क्रिकेट का कोई मैच अपने रोमांच के चरम पर हो और बारिश आ जाए, तो सारा मजा किरकिरा हो जाता है. आप अगर अपने दिमाग पर जोर दें, तो आपको कितने ही ऐसे मैच याद आ जाएंगे, जिन्हें बारिश ने धो दिया.

ज्यादा दूर ही क्यों जाएं वर्तमान में न्यूजीलैंड के साथ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों में ही बारिश बाधा बनी थी. कुछ देर की बारिश ने मैदान को इतना गीला कर दिया कि मैदान से पानी हटाने के लिए सुपर सोपर्स का इस्तेमाल करना पड़ा.

ऑस्ट्रेलिया में तो ग्राउंड सुखाने के लिए हेलीकॉप्टर तक की मदद ली जाती है. लेकिन बारिश के बाद अब मैदान को सुखाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. हैदराबाद में इंजिनियरिंग के एक छात्र यामालैया ने एक ऐसा कवर डिजाइन करने में जुटे हैं, जो क्रिकेट मैदान को तेज बारिश में भी भीगने नहीं देगा.

इस कवर की बदौलत अब मैदान पर सुपर सोपर्स या हेलीकॉप्टर आदि की जरुरत नहीं पडे़गी. यामालैया ने अपने इस खास डिजाइन का पेटेंट हासिल करने के लिए आवेदन दर्ज किया है.

यामालैया के मुताबिक उनका यह कवर किसी भी आकार के ग्राउंड को कवर करने में सक्षम होगा. यह एक ही कवर पूरे ग्राउंड को ढक लेगा. ग्राउंड्स को बारिश से बचाने के लिए अभी कई कवर्स इस्तेमाल में लाए जाते हैं, जिन्हें एक के ऊपर एक रख कर मैदान पर बिछाया जाता है. इसके बावजूद यह कवर पूरे ग्राउंड को गीला होने से बचा नहीं पाते और बारिश रुकने के बाद मैदान को सुखाने के लिए सुपर सोपर्स या हेलीकॉप्टर आदि का सहारा लिया जाता है.

कवर के ऊपर कवर होने से पानी का रिसाव होता है, जिस कारण मैदान भीग जाते हैं. इसके बावजूद मैदान पूरी तरह से नहीं सूख पाते और गीले मैदान की वजह से गेम की कंडीशन प्रभावित होती हैं. फील्डर्स तेज दौड़ नहीं पाते क्योंकि उन्हें चोट लगने का खतरा रहता है और गीले मैदान पर गेंद जाने से वह भारी हो जाती है, जिससे बॉल का स्विंग होना भी बंद हो जाता है. इसके अलावा आउटफील्ड भी स्लो हो जाता है.

यामालैया के अनुसार उनका यह विशाल कवर इस मामले में बेजोड़ है. यामालैया का यह एक ही कवर किसी भी आकार के पूरे मैदान को ढक लेगा और मैदान पर पड़ने वाले पानी को बाउंड्री के बाहर लगे सीवेज सिस्टम में गिराएगा.

मैदान से पानी निकालने के लिए सभी मैदानों में सीवेज सिस्टम की सुविधा रहती है. यह कवर इलेक्ट्रिक मोटरों के जरिए चलेगा, जो एक क्षैतिज रॉड पर बंधा होगा. बारिश के दौरान यह जल्दी ही खुल जाएगा और पूरे मैदान को ढककर उसे भीगने से बचा लेगा.

इस कवर की मदद से बारिश रुकने के बाद उसे सुखाने में जाया होने वाला वक्त भी बचेगा. अगर उनकी यह खोज उनके दावे पर खरी उतरी तो यह क्रिकेट को एक नया आयाम देगी.

साइंस में ग्रेजुएशन कर रहे यामालैया ने अपने इस अनूठे रिसर्च के लिए यामालैया ने अपने कॉलेज से मिल रही टेक्नीकल सपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया. साइंस में ग्रेजुएशन कर रहे यामालैया इंग्लिश लिट्रेचर में मास्टर डिग्री हैं.

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