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उस दिन नए साल का पहला दिन था यानी 1 जनवरी, 2018. लोग नए साल का स्वागत कर रहे थे. सूरत के कामरेज थानाक्षेत्र के टिंबा गांव का करोड़पति प्रीतेश पटेल भी अपने दोस्तों के साथ नए साल के आगमन की खुशियां मना रहा था. उस के खास दोस्तों में सब से महत्त्वपूर्ण थी मुंबई की मौडल और बार डांसर ज्योति सुरजीत सिंह उर्फ निशा ज्योति. कभी मौडल रह चुकी ज्योति मुंबई की मशहूर बार डांसर बन गई थी. प्रीतेश और ज्योति दोनों एकदूसरे को प्यार करते थे.

प्रीतेश पटेल के निमंत्रण पर ज्योति, उस का ड्राइवर संदीप सिंह और संदीप की पत्नी निकिता सिंह मुंबई से टिंबा घूमने आए थे. उन के आगमन से प्रीतेश बेहद खुश था, क्योंकि उस की प्रेयसी ज्योति पहली बार उस के घर आई थी.

स्वागत और खातिदारी के बाद प्रीतेश पटेल ने उन लोगों को अपनी केले की खेती दिखाने को कहा तो वे खुशीखुशी तैयार हो गए. उस समय दिन के 11 बजे थे. प्रीतेश की केले की फसल कई एकड़ में थी. केले के व्यवसाय से ही वह करोड़पति बना था.

दोस्तों के तैयार होने के बाद प्रीतेश ने घूमने जाने के लिए अपनी सफेद रंग की कार निकाली. उस ने ड्राइविंग सीट संभाली तो ज्योति उस के साथ आगे की सीट पर बैठ गई, जबकि संदीप और उस की पत्नी निकिता पीछे की सीट पर बैठे. कच्ची सड़क से होते हुए वे कुछ ही देर में खेतों पर पहुंच गए.

खेतों पर पहुंच कर प्रीतेश ने संदीप और निकिता को वहीं उतार दिया. ज्योति को उस ने यह कह कर कार से नीचे नहीं उतरने दिया कि थोड़ा आगे जा कर मोड़ से कार टर्न कर के लाएगा.

कार जैसे ही मोेड़ से टर्न हुई, ज्योति के मुंह से एक दर्दनाक चीख निकली. उस की चीख सुन कर संदीप और निकिता हैरान रह गए. दोनों उस दिशा की ओर लपके, जिधर से चीखें आई थीं. मोड़ के पास पहुंच कर अचानक दोनों के पांव जड़ हो गए.

वहां का हृदयविदारक दृश्य देख कर दोनों के मुंह से चीख निकल गई. कार एक ओर खड़ी थी, जबकि केले के खेत में बैठे प्रीतेश के हाथों में केला काटने वाला हंसिया था, जो खून में डूबा था. उस के कपड़े भी खून से तर थे. ज्योति का सिर धड़ से अलग पड़ा था. मतलब प्रीतेश ने धारदार हंसिया से ज्योति की हत्या कर दी थी. दोनों की चीख सुन कर प्रीतेश उन की ओर लपका तो डर के मारे संदीप और निकिता की घिग्घी बंध गई और वे वहां से उल्टे पांव भाग खड़े हुए. दोनों सीधे कामरेज थाना जा कर रुके.

थाने के पीआई किरण सिंह चुड़ासमा दफ्तर में  मौजूद थे. हांफते हुए संदीप और निकिता ने उन के कक्ष मे प्रवेश किया तो उन्होंने सामने पड़ी कुर्सियों की ओर इशारा कर के बैठने को कहा. थानेदार चुड़ासमा समझ गए थे कि दोनों जरूर किसी बड़ी मुसीबत में हैं और दौड़ कर वहां पहुंचे हैं. थानेदार किरण सिंह ने संदीप की ओर मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘हां, बताइए क्या बात है और इस तरह हांफ क्यों रहे हैं?’’

‘सर, मैं संदीप सिंह हूं और यह मेरी पत्नी निकिता. हम पंजाब के भटिंडा के रहने वाले हैं और अपनी मालकिन ज्योति के साथ मुंबई घूमने आए थे.’’ संदीप ने अपना परिचय दिया.

‘‘आगे बताइए?’’

