खूबसूरत काजल थोड़ी जिद्दी स्वभाव की फैशनपरस्त और आधुनिक विचारधारा वाली युवती थी. वह अपना जीवन अपने तरीके से जीना चाहती थी. आसमान में पंख फैला कर वह उड़ना चाहती थी. काजल की ये बातें न तो उस के मांबाप को पसंद थीं और न ही भाईबहनों को. इसलिए उस के पिता उसे डांट दिया करते थे. पिता की बातों से उस का मन खट्टा हो जाता था.
काजल के पड़ोस में विजय पाठक रहता था. उस का पांडेयजी के घर आनानाजाना था. वह चौरीचौरा के भोपाबाजार स्थित एयरटेल फ्रैंचाइजी पर काम करता था. काजल और उस के घर वाले यह बात जानते थे. एक दिन काजल ने अपने मन की बात विजय से कह दी कि वह भी नौकरी करना चाहती है. उस के लिए भी कहीं बात करे.
काजल की बातों को उस ने गंभीरता से लिया और वह जहां नौकरी करता था, वहां के मालिक अनूप जायसवाल से उस के लिए भी बात कर ली. अनूप ने विजय से काजल को अपने यहां नौकरी पर रखने को कह दिया.
इस तरह काजल नौकरी करने लगी. उस के पिता अनिल पांडेय को जब यह बात पता चली तो वह आगबबूला हो गए. उन्हें मोबाइल की दुकान पर काजल का नौकरी करना पसंद नहीं था. उन्होंने उसे नौकरी छोड़ देने की चेतावनी भी भी दी. लेकिन उस ने पिता की बात नहीं मानी और नौकरी करती रही.
कभीकभी काजल फिल्मी गाने गुनगुनाया करती थी. उस के स्वर में दर्द छिपा होता था. काजल के इस शौक के बारे में जान कर विजय ने उसे सुझाव दिया कि वह चाहे तो अपना स्वर सिंगिंग ऐप पर लोड कर सकती है. इस से भविष्य में उसे सिंगिंग के क्षेत्र में अवसर मिल सकता है.
विजय का यह सुझाव काजल को जंच गया और उस ने स्टार सिंगिंग ऐप पर अपने कई गाने अपलोड कर दिए. उसी ऐप पर आगरा जिले के खंदौली क्षेत्र के प्यायू खंदौली का रहने वाला हरिमोहन शर्मा भी था. उस ने भी अपने कई गाने अपलोड किए हुए थे. स्टार सिंगिंग ऐप के जरिए काजल और हरिमोहन का एकदूसरे से परिचय हुआ. यह अप्रैल, 2018 की बात है.
काजल और हरिमोहन के बीच यह परिचय जब दोस्ती में बदला तो दोनों ने एकदूसरे को अपनेअपने मोबाइल नंबर दे दिए थे. अब ऐप के बजाए दोनों सीधे फोन पर बातें करने लगे थे.
बीटेक पास हरिमोहन एक अच्छे परिवार का होनहार युवक था. 4 भाईबहनों में वह दूसरे नंबर का था. वह पढ़ने में भी अव्वल था. हरिमोहन आगरा में रह कर एक बड़े कोचिंग इंस्टीट्ट से एसएससी के विद्यार्थियों को तैयारी कराता था.
हरिमोहन सरकारी नौकरी के लिए भी तैयारी कर रहा था. अपनी तैयारी के उद्देश्य से ही वह एसएससी की कोचिंग में विद्यार्थियों को पढ़ाता था. इसी बीच उस के जीवन में काजल ने चुपके से कदम रख दिया था.
जल्दी ही काजल और हरिमोहन की दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों एकदूसरे से अपनी मोहब्बत का इजहार भी कर चुके थे. जब दोनों का प्यार परवान चढ़ा तो हरिमोहन दिसंबर, 2018 और मार्च, 2019 में काजल से मिलने आगरा से गोरखपुर आया और बस से गोरखपुर से चौरीचौरा पहुंचा. कुछ घंटे प्रेमिका काजल के साथ बिताने के बाद उसी दिन वह आगरा लौट आया था.
