रिश्ता कोई भी हो, जीवन में हमेशा मिठास लाता है. चाहे वह मातापिता से हो या किसी रिश्तेदार से. कभीकभी गलतफहमी के कारण मधुर रिश्तों में भी कड़वाहट आ जाती है, जो जीवन के खूबसूरत लमहों को उदास बना देती है. रिश्ते बड़े नाजुक होते हैं. ये कच्चे धागे की तरह होते हैं, जो टूट तो पलभर में जाते हैं, लेकिन इन्हें जोड़ने में सालों लग जाते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि किशोर रिश्तों की नाजुकता को समझें.
यदि मातापिता का जन्मदिन और मैरिज ऐनिवर्सरी हो तो आप अपनी सहूलत और संसाधनों के अनुसार इसे अच्छी तरह मनाएं और इस अवसर पर अपने रूठे रिश्तेदारों को भी बुलाएं. इस से रिश्तों में प्यार और अपनापन बढ़ता है.
जन्मदिन और ऐनिवर्सरी साल में सिर्फ एक ही बार आती है. आप को सब का दिल जीतने का इस से अच्छा मौका नहीं मिल सकता. मातापिता का जन्मदिन और ऐनिवर्सरी मनाने के कई अच्छे तरीके हैं. इस दौरान आप घर पर एक सरप्राइज पार्टी भी रख सकते हैं और उस में रिश्तेदारों को इन्वाइट कर उन के और मातापिता के बीच की अहम की दीवार को गिरा सकते हैं, लेकिन याद रखें, आप अपने मातापिता यानी दोनों की भावनाओं को ध्यान में रखें और दोनों के रिश्तेदारों को आमंत्रित करें. आप पार्टी में कुछ ऐसे मनोरंजक गेम्स रख सकते हैं, जिन्हें खेलने से सब का मन खुश हो और सब मिल कर एकदूसरे के साथ खूब मनोरंजन करें.
दिल्ली में रहने वाले चेतन के पिताजी की करीब 2 साल से कुछ घरेलू झगड़ों की वजह से अपने बड़े भाई से अनबन चल रही थी. दोनों परिवारों का एकदूसरे के यहां आनाजाना बिलकुल बंद था. चेतन को इस बात से बड़ी ठेस पहुंचती थी. आखिरकार उस ने अपने पिताजी के जन्मदिन पर पिताजी और ताऊजी के बीच पड़ी दरार को मिटाने की ठान ली.
कुछ दिन बाद पिताजी का जन्मदिन आया तो चेतन ने घर पर एक छोटी सी पार्टी रख कर पिताजी को सरप्राइज देने की सोची. उन्होंने अपने मातापिता के रिश्तेदारों को आमंत्रित किया और अपने ताऊजी को भी फोन कर के बड़े प्रेम से सपरिवार आमंत्रित कर उन से पार्टी में शामिल होने का आग्रह किया.
चेतन के निवेदन करने पर उस के ताऊजी से रहा नहीं गया और वे सपरिवार उन के घर पार्टी में आ पहुंचे. अपने बड़े भाई को देख कर पिताजी भावुक हो गए और उन्होंने ताऊजी को प्रेमपूर्वक गले लगा लिया और उन की प्रेम भरी भेंट स्वीकार कर उन का खूब आदर सत्कार किया.
मनुष्य जीवन बहुत अनमोल है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कभी अपनी मानवता नहीं भूलनी चाहिए. मनुष्य चाहे तो क्या नहीं कर सकता.
यदि आप अपने मातापिता का जन्मदिन या ऐनिवर्सरी मनाएंगे तो उन्हें आप पर गर्व महसूस होगा. यदि आप अपने रूठे रिश्तेदारों को उस में शामिल कर पाए तो आप की खुशियों में चारचांद लग जाएंगे.
यदि आप के मातापिता की शादी की सालगिरह है तो आप को दोनों की खुशियों का खयाल रखना पड़ेगा. इस के लिए जब भी आप पार्टी रखते हैं तो पिताजी के रिश्तेदारों के साथ अपनी माताजी के रिश्तेदारों को भी प्रेम से जरूर आमंत्रित करें. इस से माहौल और भी खुशनुमा बन जाता है.
गाजियाबाद में रहने वाली अनीता के मातापिता और मौसामौसी के बीच करीब एक साल से मनमुटाव चल रहा था. उन्होंने भी समझदारी से काम लिया और अपने मातापिता की ऐनिवर्सरी पर सब को पिकनिक पर ले जाने की योजना बनाई. उन्होंने सभी रिश्तेदारों को आमंत्रित किया और फोन कर के किसी बहाने से अपने मौसामौसीजी को भी बुला लिया.
बस, फिर क्या था, एक साल बाद अपनी बहन को देख कर उन की माताजी की आंखें खुशी से भर आईं. सब ने अपने सारे गिलेशिकवे भूल कर खूब ऐंजौय किया. गार्डन में बैठ कर एक खूबसूरत सा केक काटा गया. फिर सब ने अंत्याक्षरी खेली और एकदूसरे के साथ फैमिली फोटो खिंचवाए और खूब मस्ती की. फिर एक रेस्तरां में बैठ कर सब ने प्यार से लंच किया और खूब बातें कीं.
यह दिन उन के मातापिता की जिंदगी में यादगार रहेगा और जबजब वे इस दिन के बारे में सोचेंगे उन्हें अपनी बेटी पर नाज होगा.
इंसान प्यार से किसी को भी अपना बना सकता है. जिंदगी का कोई भरोसा नहीं. पता नहीं पलभर में क्या हो जाए. जहां रिश्तों में प्यार होता है, वहां जिंदगी खूबसूरत लगती है और जहां रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है वहां जिंदगी जीने में मजा ही नहीं आता.
हर घर में खुशियों के सुनहरे अवसर आते हैं. बेहतर होगा कि ये मौके हाथ से न जाने दें और इस में अपने बिछड़े हुए रिश्तेदारों को अपने जीवन में फिर से आमंत्रित करें.
रिश्ते इतनी आसानी से नहीं मिलते, पर जहां हैं मिलते, वहीं फूल हैं खिलते.
समय की नाजुकता जानते हुए आप को चाहिए कि इन रिश्तों की कीमत समझें और अपनी समझदारी से हर रिश्ते को प्यार भरे धागे में पिरोएं. याद रहे, रिश्ते अनमोल हैं तभी जिंदगी भी अनमोल है. अपने मातापिता और रिश्तेदारों के साथ सदा प्रेम भरा व्यवहार करें.
मातापिता बारबार नहीं मिलते,
मुरझाए हुए फूल फिर नहीं खिलते.
घर में मातापिता और रिश्तेदारों के बीच सदा प्यार बनाए रखें. रिश्तों को गले से लगा कर रखें. याद रखें जीवन में सबकुछ मिल सकता है मगर प्यार सिर्फ रिश्तों को संजोने से ही मिलता है.
रिश्ते हर किसी को मिलते नहीं,
बुझे हुए दिए खुद जलते नहीं.
यदि आप की जिंदगी में किसी कारणवश उदासी है तो अपनी सूझबूझ से रिश्तों को संजोइए और संवारिए, सब के साथ मिल कर जिंदगी जीने का भरपूर आनंद उठाइए. जहां रिश्तों में प्यार होता है वहां जिंदगी खूबसूरत लगती है. कड़वाहट जिंदगी का मजा खराब कर देती है. इसलिए हमेशा रिश्तों को गले लगा कर रखें.