‘‘27 दिसंबर, 2017 को ज्योति मैडम के बौयफ्रैंड प्रीतेश का जन्मदिन था. मुंबई घूमने के बाद 31 दिसंबर की रात प्रीतेश साहब हमें अपने गांव टिंबा घुमाने लाए. आज सुबह वह हमें अपनी कार में बिठा कर अपने केले के खेत दिखाने ले गए. खेत में पहुंचने के बाद उन्होंने मुझे और निकिता को कार से नीचे उतार दिया.’’ इस के बाद संदीप ने किरण सिंह चुड़ासमा को ज्योति के हत्या की बात बता दी.

हकीकत जान कर थानाप्रभारी चुड़ासमा भी हैरत में रह गए

ज्योति की हत्या की बात सुन कर थानेदार चुड़ासमा कुर्सी छोड़ कर खड़े हो गए और पुलिस टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. घटनास्थल थाने से करीब 7-8 किलोमीटर दूर था. अचानक गांव में पुलिस को आया देख कर गांव वाले हैरान रह गए. वे समझ नहीं पाए कि अचानक ऐसा क्या हो गया, जो पुलिस आई है.

पुलिस की जीप गांव के बाहर रुक गई. जीप से उतर कर पुलिस सीधे केले के खेतों की ओर बढ़ी, जहां ज्योति की सिर कटी लाश पड़ी थी. पुलिस के पीछेपीछे गांव वाले भी आ गए थे. केले के खेत में पड़ी सिरकटी लाश देख कर गांव वाले हैरान रह गए. घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर आड़ीतिरछी स्विफ्ट कार खड़ी थी.

मृतक लड़की गांव या आसपास के इलाके की नहीं थी. चेहरेमोहरे और पहनावे से वह किसी बडे़ घर की लग रही थी. लाश देख कर पुलिस भी हैरत में रह गई. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक जिस के कपड़े खून से सने हैं, वह गांव की ओर भागा जा रहा है. इस सूचना पर विश्वास कर के थानेदार किरण सिंह चुड़ासमा जीप ले कर गांव की ओर रवाना हुए. सफेद रंग की टीशर्ट और काली पैंट पहने एक युवक गांव से शहर की ओर भाग रहा था.

पुलिस की जीप देख कर उस की चाल तेज हो गई. युवक को भागते देख पुलिस ने उसे दौड़ा कर धर दबोचा. उस की सफेद टीशर्ट सामने से खून से सनी थी. पुलिस उस युवक को पकड़ कर थाने ले आई. लाश का पंचनामा भर कर उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया गया था. पुलिस ने मौके से मिली खून सनी हंसिया और खून सनी मिट्टी को बतौर साक्ष्य कब्जे में ले लिया था.

कड़ाई से पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम प्रीतेश पटेल बताया. उस ने बताया कि उसी ने धारदार हंसिया से अपनी पे्रमिका ज्योति सुरजीत सिंह उर्फ निशा ज्योति का कत्ल किया है. उस ने कत्ल की वजह उस के द्वारा की गई बेवफाई को बताया. बाद में उस ने पूरी घटना तफ्सील से बयान की.

22 वर्षीया ज्योति सुरजीत सिंह उर्फ निशा ज्योति मूलरूप से पंजाब के बठिंडा की रहने वाली थी. खूबसूरत ज्योति मौडल बनना चाहती थी. मांबाप भी बेटी का सपना पूरा करने के लिए तैयार थे. इंटरमीडिएट तक पढ़ाई कर के ज्योति ने पढ़ाई छोड़ दी और मौडल बनने के लिए मायानगरी मुंबई चली गई.

ज्योति ने मुंबई में अपने एक परिचित के घर रह कर मौडलिंग की दुनिया में पांव जमाने की कोशिश की, लेकिन उसे मनचाही सफलता नहीं मिली. फिर भी ज्योति ने हिम्मत नहीं हारी.

मौडलिंग की दुनिया से निराश ज्योति एक बार में डांस का काम करने लगी. उसे भीमराव रोड स्थित एक बार में डांसर की नौकरी मिल गई थी. कमसिन ज्योति की अदाओं ने लोगों पर ऐसा जादू चलाया कि उस की एक थिरकन पर नोटों की बरसात होने लगती. इस के बाद उस ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

प्रीतेश अमीर बाप का बेटा था, पैसे के नशे में डूबा हुआ

गांव टिंबा के रहने वाले 30 वर्षीय प्रीतेश पटेल के पिता विदेश में रह कर नौकरी करते थे. विदेश की कमाई से ही उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी. गांव में प्रीतेश का जलवा था, उस के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी. वह मांबाप का एकलौता बेटा था. मातापिता का जो कुछ भी था, उसी का था. इसलिए वह यारदोस्तों पर पानी की तरह पैसा बहाता था.

