प्रेमी प्रेमिका के चक्कर में दुल्हन का हश्र: भाग 1
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इधर नेहा कुंवरपाल के शादी के फैसले से बौखला उठी. उस का प्रेमी कायर निकला, यह सोचसोच कर वह उबल रही थी. पर चाह कर भी वह कुछ नहीं कर सकती थी. नेहा ने तय कर लिया कि बेशक कुंवरपाल ने शादी कर ली है लेकिन वह उसे कभी भी छोड़ेगी नहीं. वह उस की दुनिया नहीं बसने नहीं देगी. जिस व्यक्ति ने उस की भावनाओं से खिलवाड़ किया, वह उसे भी चैन से नहीं जीने देगी.
कुंवरपाल की शादी के बाद रामकिशोर और उस के रिश्तेदारों ने सुख की सांस ली कि अब सब कुछ ठीक हो गया है. पर नेहा अपने आशिक दिल का क्या करती, जो मान ही नहीं रहा था.
शादी के 4 दिन बाद नेहा की मुलाकात कुंवरपाल से हुई तो उस ने कहा, ‘‘तुम ने तो अपनी दुनिया बसा ली, अब मेरा क्या होगा?’’
‘‘तुम भी शादी कर लो. नेहा, लगता है कि होनी को यही मंजूर था.’’ कह कर कुंवरपाल ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन नेहा को कुंवरपाल की यह दलील पसंद नहीं आई. उस ने साफ कह दिया कि चाहे जो हो, वह उसे नहीं छोड़ सकती.
कुंवरपाल की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. अगर उस की पत्नी पूनम को उस के संबंधों के बारे में पता चला तो वह परेशान हो जाएगी.
पूनम को पति की आशिकी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. वह तो अपने मांबाप की दी हुई शिक्षा के अनुसार अपनी ससुराल में आदर्श बहू बनने की कोशिश कर रही थी.
घर में सब पूनम से खुश थे. संतोष अपनी बेटी की शादी के बाद निश्चिंत हो गया था, पर उसे नहीं मालूम था कि उस के जीवन में कितना बड़ा तूफान आने वाला है.
पहली जुलाई, 2019 को सोरों थाना क्षेत्र के फरीदनगर स्थित एक खेत में सुबहसुबह कुछ लोगों ने एक लड़की और एक लड़के का शव देखा तो तुरंत पुलिस को सूचित किया.
कुछ ही देर में कोतवाली इंचार्ज रिपुदमन सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. उन्होंने देखा कि मृत युवक की पैंट और बेल्ट एक ओर पड़ी थी. वहां सल्फास के कुछ पाउच और पानी की बोतल भी पड़ी थी. लड़के की तलाशी में उस की जेब से भी सल्फास का एक पैकेट मिला.
पुलिस को पहली जांच में मामला प्रेमी युगल की खुदकुशी का लगा. सूचना मिलते ही सीओ गवेंद्रपाल गौतम भी घटनास्थल पर पहुंच गए.
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धीरेधीरे भीड़ बढ़ने लगी. भीड़ में से कुछ लोगों ने दोनों मृतकों को पहचान लिया. दोनों होडलपुर गांव के थे. लड़के की पहचान कुंवरपाल पुत्र डालचंद के रूप में हुई. जबकि लड़की नेहा रामकिशोर की बेटी थी. मौके पर पुलिस को शराब की बोतल और नमकीन का पैकेट भी मिला.
खबर मिलने पर कुछ देर बाद दोनों के घर वाले भी वहां पहुंच गए. वे एकदूसरे पर हत्या का आरोप लगाने लगे. लेकिन पुलिस को अभी तक मामला आत्महत्या का ही लग रहा था. यानी असफल प्रेमियों द्वारा अपनी जिंदगी खत्म कर देना.
पुलिस ने घटनास्थल की काररवाई करने के बाद लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने पूछताछ करने के लिए दोनों पक्षों को थाने बुलाया तो थाने में भी दोनों पक्ष एकदूसरे पर आरोप लगाने लगे.
नवविवाहिता पूनम को जब पता चला कि उस का सुहाग उजड़ गया है तो उस के पैरों तले से जमीन खिसक गई. उस का रोरो कर बुरा हाल हो गया. 50 दिन पहले ही उस की शादी हुई थी. पति ने उसे जरा भी भनक नहीं लगने दी थी कि वह किसी और से प्यार करता है.