काजल से मिलने के बाद हरिमोहन की दिनचर्या ही बदल गई थी. उस ने उस के बिना जीने की कल्पना तक छोड़ दी थी. इधर काजल की भी यही स्थिति थी. दिनरात वह प्रेमी के खयालों में खोई रहती थी. अपने दिल की प्यास बुझाने के लिए वह घंटों फोन पर चिपकी रहती थी और प्यार की मीठीमीठी बातें करती थी. पहली ही भेंट में हरिमोहन ने काजल को मोबाइल गिफ्ट किया था.
जब से काजल हरिमोहन के संपर्क में आई थी, तब से उस की जीवनशैली काफी बदल गई थी. यह बात घर वाले महसूस कर रहे थे. घर वालों ने जब उस से मोबाइल के बारे में पूछा तो उस ने झूठ बोलते हुए कह दिया कि उस की एक सहेली ने गिफ्ट किया है.
लेकिन काजल की प्रेम कहानी घर वालों से ज्यादा दिनों तक नहीं छिप पाई. पिता अनिल पांडेय को छोड़ कर घर के सभी सदस्यों को उस के प्रेमप्रसंग के बारे में पता चल चुका था. मां और बड़ी बहन ने तो काजल को समझाया भी था कि वह अपनी हरकतों में सुधार लाए, नहीं तो घर में कयामत आ सकती है.
लेकिन काजल पर मां और बहनों के समझाने का कोई असर नहीं हुआ. उस ने ठान लिया था कि हरिमोहन ही उस के जीवन का शहजादा है. उस के अलावा वह किसी अन्य पुरुष को अपने जीवन में जगह नहीं दे सकती.
काजल समझ चुकी थी कि उस के घर वाले इस रिश्ते के लिए राजी नहीं होंगे, जबकि वह हरिमोहन के बिना नहीं जी सकती. ऐसे में उसे क्या करना चाहिए, वह अकसर यही सोचती रहती थी.
काजल को टीवी के क्राइम सीरियल बहुत पसंद थे. सीरियल देख कर उस के दिमाग में विचारों की उठापटक होने लगी. जल्दी ही उस ने मन ही मन एक खतरनाक योजना बना ली.
उस की खतरनाक योजना यह थी कि वह दिखाने के लिए खुद की फरजी हत्या करेगी और सारा इलजाम किसी और पर डाल देगी. घर वाले थोड़े दिन उस की याद में तड़पेंगे, फिर धीरेधीरे उसे भूल जाएंगे.
दूसरी ओर वह हरिमोहन के साथ स्वच्छंद जीवन जीती रहेगी. समय आने पर वह खुद को घर वालों के सामने आ जाएगी. घर वाले थोड़ा नाराज होंगे, लेकिन फिर उसे माफ कर अपना लेंगे.
काजल ने यह बात हरिमोहन को बता कर उसे भी योजना में शामिल कर लिया. अब उसे बस सही समय का इंतजार था. इसी बीच सीमा को ले कर काजल और विजय में विवाद हो गया था. काजल बड़ी बहन सीमा को इसलिए अपने यहां नौकरी पर नहीं रखने देना चाहती थी कि उस की योजना पर पानी फिर सकता था.
वैसे भी घर वाले उस पर दबाव डाल रहे थे कि वह नौकरी छोड़ दे. लड़कियों का मोबाइल की दुकान पर नौकरी करने को लोग अच्छी निगाहों से नहीं देखते. दूसरी ओर काजल हरिमोहन के संपर्क में बनी हुई थी और उस पर दबाव डाल रही थी कि वह उसे जल्द से जल्द अपने साथ ले जाए.
उस के घर वाले उस के बाहर निकलने पर कभी भी पाबंदी लगा सकते हैं. उस ने अपनी योजना देवरिया में रह रहे फुफेरे भाई राजमणि को भी बता दी थी. यह बात अगस्त, 2019 के आखिरी सप्ताह की थी.
