सर्दी के दिनों में हम पानी का इनटेक कम कर देते हैं. ठंड की वजह से हमें प्यास ज्यादा नहीं लगती. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सर्दी के दिनों में उचित मात्रा में तरल पदार्थ हमारे शरीर में न पहुंचने से हमारा खून गाढ़ा हो जाता है. इस कारण रक्तसंचार में व्यवधान और धमनियों में प्रेशर बढ़ जाता है. रक्तसंचार ठीक रखने के लिए हमारे दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है. इस वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए गर्मी हो या सर्दी, दिन भर में दो से तीन लीटर पानी पीना आवश्यक है. पानी सिर्फ प्यास ही नहीं बुझाता है, बल्कि यह शरीर के कई रोगों का निवारण भी करता है. पानी हमारे शरीर के लिए औषधि है.

हमारे शरीर में पानी की मात्रा लगभग 70 प्रतिशत है. पानी अनेक तरीके से हमारे शरीर को सुचारू ढंग से चलाने में मदद करता है. यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है, शरीर को उत्तेजना पहुंचाता है, अंगों को सक्रिय रखता है, शरीर में जमे टौक्सिन्स को बाहर निकालता है, दर्द को दूर करता है, कफ को बाहर निकालने में मदद करता है, तनाव से मुक्ति देता है, जलन खत्म करता है और त्वचा में कसाव व चमक लाता है. जल चिकित्सा में पानी के इन्हीं गुणों का प्रयोग शरीर को स्वस्थ रखने, रोगों से बचाव तथा उनके निवारण में किया जाता है.

जल चिकित्सा बहुत पुरानी चिकित्सा विधि है, जिसमें गर्म-ठंडा सेंक, कटिस्नान, वाष्प स्नान, रीढ़ स्नान, पूर्ण टब स्नान आदि के जरिए अनेक रोगों का इलाज किया जाता है. पानी के तापक्रम के जरिए पेटदर्द, कब्ज, सर्दी-जुकाम, महिला सम्बन्धी रोगों का इलाज होता है.

जल से चिकित्सा वास्तव में एक पुरातन घरेलू चिकित्सा है. हम हमेशा से ही अनेक बीमारियों में जल का प्रयोग करते रहे हैं. घरों में ठंडे-गर्म पानी का सेंक अनेक परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है. दर्द का इलाज हम गर्म पानी के सेंक से करते हैं, तो बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टियां सिर पर रखते हैं.

गर्म-ठंडे पानी की सिंकाई कब्ज तथा प्रदाह आदि में लाभकारी है. यदि सिर दर्द या सर्दी-जुकाम की समस्या है, तो रात को सोते समय गुनगुने पानी के टब में दोनों पैर डालकर 10 मिनट के लिए रखा जा सकता है या गर्म पानी की भांप लेने से राहत मिलती है. इससे बंद नाक खुल जाती है, सिरदर्द खत्म हो जाता है और सांस लेना आसान हो जाता है. गर्म पानी की भांप श्वांस नली और फेफड़ों में जमे हुए कफ को ढीला करके बलगम के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है.

मोटापा, चर्म रोग, जोड़ों का दर्द, सर्दी-जुकाम तथा दमा आदि में वाष्प स्नान की सलाह दी जाती है जो स्वेद ग्रंथियों की सक्रियता को बढ़ाकर त्वचा से विजातीय द्र्रव्य शीघ्रता से निकालने में मदद करता है. इसी तरह पेट के रोगों में कटि-स्नान, जोड़ों के दर्द में पूर्ण टब स्नान, मानसिक रोगों तथा तनाव आदि में रीढ़ स्नान आदि जल चिकित्सा के महत्त्वपूर्ण उपचार हैं.

बहुत से लोग अच्छी तरह से स्नान नहीं करते हैं. उन्हें लगता है कि फालतू पानी क्या बहाना. लेकिन यह जानना जरूरी है कि साफ पानी से अच्छी तरह से स्नान करने से हमारी त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते हैं, डेड स्किन निकल जाती है और त्वचा जीवन्त हो जाती है तथा शरीर में रक्त संचार भी बढ़ जाता है जो अन्ततोगत्वा शरीर को स्वस्थ रखने तथा रोगों से बचाव में हमारी सहायता करता है.

कब्ज से लोग इसलिए परेशान होते हैं, क्योंकि उन्हें पानी पीने की आदत नहीं होती. पानी की कमी से आंतों को खाना पचाने के लिए उपयुक्त नमी नहीं मिलती और वह सूख जाती हैं. इसके कारण अल्सर की समस्या भी हो जाती है. कब्ज की शिकायत हो तो खूब पानी पियें और पेट पर गर्म-ठंडे पानी की सिंकाई करें. दिन में कम से कम 12 गिलास गुनगुना पानी पीने से कब्ज से राहत मिलती है. गर्म पानी पीने से आंतों में जमा मल आसानी से निकल जाता और पेट साफ होने से गैस की समस्या भी खत्म हो जाती है.

पानी पीने से हमारी किडनी भी बेहतर तरीके से काम करती है. अगर हम पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो इससे यूरिन साफ होता है और पूरा सिस्टम क्लीन हो जाता है. यह सफाई बाहरी रूप में भी दिखायी देती है. इससे त्वचा पर भी ग्लो आता है. पानी के इस्तेमाल से आपके अंदरूनी सिस्टम को क्लीन करने के लिए गुनगुने पानी के एक ग्लास में कुछ बूंदें शहद और नींबू के रस की मिलाकर सुबह-सुबह पीना लाभदायक है.

पानी की कमी से त्वचा ड्राई और डीहाईड्रेटिड हो जाती है और उस पर समय से पहले झुर्रियां दिखने लग जाती हैं. जबकि अगर आपकी त्वचा में नमी होगी तो आपकी कोशिकाएं फिर से नयी हो जाएंगी, जो झुर्रियों को रोकेंगी. इसलिए सर्दी हो या गर्मी पर्याप्त मात्रा में पानी पियें. इसके अलावा अपने चेहरे पर पानी के छींटें मारें और त्वचा पर आइस क्यूब्स लगाएं. इससे त्वचा के पोर जो ज्यादा खुल जाते हैं वह बंद हो जाएंगे.

जिन लोगों की त्वता बहुत अधिक गोरी या फिर संवेदनशील होती है उनके साधारण स्क्रब करने या फिर चेहरे पर थोड़ा दबाव डालने से ही त्वचा लाल हो जाती है. इसे दूर करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है. बर्फ के पानी में रूई भिगोएं और अपने चेहरे पर लगाएं. एक दो मिनट ऐसा करने से ही चेहरे की लालिमा और जलन कम होने लगती है. संवेदनशील त्वचा के लिए साफ ठंडे पानी में कुछ बूंदें गुलाबजल की मिलाकर लगाने से भी राहत मिलती है.

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