प्रीतेश शादीशुदा था. प्रीतेश के पिता जब भी विदेश से सूरत आते थे, उन्हें मुंबई एयरपोर्ट पर उतरना पड़ता था. मुंबई से प्रीतेश उन्हें अपनी स्विफ्ट डिजायर कार से टिंबा ले आता था. जब वह विदेश वापस जाते तब भी वह उन्हें मुंबई एयरपोर्ट तक छोड़ने जाता था.

प्रीतेश जब भी पिता को मुंबई पहुंचाने जाता, मनोरंजन के लिए बार डांस क्लब जरूर जाता. जब पहली बार उस ने स्टेज पर थिरकती ज्योति को देखा तो उस की कमसिन जवानी उस की आंखों में बस गई. छरहरे बदन की खूबसूरत ज्योति रंगीन रोशनी की लहरों के बीच किसी हूर सी लग रही थी. वह पहली ही नजर में प्रीतेश के दिल की गहराइयों में उतर गई. उस दिन तो वह घर वापस लौट आया, लेकिन उस दिन के बाद ज्योति के दीदार के लिए वह बुरी तरह छटपटाने लगा. सोतेजागते, उठतेबैठते उस की आंखों के सामने ज्योति का सलोना चेहरा नाचता रहता था.

प्रीतेश ज्योति के दीदार के लिए अकसर मुंबई आनेजाने लगा. वह बार में बैठा ज्योति को अपलक निहारता रहता. उस पर पानी की तरह पैसा बहाता. इस बीच ज्योति की निगाह जब भी प्रीतेश से टकराती, वह दांतों तले होंठ दबा कर मुसकरा देती. ज्योति कई दिनों से देख रही थी कि वह जब भी आता है तो उसे आशिकी भरी निगाहों से निहारता है.

ज्योति की कातिल निगाहों से घायल प्रीतेश पटेल ने बार डांसर का नाम पता किया. उस के बाद प्रीतेश ज्योति तक पहुंच गया. धीरेधीरे दोनों में परिचय हुआ. यह परिचय पहले दोस्ती में बदला, फिर यह दोस्ती प्यार में बदल गई. प्रीतेश जब मुंबई आता, ज्योति से जरूर मिलता. यही नहीं उस पर लाखों रुपए उड़ा देता.

महत्वाकांक्षी ज्योति बार डांसर थी. उसे किसी की भावनाओं से कोई सरोकार नहीं था. उस का दीनईमान केवल पैसा था. वह इतना पैसा कमाना चाहती थी कि जीवन ठाठ से गुजरे. प्रीतेश के रूप में उसे सोने का अंडा देने वाली मुर्गी मिल गई थी. वह जो भी फरमाइश करती, प्रीतेश उसे पूरी करने से पीछे नहीं हटता.

ज्योति और प्रीतेश को मिलते और एकदूसरे से प्यार करते करीब डेढ़ साल बीत गया. वह शादीशुदा था, यह अलग बात है. हालांकि उस ने ज्योति से कुछ नहीं छिपाया था. ज्योति को उस के शादीशुदा होने से कोई ऐतराज भी नहीं था. प्रीतेश की हकीकत जान कर पीछे हटने के बजाय वह उस पर और भी ज्यादा मरमिटने लगी थी.

प्रीतेश और ज्योति की प्रेम कहानी

एक दिन प्रीतेश ज्योति से मिलने मुंबई गया था. वह उसे ले कर काफी संजीदा था. उसे ले कर कई दिनों से उस के मन में एक सवाल उथलपुथल मचा रहा था. सवाल था उसे अपनी बनाने का. मौका देख कर आखिर उस ने अपने मन की बात ज्योति से कह दी, ‘‘ज्योति, तुम्हें लेकर मेरे मन में कई दिनों से एक सवाल उथलपुथल मचाए हुए है. मैं अपने मन की बात कह कर मन हल्का करना चाहता हूं.’’

‘‘तो कह डालो, मना किस ने किया है. मन की बात मन में रखने से मन और दिल दोनों पर बोझ बढ़ता है. समझे मिस्टर लल्लू.’’ ज्योति अदा के साथ बोली.

‘‘पता नहीं, मुझे ले कर तुम्हारे मन में कैसी फीलिंग होती है, पर मैं तुम्हें ले कर एकदम संजीदा हूं.’’ कहतेकहते प्रीतेश गंभीर हो गया.