योजना के मुताबिक, 10 सितंबर, 2019 की सुबह साढ़े 9 बजे काजल अपना बड़ा पर्स ले कर यह कह कर घर से निकली कि वह दुकान पर अपना हिसाब करने जा रही है. आज के बाद वह नौकरी नहीं करेगी. हिसाब कर के थोड़ी देर में घर लौट आएगी.
यह सुन कर घर वाले यह सोच कर खुश हुए कि काजल में सुधार आ रहा है. लेकिन वे यह नहीं समझ पाए कि विश्वास की जमीन पर धोखे की काली चादर बिछा कर काजल उन के दिए संस्कारों को कलंकित करने वाली है. बहरहाल, उस ने पर्स में अपने सभी सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि जरूरी कागजात रख लिए थे, ताकि जरूरत पड़ने पर उन का इस्तेमाल कर सके.
इधर हरिमोहन चौरीचौरा आ कर टैंपो स्टैंड पर खड़ा उस का इंतजार कर रहा था. जैसे ही काजल वहां पहुंची, सब से पहले उस ने उस का फोन स्विच्ड औफ करा दिया. टैंपो से दोनों कुसम्ही जंगल में स्थित वनसप्ती माता के मंदिर गए. हरिमोहन अपने साथ ग्लिसरीन और लाल रंग ले आया था.
उस ने ग्लिसरीन में लाल रंग मिला कर खून तैयार किया. जंगल के एकांत जगह पर जा कर काजल के सिर पर ग्लिसरीन से बना नकली खून उड़ेल दिया.
उस के बाद हरिमोहन ने काजल के हाथपैर और मुंह बांध कर अपने मोबाइल से 3-4 ऐंगल से फोटो खींचे, जिसे देखने से ऐसा लगे कि बदमाशों ने अपहरण कर के उस की हत्या कर लाश जंगल में फेंक दी हो.
फोटो खींचने के बाद दोनों वहां से मोहद्दीपुर आए, वहां वी मार्ट बाजार से हरिमोहन ने काजल के लिए कपडे़ खरीदे. फिर दोनों टैंपो से नौसढ़ चौराहे पहुंचे. दोनों ने वहां एक रेस्टोरेंट में नाश्ता किया. नौसढ़ से ही आगरा जाने वाली एसी बस में सवार हो कर दोनों आगरा पहुंच गए.
बीच रास्ते में हरिमोहन ने काजल का सिम तोड़ कर चलती बस से बाहर फेंक दिया और सेट भी. फिर उसी बस में बैठेबैठे उस ने काजल की नकली हत्या की सभी तसवीरें उस के पिता अनिल कुमार पांडेय के वाट्सऐप पर भेज दीं.
बहरहाल, पुलिस ने राजमणि पांडेय को भी आरोपी बना लिया. उस का दोष यह था कि वह पुलिस की गतिविधियों की सूचना काजल तक पहुंचाता रहा था. पुलिस ने काजल की सहीसलामत बरामदगी के बाद जेल में बंद विजय पाठक और अनूप जायसवाल को रिहा करा दिया.
पुलिस ने अपनी हत्या की कहानी गढ़ने, झूठे सबूत तैयार करने, पुलिस को गुमराह करने और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की आईपीसी की धाराओं 364, 193, 419, 468/34 और 66डी आईटी ऐक्ट में दोनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया था.
काजल और हरिमोहन ने पुलिस के सामने इकरार किया था कि जेल से छूटने के बाद दोनों शादी करेंगे. जिंदगी रहने तक एकदूसरे से कभी अलग नहीं होंगे.
कथा लिखे जाने तक दोनों आरोपी गोरखपुर मंडलीय कारागार में बंद थे. काजल के मांबाप ने बेटी से सदा के लिए संबंध तोड़ लिए. लेकिन हरिमोहन के घर वालों ने काजल को बहू के रूप में स्वीकार लिया था.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित