एक प्रचलित कहावत है कि रोगों से बचाव, उस के इलाज की अपेक्षा बेहतर विकल्प है, इसलिए कुछ खास रोगों से बचाव के लिए समय पर टीके लगवाएं. पशुओं को अनेक संक्रामक रोगों से बचाने के लिए उन्हें समय पर टीके लगवाना बहुत जरूरी है.
टीके खास रोगों की रोकथाम के लिए बनाए जाते हैं और ये टीके सही समय पर डाक्टरों द्वारा लगाए जाते हैं. ये टीके होने वाले रोगों को रोकने की कूवत बढ़ाते हैं और अप्रैल महीने के आखिरी सप्ताह को विश्वभर में ‘विश्व टीकाकरण सप्ताह’ के रूप में भी मनाया जाता है.
भारत में पशुओं के लिए टीकाकरण खासकर 4-5 बीमारियों के विरुद्ध चलाया जाता है. अब समय के साथसाथ पशुपालक भी इस टीकाकरण का ध्यान रखने लगे हैं. जो लोग पशुपालन करते हैं, उन्हें अपने पशुओं के टीकाकरण को ले कर डायरी बनानी चाहिए, जिस से कोई टीका छूटने न पाए.
पशुओं में लगने वाले टीके
खुरपका व मुंहपका : पशुओं में होने वाला यह खास रोग है और इस की रोकथाम के लिए पशुओं में यह टीका 4 से 8 माह की उम्र में लगाया जाता है उसे 4 हफ्ते के बाद बूस्टर डोज दी जाती है. इस के बाद साल में 2 बार टीके लगवाने चाहिए. एक टीका फरवरी माह के आखिरी हफ्ते से मार्च माह के पहले हफ्ते तक और दूसरा टीका अगस्त माह से सितंबर माह तक लगाया जाता है.
पशु जब 6 माह का हो जाए, तब गलघोंटू और लंगड़ी का टीका लगाया जाता है. इस बीमारी का टीका मई से जून माह तक लगवा लें. कोशिश करें, यह टीका बारिश के मौसम से पहले लगवा लें.
4 से 8 माह की उम्र में गर्भपात का टीका लगाया जाता है, जो पशु को जीवनभर रोग प्रतिरोधात्मक कूवत को बढ़ाता है.
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पशु टीकाकरण में सावधानी
* टीके लगवाते समय पशु स्वस्थ होना चाहिए.
* पशु बीमारी वाले मौसम (बरसात से) एक महीने पहले तक टीका लगवा लेना चाहिए.
* टीके का सही तापमान पर रखना चाहिए.
* टीका लगवाते समय कोई अन्य दवा या एंटीबायोटिक्स पशु को नहीं दिए जाने चाहिए.
* अगर पशु गर्भ से है तो टीकाकरण से पहले पशु विशेषज्ञ को इस की जानकारी देनी चाहिए.
* टीकाकरण की सभी जानकारी डायरी में नोट करनी चाहिए.
* पशु को टीका लगाने के बाद उसे धूप में नहीं छोड़ना चाहिए.
* टीकाकरण के लिए सुबह का समय अच्छा रहता है.
* टीके को गरमी व सीधे धूप से बचा कर रखना चाहिए.
* अगर टीके को गलत तरीके से लगाया जाता है या समय पर नहीं लगाया जाताहै, तो वह टीका बेकार भी हो सकता है, इसलिए सभी टीके समय पर लगाएं.
* अगर आप के झुंड में पशु हैं तो खास ध्यान रखें. पूरे झुंड का टीकाकरण समय पर सही तरीके से करवाएं, वरना उन में बीमारी फैल सकती है.
* पशुओं में अनेक टीके मुफ्त भी लगाए जाते हैं. इस के किए जगहजगह कृषि केंद्रों में पशु विशेषज्ञ भी हैं, इसलिए पशु में कोई भी समस्या आने पर या टीकों की
जानकारी लेने के लिए आप उन से भी संपर्क कर सकते हैं.