‘‘यह तो तुम्हारी बातों से ही झलकता है. अब बता भी दो प्रीतेश, तुम क्या कहना चाहते हो?’’

‘‘मैं तुम से शादी करना चाहता हूं ज्योति. जब से तुम्हें देखा है, मेरी रातों की नींद और दिन का चैन सब हराम हो गया है. मैं तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रह सकता.’’ हिम्मत जुटा कर प्रीतेश ने अपने मन की बात कह दी. उस की बात सुन कर ज्योति गंभीर हो गई.

वह कुछ नहीं बोली तो प्रीतेश ने आगे कहा, ‘‘जितना तुम से दूर जाने के बारे में सोचता हूं, उतना ही खुद को तुम्हारे करीब पाता हूं.’’ प्रीतेश की यह बात सीधे ज्योति के दिल में घर कर गई.

‘‘दोबारा ऐसा मत कहना.’’ ज्योति ने प्रीतेश के होंठों पर अंगुली रख दी, फिर बोली, ‘‘मैं भी तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रह सकती प्रीतेश. बहुत प्यार करती हूं तुम से. लेकिन क्या है कि हमारे रास्ते में एक बाधा है.’’ ज्योति उस की आंखों में झांकते हुए बोली.

‘कैसी बाधा?’’

‘‘तुम यह भूल रहे हो कि घर में तुम्हारी पत्नी भी है. उस के रहते हम दोनों कभी एक नहीं हो सकते. उस का क्या करोगे तुम?’’

प्रीतेश ज्योति का चेहरा दोनों हाथों में समेट कर बोला, ‘‘तुम शादी करने के लिए तैयार हो तो मैं उसे तलाक दे दूंगा.’’

‘‘सच में तुम ऐसा कर सकते हो?’’

‘‘तुम्हें मेरी बातों पर यकीन नहीं है.’’

‘पूरा यकीन है. तुम जो कहते हो उसे करते भी हो. तुम्हारी यही अदा तो मुझे भा गई थी, जो तुम से दिल लगा बैठी.’’

‘‘वैसे भी वाइफ को मेरे और तुम्हारे रिश्तों के बारे में पता चल चुका है. इसे ले कर घर में हम दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते हैं. मैं ने उसे साफ कह दिया है कि मैं तुम्हें तलाक दे कर ज्योति से शादी कर लूंगा.’’

‘‘तो ठीक है. बात जब यहां तक पहुंच चुकी है तो मैं तुम से शादी करने के लिए तैयार हूं. पर एक शर्त है?’’

‘‘कैसी शर्त?’’

‘‘यही कि तुम पहले उसे तलाक दोगे. फिर मैं तुम से शादी करूंगी.’’

‘‘ठीक है, मुझे तुम्हारी यह शर्त मंजूर है. मैं पत्नी से तलाक ले कर ही तुम से शादी करूंगा. लेकिन मेरी भी एक शर्त है, जिसे तुम्हें मानना होगा.’’

‘‘कैसी शर्त?’’

‘‘यही कि तुम्हें बार डांसर की नौकरी छोड़नी होगी.’’

‘‘मेरे खर्चे कैसे चलेंगे?’’ कहते हुए ज्योति चिंतित दिखाई दी.

‘‘उस की चिंता तुम्हें करने की जरूरत नहीं है. मैं तुम्हारा पूरा खर्चा उठाऊंगा.’’

‘‘मैं तैयार हूं.’’ ज्योति ने उत्साह से कहा.

उस के बाद दोनों भविष्य की योजनाओं पर घंटों बातें करते रहे. उस के बाद प्रीतेश मुंबई से अपने घर लौट आया. ज्योति को ले कर प्रीतेश और उस की पत्नी के वैवाहिक जीवन में वाकई खटास आ चुकी थी. इसे ले कर दोनों के बीच रोजरोज झगडे़ होते थे. प्रीतेश की पत्नी को यह कतई मंजूर नहीं था कि उस के सिंदूर का बंटवारा हो. वह प्रीतेश पर ज्योति से रिश्ते तोड़ने के लिए दबाव डालती रहती थी. यह बात प्रीतेश को पसंद नहीं थी, इसलिए उस ने पत्नी को तलाक देने का फैसला कर लिया था.

