दिल्ली रेलवे स्टेशन से नंगलडैम शहर के लिए जैसे ही राहुल रेलगाड़ी के कंपार्टमैंट में चढ़ा, उस ने नजर खाली बर्थ की तरफ दौड़ाई, लेकिन स्लीपिंग कंपार्टमैंट में अधिकतर सीटें खाली पड़ी थीं. उस ने अपना सामान एक बर्थ पर रख कर देखा तो एक युवती खिड़की के पास वाली लंबी बर्थ पर अकेली बैठी थी. उस की उम्र यही कोई 22-23 के आसपास की रही होगी. वह गुलाबी रंग के सूट में थी. दिसंबर का महीना था. वह आकर्षण और रूपलावण्य से भरपूर इतनी सुंदर लग रही थी मानो जैसे कोई अप्सरा धरती पर उतर आई हो.

टिकट चैकर के पास जा कर राहुल ने उस लड़की के पास वाली सीट अपने लिए बुक करवा ली. राहुल एक कंपनी में जौइन करने के लिए नंगल जा रहा था. असिस्टैंट मैनेजर का पद था. गाड़ी रात को 10 बजे चल कर नंगल सवेरे 5 बजे पहुंचती थी. वह खुश था, ‘काफी समय के लिए यात्रा में इतनी सुंदर युवती का साथ रहेगा,’ ऐसा वह मन ही मन सोचने लगा.

राहुल लगभग 25 वर्ष के आसपास था. एक क्षण के लिए उस ने सोचा, ‘क्यों न वह अपना परिचय देते हुए, उस युवती के पास बैठ कर उस से नजदीकी बढ़ाए.’

‘‘मेरा नाम राहुल है. मैं नंगल जौब जौइन करने जा रहा हूं. आप का क्या नाम है? आप कहां जा रही हैं?’’ पूछते हुए उस की बेसब्री जाहिर थी. वह उस के चेहरे को गौर से देख रहा था.

‘‘हम दोनों हमउम्र हैं, पहले तो मैं यह कहूंगी कि आप की जगह तुम शब्द का इस्तेमाल कीजिए. मेरा नाम सपना है. मैं नंगल डैम शहर में सिविल अस्पताल में इंटर्नशिप के लिए जा रही हूं. 3 महीने मैं नंगल शहर में ही रहूंगी.’’

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