शरीर की स्वस्थ कार्यशीलता के लिए नियमित इस्तेमाल होने वाला आम नमक अथवा सोडियम क्लोराइड बेहद महत्त्वपूर्ण होता है. सोडियम हमारे शरीर की कई क्रियाशीलताओं को नियंत्रित करने और उन्हें संचालित रखने में बड़ी भूमिका अदा करता है. जब हमें डीहाइड्रेशन होता है तब शरीर में नमक की काफी कमी हो जाती है. यही वजह है कि धूप में घंटों खेलने के बाद खिलाडि़यों को डीहाइड्रेशन होता है और उन्हें मांसपेशियों में दर्द होने लगता है. डीहाइड्रेशन होने पर राहत के लिए आमतौर पर नमक और चीनी का घोल लेने की सलाह दी जाती है. शरीर की सामान्य प्रक्रियाओं के लिए जहां सोडियम जरूरी होता है वहीं इस की अधिकता हानिकारक भी साबित हो सकती है. हाइपरटैंशन और दिल की बीमारियों से पीडि़त लोगों को कम मात्रा में सोडियम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. यहां तक कि उन लोगों को भी कम सोडियम इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है जो मरीज नहीं हैं.
महत्त्वपूर्ण है सोडियम
कितना सोडियम ज्यादा होगा, हम इस के इस्तेमाल को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं और इस के तत्व आप के शरीर में कैसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, ये सब जानना सभी के लिए बेहद जरूरी है.
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रेस्टोरैंट वाले स्नैक्स जैसे कि सौल्टेड मूंगफली या पोटैटो फिंगर्स के साथ डिं्रक परोसते हैं. इस से आप की प्यास बढ़ती है. आप और डिं्रक पीते रहते हैं. सोडियम शरीर में वाटर रिटैंशन बढ़ाता है. यह शरीर की प्यास को रोक कर रखता है और हमें पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए प्रेरित करता है. पर्याप्त मात्रा में पानी होने से हमारा शरीर सही ढंग से कार्य करता है. इस से हमारा ब्लडप्रैशर सामान्य रहता है. यानी सोडियम का कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिले और इस्तेमाल किया गया पानी शरीर में बरकरार रहे. नमक मांसपेशियों का घर्षण भी बढ़ाता है, उन्हें दर्द से बचाता है और नमक से खाने की चीजों की पाचन प्रक्रिया तेज होती है.
यही वजह है कि सोडियम की कमी यानी हाइपोनेट्रीमिया खतरनाक भी साबित हो सकती है. इस की वजह से मांसपेशियों में दर्द व अकड़न हो सकती है, अचानक ब्लडप्रैशर कम हो सकता है, चक्कर आ सकता है, भ्रम की स्थिति पैदा हो सकता है और यहां तक कि आप की मानसिक स्थिति डांवांडोल हो सकती है. इतना ही नहीं, हालत गंभीर होने पर व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है या मौत का शिकार हो सकता है. नमक की बहुत ज्यादा कमी होने की हालत में कोशिकाओं में सोडियम असंतुलित हो जाता है और हमारा पाचनतंत्र प्रभावित हो सकता है.
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ऐसे में हमारे शरीर को हर समय सही ढंग से संचालित करने के लिए हमें उपयुक्त मात्रा में सोडियम और पानी का इस्तेमाल करना जरूरी होता है. लेकिन बहुत ज्यादा नमक आप के शरीर के संतुलन को गड़बड़ कर सकता है. किडनी अगर स्वस्थ ढंग से कार्य करती है तो यह शरीर से अतिरिक्त सोडियम बाहर निकालने का काम करती है.