ज्योति की बेवफाई ने तोड़ दिया प्रीतेश को

दूसरी ओर ज्योति मुंबई छोड़ कर बठिंडा स्थित अपने घर लौट आई. ज्योति के मुंबई से बठिंडा लौट जाने के बाद प्रीतेश ने उसे बतौर तोहफा बठिंडा में 2 करोड़ रुपए का एक आलीशान फ्लैट खरीद कर दिया. उस फ्लैट में सुखसुविधाएं के सारे साधन थे. यह जनवरी, 2017 की बात है.

अपने पति और ज्योति के संबंधों की बात प्रीतेश की पत्नी से छिपी नहीं थी. जब उसे पति की इस हरकत के बारे में पता चला तो वह आगबबूला हो गई. किसी भी पत्नी के लिए यह बरदाश्त के बाहर की बात थी. इसे ले कर पतिपत्नी के बीच खूब झगड़े होने लगे. इस झगड़े से आजिज आ कर वह प्रीतेश को छोड़ कर हमेशाहमेशा के लिए अपने मायके चली गई.

प्रीतेश यही चाहता भी था, वह ज्योति से शादी कर के उसे अपने घर में रख सके. वह अपने मकसद में कामयाब हो गया था. अंतत: जुलाई, 2017 में उस ने पत्नी को तलाक दे दिया. अब उस के रास्ते का कांटा हमेशाहमेशा के लिए निकल गया था.

कहते हैं, जब मनुष्य के विनाश की भूमिका बंधती है तो उस की बुद्धि काम करना बंद कर देती है. प्रीतेश के साथ भी यही हुआ. पत्नी को तलाक देने के बाद प्रीतेश 6 महीने घर नहीं आया. वह मुंबई में यहांवहां दोस्तों के घर रह कर समय बिताता रहा. बीचबीच में ज्योति प्रीतेश से मिलने बठिंडा से मुंबई आती और कुछ समय उस के साथ बिता कर वापस बठिंडा लौट जाती.

इस बीच प्रीतेश ने महसूस किया कि ज्योति में काफी बदलाव आ गया है. अब उस में पहले जैसा प्यार नहीं झलकता. यह देख प्रीतेश का माथा ठनका. उस ने सोचा कि कहीं ज्योति ने अपना इरादा तो नहीं बदल दिया. जबकि उस की वजह से ही उस ने अपनी बसीबसाई गृहस्थी में आग लगा दी थी.

प्रीतेश ने ज्योति पर जो शक किया था, वह गलत नहीं था. जब उसे पता चला कि ज्योति ने उसे अंधेरे में रख कर धोखा दिया है तो उस के पैरों तले से जमीन खिसक गई. ज्योति बठिंडा के रहने वाले गौरव भट्टी से प्यार करने लगी थी. यह बात उस ने प्रीतेश से छिपा ली थी. लेकिन प्रीतेश को कहीं से यह पता चल गया. प्रीतेश ने ज्योति को समझाया कि वह जो कर रही है, ठीक नहीं है. उसे बरबाद कर के वह चैन से नहीं रह सकेगी.

ज्योति ने प्रीतेश के सामने यह मान लिया कि उस के गौरव भट्टी से मधुर संबंध बन गए हैं, पर वह चिंता न करे. कुछ महीनों में वह गौरव से संबंध तोड़ लेगी और हमेशाहमेशा के लिए उस के पास आ जाएगी. लेकिन प्रीतेश इस के लिए तैयार नहीं था. वह चाहता था कि ज्योति गौरव से तुरंत रिश्ता खत्म कर ले और उस के पास आ जाए. दूसरी ओर ज्योति उसे आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रही थी. वह प्रीतेश से दूर हो कर गौरव के करीब जा चुकी थी.

गौरव प्रीतेश से भी अमीर बाप का बेटा था. ज्योति यह बात अच्छी तरह जान चुकी थी कि प्रीतेश के पास ज्यादा कुछ नहीं बचा है, इसलिए उस ने उस से मुंह मोड़ लिया था. प्रीतेश को यह बात सहन नहीं हुई. उस ने ज्योति से इस धोखे और छल का बदला लेने की ठान ली. 27 दिसंबर, 2017 को प्रीतेश पटेल का जन्मदिन था. उस ने ज्योति को फोन कर के उसे जन्मदिन की पार्टी में मुंबई आने को कहा तो उस ने मुंबई आने के लिए हां कर दी.

27 दिसंबर को ज्योति अपने ड्राइवर संदीप सिंह और उस की पत्नी निकिता के साथ बठिंडा से कार से मुंबई पहुंची. प्रीतेश मुंबई में ही एक होटल में ठहरा था. चारों ने होटल में ही धूमधाम से प्रीतेश के जन्मदिन की पार्टी का लुत्फ लिया.

