मार्केट में इन दिनों कई हाईटेक सॉफ्टवेयर आ रहे हैं. हालांकि, जरूरी नहीं कि वो हर यूजर्स के काम के हों. वैसे, ज्यादातर यूजर्स अपने कम्प्यूटर/लैपटॉप में काम के मुताबिक सॉफ्टेवयर इन्स्टॉल करते हैं. सिस्टम में जितने कम सॉफ्टवेयर होंगे वो उतना ही बेहतर रन करेगा. साथ ही, हैंग होना, स्लो वर्किंग करना जैसी समस्याएं भी नहीं आएंगी. हम ऐसे ही कुछ सॉफ्टवेयर के बारे में बता रहे हैं…

ये ऐसे सॉफ्टवेयर हैं जो हार्ड डिस्क में कम स्पेस लेते हैं और इन्हें आसानी से इन्स्टॉल भी किया जा सकता है. सबसे अच्छी बात ये है कि ये सभी यूजर फ्रेंडली होते हैं. यानी ये हर यूजर की जरूरत होते हैं और उन्हें आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है.

एडोब फोटोशॉप (Adobe Photoshop)

कम्प्यूटर/लैपटॉप का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को अक्सर फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर का काम पड़ता है. ऐसे में सबसे बेस्ट ऑप्शन एडोब फोटोशॉप है. हालांकि, इस सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए यूजर्स को छोटी-मोटी ट्रेनिंग की जरूरत होती है. वैसे, घर बैठ भी इसे आसानी से सीखा जा सकता है. खासकर यूजर्स अपने काम की कमांड सीखकर इस पर बेहतर काम कर सकते हैं.

एंटीवायरस (Antivirus)

आपने नया कम्प्यूटर/लैपटॉप खरीदा है या फिर सिस्टम पुराना है. उसमें सबसे एंटीवायरस जरूर होना चाहिए. नए सिस्टम में तो सबसे पहले एंटीवायरस ही इन्स्टॉल करना चाहिए. मार्केट में कई तरह के एंटीवायरस मौजूद हैं. साथ ही, इन्हें इंटरनेट से भी आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. ऐसे में आप जब भी कोई एंटीवायरस खरीदें उसे लगातार अपडेट करते रहें. ज्यादातर एंटीवायरस एक साल के सब्स्क्रिप्शन के साथ आते हैं. जिन्हें बाद में अपडेट करना होता है.

​​VLC मीडिया प्लेयर

सिस्टम में एंटरटेनमेंट के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर होना चाहिए, जो सभी तरह की ऑडियो/वीडियो फाइल को प्ले कर सके. ऐसे में VLC मीडिया प्लेयर बेस्ट ऑप्शन है. इसकी खासियत है कि इसे सिस्टम में इन्स्टॉल करने के बाद किसी दूसरे सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं होगी. ये फाइल में मौजूद सभी ऑडियो को भी सपोर्ट करता है. साथ ही, ये मल्टीफीचर्स के साथ आता है.

एडोब रीडर (Adobe Reader)

किसी भी कम्प्यूटर/लैपटॉप पर ये काफी काम का सॉफ्टवेयर है. दरअसल, जब भी यूजर्स कोई ऑनलाइन या ऑफलाइन PDF फाइल ओपन करता है तो उसके लिए एडोब रीडर का होना जरूरी है. इतना ही नहीं, ऑनलाइन ई-बुक्स या दूसरी ई-फाइल के लिए भी एडोब रीडर का होना जरूरी है.

एडोब फ्लैश प्लेयर (Adobe Flash Player)

एडोब प्लेयर की तरह फ्लैश प्लेयर भी हर यूजर्स के काम आता है. दरअसल, जब यूट्यूब या किसी दूसरी वेबसाइट पर आप ऑनलाइन वीडियो देखते हैं, तब आपके सिस्टम में एडोब फ्लैश प्लेयर का होना जरूरी है. यदि सिस्टम में ये सॉफ्टवेयर नहीं होगा, तो फ्लैश प्लेयर की एरर आएगी. इसे ऑनलाइन भी इन्स्टॉल किया जा सकता है.

जिप (Zip)

यूजर्स के काम आने वाले सॉफ्टवेयर में जिप (Zip) भी शामिल है. इसके कई सॉफ्टेवयर मौजूद हैं, जिन्हें इंटरनेट से फ्री डाउनलोड भी किया जा सकता है. बहुत सारी फाइल को जिप फाइल में कनवर्ट करके रखा जा सकता है. इसमें किसी तरह का वायरस नहीं आता है. साथ ही, ये फाइल को कम्प्रेस भी कर देता है. इतना ही नहीं, इंटरनेट से मल्टी फाइल भी जिप फॉर्मेट में डाउनलोड होती हैं.

फोल्डर लॉक (Folder Lock)

सिस्टम में फाइल के प्रोटेक्शन के लिए फोल्डर लॉक का होना भी जरूरी है. इस सॉफ्टवेयर की मदद से यूजर्स अपनी जरूरी फाइल, वीडियो, ऑडियो या अन्य सभी को लॉक कर सकता है. इसमें पासवर्ड होता है ऐसे में इसे सिर्फ पासवर्ड से ही ओपन किया जा सकता है. यानी सिस्टम गलत हाथों में जाने के बाद भी फाइल सेफ रहेंगी.

रजिस्ट्री क्लीनअप (Registry Cleaners/Tune up Utilities)

कोई यूजर्स जब भी सिस्टम का इस्तेमाल करता है, तो उसकी रजिस्ट्री में कई फाइलें आ जाती है. इन फाइल्स की वजह से कम्प्यूटर की बूटिंग प्रोसेस धीमी हो जाती है और सिस्टम भी स्लो हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि रजिस्ट्री क्लीनअप किया जाए. रजिस्ट्री क्लीन करने के लिए कई सॉफ्टवेयर आते हैं. जिसका सिस्टम में होना जरूरी होता है.

नीरो (Nero : Image Burner)

यदि कोई यूजर्स CD/DVD को राइट करता है, तो इसके लिए सिस्टम में DVD राइटर होना जरूरी है. साथ ही, एक अच्छा सॉफ्टवेयर. राइटर के साथ एक Nero सॉफ्टवेयर की CD आती है. जिसकी मदद से आसानी से CD/DVD को राइट किया जा सकता है. ये सॉफ्टवेयर किसी भी CD/DVD की इमेज बना देता है. जिसे आसानी से राइट किया जा सकता है. इमेज में किसी तरह का वायरस नहीं होता. साथ ही, ये किसी भी CD/DVD की पूरी तरह डुप्लिकेट कॉपी होती है.

फायरफॉक्स और गूगल (Firefox and Google Chrome)

कम्प्यूटर और लैपटॉप पर ज्यादातर यूजर्स इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में मोजिला फायरफॉक्स और गूगल क्रोम किसी भी यूजर्स के लिए जरूरी वेब ब्राउजर्स हैं. ये ब्राउजर्स सर्चिंग और डाउनलोडिंग के लिए भी काम आते हैं. इन ब्राउजर्स को इंटरनेट से डाउनलोड किया जा सकता है. साथ ही, जिनके सिस्टम में ये मौजूद है उन्हें इंटरनेट से अपडेट भी किया जा सकता है.

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