शादी के नाम से लड़केलड़की क्या, सभी के मन में लड्डू फूटने लगते हैं. और कहीं तय हो जाए तो समझिए दोनों पक्षों में लड्डू बंटना शुरू, जोरशोर से तैयारी में दनादन खर्च. क्यों न करें भई, शादी एक ही बार होती है, रोजरोज थोड़े ही. ठीक है, पर जरा रुक कर सोचिए तो सही, आजकल आएदिन बढ़ रहे तलाक, घरेलू हिंसा, ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, धोखा, दहेज प्रताड़ना कहीं आप की भी खुशियों और खर्च पर पानी फेरने न आ जाएं. इसलिए, मन और खर्च पर थोड़ी लगाम कसें.
खर्च करना ही है तो उचित प्रीवैडिंग इन्क्वायरी पर करें तथा अपने पक्ष के बारे में सच्ची जानकारी के लिए दूसरे पक्ष का सहयोग करें. जिस से उस विवाह के सुखमय भविष्य की संभावनाएं बढ़ती ही जाएं.
पंडित, रीतिरिवाज, जन्मकुंडली मिलान से अधिक कुछ इन अधोलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें. संकोच न करें, बल्कि बिन चूके अवश्य ये प्रूफ लें और दें.
मैडिकल फिटनैस प्रूफ : ब्लड गु्रप के साथ जानें लड़केलड़की के आंख, कान, हाथ, पैर सब सामान्य हैं या नहीं. सुनने की क्षमता, सही उच्चारण, स्पष्ट बोली का भी फिटनैस प्रूफ लें. हकलाहट या स को श और श को स तो नहीं बोलता या बोलती? पहले ही जान लें कि चाल भटकती तो नहीं. चश्मा लगा है तो कितने पावर का है. कोई बीमारी या वंशानुगत बीमारी, कोई मेजर औपरेशन, यदि हुआ है तो उस की जानकारी आप को भी होनी चाहिए. मानसिक संतुलन, सनक, फोबिया जान कर ही आगे बढ़ें.
ये भी पढ़ें- मायके में न जाएं ससुराल के राज
क्वालिफिकेशन या आईक्यू स्तर : शिक्षा, प्रशिक्षा, योग्यता जांच कर ही रिश्ता पक्का करें. आईक्यू का मैच अवश्य बैठाएं. फर्जी डिगरी, सर्टिफिकेट को ले कर बाद में पछताना न पड़े. आजकल धोखे बहुत हो रहे हैं. जोड़े की खुशहाली के लिए दोनों के आईक्यू लैवल का मैच होना तो सब से जरूरी है, यह भूलें नहीं.
इनकम प्रूफ : लड़कालड़की कितना कमाते हैं, आप को इस का इनकम प्रूफ अवश्य लेना चाहिए. सीधासादा सम झ कर लोगों की बातों के झांसे में न आएं, न ही किसी लालच में. आखिर आप के बच्चों का भविष्य इस से जुड़ा है. कोई संकोच न करें, प्रूफ दें भी और लें भी.
हाउस ओनरशिप प्रूफ : यदि मकान, दुकान, प्लौट की बातें बताई गई हैं तो सज्जन बने आंखें मूंदे यों ही न मान लें. इन का प्रूफ अवश्य लें ताकि बाद में इस को ले कर मलाल और झगड़े की कोई संभावना न हो.
कैरेक्टर प्रूफ : कोई मुकदमा, जुर्माना, जेल, सजा, कर्ज, पूर्ववर्तमान कोई नाजायज/दत्तक संबंध तो नहीं? चालचलन सही होना बेहद जरूरी है, इसलिए पूरी जांचपड़ताल करें. शराब, जुआ, गुटका, तंबाकू, सिगरेट इत्यादि की बुरी लतें तो नहीं, यह जान लेना भी बहुत आवश्यक है जिस से बाद में कोई परेशानी न उठानी पड़े.
अन्य : रीतिरिवाज, धर्मसंस्कार के कितने मानने वाले हैं, यह भी जान लें, ताकि बाद में किसी को कोई आपत्ति न हो. साफसफाई, नाक, कान, दांत में हर समय उंगली, मुंह पर डकारना, छींकना, असभ्य व्यवहार सब पर नजर रखें कि इन्हें नजरअंदाज किया जा सकेगा या नहीं. शिष्टता और व्यवहार कैसा है, यह भी अच्छी तरह सम झ लें. बाद में इन आदतों को बदलवाने की जद्दोजेहद में घर कलह से न भर जाए, इसलिए पहले से यह सब देखना, सम झ लेना जरूरी है.
क्या सोच खुली या संकीर्ण है? अकसर इस कारण भी रिश्तों में खटास भरती है. आत्मविश्वासी है या अंधविश्वासी? स्वभाव शक्की या गुस्सैल तो नहीं, यह भी जान लें वरना दोनों का वैचारिक मेल खाना दुष्कर है. लड़के और लड़की की जरूरतें, जिम्मेदारियां क्या और कितनी हैं? यह न हो कि बाद में पता चले कि अपने किन्हीं लोगों की जिम्मेदारी भी लड़के या लड़की के सिर है, तो यही फसाद की जड़ बन जाए. इसलिए, जो भी हो आप सभी को हर बात की सही जानकारी पहले ही होनी चाहिए. तभी आगे बढ़ें.
ये भी पढ़ें- परीक्षा के समय बच्चों का ऐसे रखें ध्यान
खानदान, रिश्तेदार, रहनसहन तो आप देखते ही हैं, दोस्तसंगत, पड़ोसी, पतास्थान, बेसिक सुखसुविधा, हवापानी, पार्क, बाजार, स्कूल, दवा की दुकान, डाक्टरअस्पताल भी अवश्य देखें. अच्छी जांचपड़ताल करने के लिए एकदूसरे को संतोषप्रद समय दें. प्रीवैडिंग की अहमियत समझें और पूरी तसल्ली हो जाने पर ही शहनाई बजवाएं, लड्डू बांटें, बंटवाएं और हमें भी खिलाएं.