कोरोना से बचाव के लिए जब सरकार ने शराब और धूम्रपान जैसे नशों पर रोक लगाया तो समाज ने खुल का सरकार के साथ दिया. तीसरे लॉक डाउन के बीच मे राजस्व का बहना बना कर अचानक जिस तरह से सरकार ने नशे पर से बंदिशें हटाई वह समझ मे ना आने वाला कदम है.
धूम्रपान कोरोना ‘कोविड 19’ जैसी महामारी को और भी भड़काने वाला है इस बारे में डॉक्टर हिमांगी दुबे से बातचीत हुई.
डॉक्टर हिमांगी दुबे का कहना है कि “कोरोना महामारी के दौर में धूम्रपान करने वाले लोग सचेत हो जाएं. धूम्रपान की लत कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह बन सकती है. धूम्रपान करने वालों को संक्रमण जल्दी हो सकता है और रिकवरी की संभावना स्वस्थ लोगों की अपेक्षा कम रहती है| धूम्रपान फेफड़ों पर बुरा असर डालती है, आपको बता दें कि यह वायरस शरीर में फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है| धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिसकी वजह से कोरोना जैसा वायरस ऐसे लोगों को जल्दी अपनी चपेट में ले सकते हैं|”
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जल्दी नही दिखते कोविड 19 के लक्षण
ऐसे धूम्रपानकर्ता को भी सावधान रहने की आवश्यकता है, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके सूंघने की क्षमता कम हो गई और खाते वक्त स्वाद आना कम हो गया है. लोगों को ये लक्षण महसूस होते ही सेल्फ क्वॉरेंटाइन में रहना चाहिए और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए. साथ ही उन लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है जो खुद धूम्रपान नहीं करते लेकिन दूसरे के धूम्रपान करने पर वह उसके धुएं को सांस के जरिए अंदर लेने पर मजबूर होते है. इसे सेकंड हैंड स्मोकिंग और ई.टी.एस यानी ‘एन्वॉयरमेंटल टॉबेको स्मोक’ भी कहते हैं.
डॉक्टर हिमांगी दुबे के पिता राजनीति में है. हिमांगी ने मेडिकल की पढ़ाई बी.डी.एस और एम.डी.एस (पेरीओडॉनटोलॉजी) की पढ़ाई लखनऊ के बाबू बनारसी दास कॉलेज से पूरी की |
इसके बाद सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ में 2 साल तक प्रोजेक्ट रिसर्च स्टूडेंट की तरह काम करने के बाद किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के दंत चिकित्सा संकाय के अंतर्गत पेरियोडॉनटोलॉजी विभाग मे सीनियर रेजिडेंट के रूप में कार्य किया| इसके बाद अजंता हॉस्पिटल लखनऊ मे सीनियर डेंटल कंसलटेंट और टोबैको सीशेन काउंसलर तथा सरस्वती डेंटल कॉलेज में पेरीओडॉनटोलॉजी तथा इंचार्ज-टोबैको सीशेन सेंटर के रूप में कार्य कर रही है.
हिमांगी के पति डॉ हिमांशु पांडेय लखनऊ विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर और इंचार्ज- ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के रूप में कार्यरत हैं|
चीन में हाल ही में हुए एक रिसर्च से यह पता चलता है कि जिन लोगों को सिगरेट, तंबाकू या अन्य किसी वजह के चलते सांस संबंधी परेशानियां हुई थीं, उनमें कोरोना वायरस संक्रमण ज्यादा तेजी से खतरनाक स्थिति में पहुंच गया| यह रिसर्च करीब 56 हजार कोरोना संक्रमित लोगों पर किया गया था|
लंग्स पर हमला
कोरोना वायरस एंजियोटेंसिन कंवर्टिग एंजाइम-2 (ACE-2) नामक मॉलीक्यूल के उपयोग से जुड़ता है और शरीर में दाखिल होकर मानव कोशिकाओं को संक्रमित करता है.कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में इन एंजाइमों की अहम भूमिका होती है. शोध मे सामान्य लोगों की तुलना में धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों के उत्तकों में ACE-2 के स्तर में 25 फीसद की वृद्धि पाईगई.अध्ययन में स्मोकिंग से ACE2 पर पड़ने वाले प्रभाव की पहचान से न सिर्फ COVID-19 वायरस के एंट्री प्वॉइंट में बढ़ोत्तरी के संकेत मिलते हैं, बल्कि धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों में वायरल बाइंडिंग और वायरस के प्रवेश के लिए बढ़े जोखिम का भी पता चलता है|
अमेरिका की साउथ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं नेटिश्यू में मौजूद मॉलीक्यूल राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) के डाटाबेस के विश्लेषषण के आधार पर यह निष्कर्षनिकाला है की धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों के फेफ़़डों में वायरस के दाखिल होने का खतरा ज्यादा हो सकता है. साथ ही एक अध्ययन के मुताबिक, तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने की कोरोना वायरस की प्रकृति के आधार परयह दावा किया गयाकी धूम्रपान करने वाले लोग कोरोना वायरस संक्रमण की कगार पर हो सकते हैं.
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बीड़ी सिगरेट हुक्का घातक
धूम्रपान के दौरान बीड़ी, सिगरेट और हुक्का को उंगलियों से पकड़कर मुंह में लगाते हैं, लिहाजा होठ के जरिए भी इंफेक्शन धूम्रपानकर्ता के शरीर में जा सकता है | सिगरेट एक ऐसी चीज है जो दो लोग आपस में शेयर भी कर लेते हैं | अगर कोई व्यक्ति संक्रमण का शिकार है, तो उसके जरिये दूसरे लोगों को कोरोना के संक्रमण का खतरा हो सकता है|
तंबाकू उत्पादों का सेवन कर इधर-उधर थूकने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है| बीड़ी सिगरेट ही नहीं बल्कि अन्य तंबाकू उत्पाद के साथ हुक्का, शिगारऔर ई-सिगरेट भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैला सकता है|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारत स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी मे भी धूम्रपान को कोरोना संक्रमण का कारक माना है| हम इस संकट की स्थिति में अपने आप को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसी दिशा में धूम्रपान और तंबाकू सेवन छोड़ने का यह सबसे उत्तम समय है|