कितना सोडियम करें इस्तेमाल
यूएस फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के दिशानिर्देशों के मुताबिक, प्रतिदिन 2,300 मिलिग्राम से अधिक सोडियम इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. चूंकि सोडियम शरीर में पानी को रोक कर रखता है, ऐसे में अगर सोडियम की मात्रा शरीर में अधिक हो गई तो वाटर रिटैंशन ज्यादा मात्रा में होगा. इस से आप के रक्त की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और आप को हाइपरटैंशन हो सकता है. ऐसे लोग जिन का ब्लडप्रैशर लगातार बढ़ा हुआ रहता है, उन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज और स्ट्रोक की समस्या होने का खतरा अधिक रहता है. किडनी की समस्या से पीडि़त लोगों को भी सोडियम की मात्रा अधिक होने पर समस्या हो सकती है.
अगर हम बिना किसी सक्रियता के लंबे समय तक एक जगह बैठे रहते हैं तब भी वाटर रिटैंशन शरीर में बढ़ता है, खासतौर से लंबी यात्राओं के दौरान फ्लाइट में. ऐसी स्थितियों में नमक कम मात्रा में इस्तेमाल करने से वाटर रिटैंशन भी कम होता है.
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नमक का इस्तेमाल नियंत्रित
शरीर को अधिकतर आवश्यक सोडियम हमारे नियमित आहार में इस्तेमाल होने वाले सामान्य नमक से मिलता है. हमें अपने खाने की चीजों पर ऊपर से नमक छिड़कने की आदत होती है. नियमित भोजन के अलावा, हम उबले और फ्राई किए हुए अंडों पर भी नमक छिड़कते हैं, फलों, सलाद और नीबू पानी में भी नमक डालते हैं. सोडियम इनटेक को जो चीजें सब से ज्यादा बढ़ाती हैं वे हैं पैकेज्ड और जंक फूड. उन में काफी ज्यादा मात्रा में नमक होता है. यह सिर्फ एक गलत धारणा है कि सिर्फ हाइपरटैंशन या दिल की बीमारियों से पीडि़त लोगों को कम नमक इस्तेमाल करना चाहिए. सच यह है कि हम सब को स्वास्थ्य समस्याओं से खुद को बचा कर रखने के लिए कम मात्रा में ही नमक इस्तेमाल करना चाहिए.
शरीर को जितने सोडियम की जरूरत होती है वह सिर्फ 2 बार खाना खाने से पूरी हो जाती है. लेकिन हम जरूरत से काफी ज्यादा नमक इस्तेमाल करते हैं. सच यह है कि हम में से अधिकतर लोग इस के बारे में जागरूक ही नहीं हैं और ऐसे में वे ज्यादा परवा भी नहीं करते. ऐसे में शुरुआत सब से पहले सतर्कता से करनी चाहिए. हम जो भी खाते हैं उस को ले कर सतर्कता बरतने की जरूरत होती है. यह ध्यान रखें कि आप को किनकिन चीजों से सोडियम मिलता है. और फिर योजनाबद्ध तरीके से अतिरिक्त नमक इस्तेमाल करने की आदत को बदलें और कम मात्रा में नमक खाएं.
क्या करें?
जंक फूड, नमक वाले स्नैक्स, पैकेज्ड, डब्बाबंद और प्रौसैस्ड फूड जैसे कि फ्रोजन फिश, चिप्स आदि खाने से बचें क्योंकि इन सब में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. आप ने महसूस किया होगा कि एक चिप्स का पूरा पैकेट खत्म करने के बाद कितनी ज्यादा भूख लगती है. यह थोड़ा कठिन है लेकिन जहां तक हो सके बच्चों को ऐसी चीजें खाने की आदत न पड़ने दें ताकि उन की सेहत प्रभावित न हो.
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खाने की हर चीज पर नमक छिड़कना बंद करें. फल बिना नमक के खाएं. फ्राई किए हुए अंडों पर नमक छिड़कने की आदत छोड़ दें.
डब्बाबंद खाना या जूस, जिस में नमक हो, का इस्तेमाल कम करें. बेहतर है ताजा जूस इस्तेमाल करें और उस में नमक न डालें.