परीक्षा का समय आते ही बच्चों के साथ साथ अभिभावक भी ज्यादा चिंतित दिखने लगते हैं. बदलते समय के साथ बच्चे पढ़ाई से ज्यादा समय मोबाइल गेम और इंटरनेट की दुनिया पर बिताने लगे हैं. थोड़ा सा खाली वक़्त और हाथ में मोबाइल.. उस पर से जब वक़्त परीक्षा का हो तो अभिभावक के लिए खुद परीक्षा की घड़ी आन पड़ती है कि कैसे बच्चों को पढ़ाई के लिए बैठाया जा सके और उनका मन भी लगा रहे.
1- परीक्षा के समय से कुछ पहले बच्चों को सुबह उठ कर 1 घंटे पढ़ने की आदत डाले और सुबह के ब्रेकफास्ट में कुछ भी उनका मनपसन्द तैयार करें, खाने के लिए जो इनरजेटिक भी हो और इसकी तैयारी रात से ही कर लें.
जब सुबह उठकर पढ़ने की आदत रहेगी तो परीक्षा के समय भी रात का पढ़ा हुआ आराम से दोहराया जा सकेगा.
2- परीक्षा का शेड्यूल तय होते ही उसी हिसाब से टाइम टेबल बना ले, किस विषय कितना पढ़ना है और कौन सा विषय की तैयारी हो चुकी है, ये सब बच्चों से डिस्कस करके टाइम टेबल तय कर ले और पढ़ाई के दौरान थोड़ा खेलने को भी दे ताकि बच्चे बोर न हो . अगर ट्यूटर पढ़ाता हो तो उनसे शेड्यूल बनाए और उनका पढ़ाया हुआ खुद revise भी कराए ताकि पढ़ाई के संबध में बच्चे से आपकी बात भी होती रही.
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3- पढ़ाई के समय बच्चों के खाने पीने का भी खास ध्यान रखें. हेल्दी और हल्का फूड ही खाने को दें ताकि बच्चे को सुस्ती न आए. अगर बच्चा मैगी या पास्ता की मांग करता है तो उसमें सीजनल सब्जियों को डाले.
पानी भी बराबर पिलाती रहे और लिक्विड डायट में जूस, सूप दिया जा सकता हैं.
4. बच्चों की परीक्षा के समय थोड़ा खुद को भी अनुशासन में रखे, अगर आप वर्किंग वुमन है तो थोड़ा जल्दी आने की कोशिश करें और सोने से पहले उनके पढ़े हुए पर थोड़ा डिस्कस करें और अगर घरेलू महिला है और खुद पढ़ा सकती है तो खुद ही पढ़ाए, इससे ट्यूशन के पैसे तो बचेंगे ही साथ ही बच्चों से ज्यादा कनेक्ट हो पाएंगी.