्द होने लगता है और लिखने की गति धीमी हो जाती है. इसलिए लिखने की आदत भी डालें, लिखलिख कर अभ्यास करना इस का आसान उपाय है. यदि आप चाह कर भी लेखन गति नहीं बढ़ा पा रहे हैं तो फिर आप को नई रणनीति अपनानी होगी. सभी प्रश्नों को हल करने के लिए प्रत्येक प्रश्न का उत्तर विस्तार से लिखने के बजाय संक्षेप में लिखना होगा. उत्तर को पौइंट बना कर लिखें या महत्त्वपूर्ण बातों को रेखांकित कर दें. प्रत्येक प्रश्न के लिए समय निर्धारित कर लें तथा उत्तर निर्धारित अवधि में पूरा करें ताकि समय की कमी के कारण कोई प्रश्न न छूटे.

परीक्षा में उन लोगों की भी लेखन की गति धीमी होती है, जिन्हें कुछ याद नहीं आता. उन्हें सोचसोच कर लिखना पड़ता है. ऐसी अवस्था में मस्तिष्क में धाराप्रवाह विचार नहीं आ पाते. वे रुकरुक कर या अटकअटक कर लिखते हैं जिस कारण वे सभी प्रश्नों का उत्तर निर्धारित समय में नहीं दे पाते. परीक्षा में लेखन गति आप के प्रश्नों के चुनाव पर भी निर्भर करती है. जो प्रश्न आप को ठीक से याद हैं उन की लेखन गति तेज होती है बजाय उन प्रश्नों के जो आप को ठीक से याद नहीं हैं. इसलिए पहले उन प्रश्नों को प्राथमिकता दें, जो आप को अच्छी तरह याद हों ताकि यदि कोई प्रश्न छूट भी जाए तो आप का अधिक नुकसान न हो. यदि आप की लेखन गति तेज नहीं है तो पहले औब्जैक्टिव टाइप के प्रश्नों को हल करें, उस के बाद लघुउत्तरीय और अंत में दीर्घउत्तरीय या निबंधात्मक प्रश्नों को हल करें.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...