इस पार्टी में प्रीतेश ने करीब 3 लाख रुपए खर्च किए. उस ने ज्योति को कई तोहफे भी खरीद कर दिए. 4 दिनों तक सब मुंबई में रुके रहे. 31 दिसंबर, 2017 को प्रीतेश ने ज्योति से अपने गांव टिंबा चलने को कहा तो ज्योति तैयार हो गई. उसी रात चारों मुंबई से सूरत के लिए रवाना हो गए. उसी रात वे टिंबा पहुंच गए.

अगले दिन नए साल का पहला दिन था, यानी 1 जनवरी, 2018. प्रीतेश बहुत खुश था. उस की खुशी का कारण यह था कि उस का प्यार यानी ज्योति पहली बार टिंबा स्थित उस के घर आई थी. सुबह को प्रीतेश ने ज्योति से कहा कि वह उन लोगों को अपनी केले की खेती दिखा कर लाएगा. इस के लिए तीनों तैयार हो गए.

प्रीतेश ने अपनी सफेद रंग की कार निकाली और उन तीनों को अपनी केले की खेती दिखाने ले गया. केले के खेतों पर पहुंच कर प्रीतेश ने ज्योति के ड्राइवर संदीप सिंह और उस की पत्नी निकिता को खेतों के पास उतार दिया और कार ले कर आगे बढ़ गया. दरअसल, प्रीतेश ने महसूस किया था कि पिछले 4 दिनों से ज्योति भले ही उस के साथ थी, लेकिन उस से बातें कम करती थी और मोबाइल पर चैटिंग ज्यादा.

जिसे प्यार किया उसी के खून से रंग लिए हाथ

वह जिस से चैटिंग कर रही थी, वह गौरव भट्टी ही था. प्रीतेश उसे चैटिंग करने से मना करता था, पर ज्योति उस की बातों पर ध्यान नहीं दे रही थी. उस ने ज्योति को समझाया था कि वह गौरव से बात न करें और उस से रिश्ता तोड़ ले. इस पर ज्योति ने वही जवाब दिया, जो पहले दे चुकी थी कि 2 महीने बाद उस से रिश्ते खत्म कर लेगी.

यह सुन कर प्रीतेश का माथा गरम हो गया. उस ने गुस्से में कहा,‘‘ज्योति, तुम्हारे प्यार में मैं ने सब कुछ लुटा दिया. तुम्हारे लिए मैं ने 2 करोड़ रुपए पानी की तरह बहा दिए. पत्नी से तलाक तक ले लिया, जबकि तुम ने मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया. मुझे बरबाद कर के अब तुम किसी और की बनने की सोच रही हो, यह अच्छी बात नहीं है. या तो तुम मेरी बात मान लो और उस से दूर हो जाओ, नहीं तो मैं तुम्हें जान से मार दूंगा.’’

प्रीतेश ने कार में जाते हुए भी प्रीति को समझाया. लेकिन बारबार समझाने के बावजूद कार में बैठी ज्योति मोबाइल पर चैटिंग में जुटी थी. उस ने प्रीतेश की बातें अनसुनी कर दी थी.

इस से प्रीतेश के सब्र का बांध टूट गया. उस ने आव देखा न ताव, उसे कार से खींच कर बाहर निकाला. फिर उसे केले के खेत में ले गया और जमीन पर पटक दिया. वहीं केले काटने वाला धारदार हंसिया पड़ा था. खेत में मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन कुछ देर के लिए वे कहीं चले गए थे.

गुस्से में प्रीतेश ने हंसिया उठाया और उस की गर्दन पर जोरदार प्रहार किया. ज्योति का सिर धड़ से अलग हो गया. वह जमीन पर गिर कर शांत हो गई. जब तक उस का गुस्सा ठंडा हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. जिस पर वह जान छिड़कता था, उसी के खून से उस ने अपने हाथ रंग लिए थे.

अब उसे जेल की सलाखें नजर आ रही थीं. पुलिस से बचने के लिए प्रीतेश मौके से भागने लगा, लेकिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

कथा लिखे जाने तक वह जेल में बंद था. अपने किए पर उसे मलाल था कि उस के हाथों 2 गुनाह हो गए. पत्नी भी छोड़ कर चली गई और प्रेमिका ने भी धोखा दे दिया.

— कथा पुलिस सूत्रों पर आधार

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