वह तो पति को भरसक प्यार देने की कोशिश कर रही थी, फिर ऐसा क्या हुआ कि बीती रात जब कुछ लोग उसे बुलाने आए तो वह उसे बिना कुछ बताए उन के साथ चला गया और अगले दिन उस की लाश मिली.
अगले दिन दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पता चला कि दोनों मृतकों के शरीर पर चोट के निशान थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से केस का रुख ही बदल गया. यह आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का मामला निकला.
इस के बाद कुंवरपाल के पिता डालचंद ने डा. कृष्णकुमार, उस के भाई राजेश, रामकिशोर, रमेश आदि के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 120बी के तहत रिपोर्ट दर्ज करा दी.
चूंकि रिपोर्ट नामजद थी, इसलिए पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उन के घर दबिश दी, जिस में रामकिशोर और उस का छोटा भाई रमेश पुलिस के हत्थे चढ़ गए जबकि अन्य आरोपी फरार हो गए थे.
थाने ला कर जब उन दोनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने दोनों हत्याएं करने की बात स्वीकार कर ली. इस दोहरे हत्याकांड की जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार थी—
कुंवरपाल की शादी के बाद नेहा के घर वालों ने सोचा था कि अब नेहा संभल जाएगी और वह उस के लिए कोई अच्छा सा घरवर खोज कर उस के हाथ पीले कर देंगे. पर नेहा का आक्रामक रुख उन्हें परेशान कर रहा था.
वह बागी हो गई थी. उस ने पिता से साफ कह दिया था, ‘‘आप परेशान न हो, मैं कुंवरपाल को अपनापति मान चुकी हूं. उस के अलावा अब किसी के साथ अपनी दुनिया नहीं बसा सकती. भले ही उस ने शादी कर ली है लेकिन वह उसे उस की बेवफाई महसूस जरूर कराएगी.’’
लड़की पागल हो गई है, जब इस की शादी हो जाएगी, तब सब ठीक हो जाएगा. यह सोच कर पिता ने उस के लिए लड़के की तलाश शुरू कर दी. पर बागी बन चुकी नेहा को घरपरिवार वाले सब दुश्मन नजर आ रहे थे.
नेहा के तेवर परेशान करने वाले थे, इसलिए घर वालों ने मान लिया कि कुंवरपाल की वजह से ही उन के घर की बदनामी हो रही है. इसलिए उन्होंने कुंवरपाल को ही ठिकाने लगाने का फैसला ले लिया.
पूरी योजना के बाद 30 जून, 2019 की रात 11 बजे कुछ बात करने के बहाने रामकिशोर ने कुंवरपाल को अपने घर बुलाया. कुंवरपाल जब रामकिशोर के घर पहुंचा तो वहां कई लोग मौजूद थे.
कुंवरपाल के पहुंचते ही उन लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया. तब नेहा अपने प्रेमी को बचाने के लिए आ गई. लेकिन घर वालों ने नेहा को एक तरफ धकेल कर कुंवरपाल की जम कर पिटाई की. मारपीट के दौरान कुंवरपाल को गंभीर चोटें आईं, जिस से उस की वहीं मौत हो गई.
कुंवरपाल की मौत नेहा की आंखों के सामने हुई थी. उस के परिवार वालों ने उस के सामने ही उस के प्यार को मार डाला था. नेहा की रहीसही उम्मीद भी अब खत्म हो गई थी. उस ने तमक कर कहा, ‘‘तुम ने कुंवरपाल को मार डाला. क्या सोचते हो कि तुम लोग बच जाओगे. मैं पुलिस को सब कुछ बता दूंगी. हत्यारे हो तुम लोग.’’
नेहा के तेवर देख कर सब घबरा गए. उसे सभी ने समझाने की बहुत कोशिश की पर नेहा ने साफ कह दिया कि उस की दुनिया उजाड़ने वालों को वह कतई माफ नहीं कर सकती.
नेहा के तेवरों के सामने सब को फांसी का फंदा दिखाई देने लगा. अत: उन्होंने नेहा को एक कमरे में बंद कर दिया और सोचने लगे कि अब क्या करें.
इस के बाद घर वालों ने फैसला किया कि नेहा को भी खत्म करना ठीक रहेगा वरना यह जिद्दी लड़की सभी को फंसा देगी. यह भी नहीं रहेगी तो सारी कहानी खत्म हो जाएगी. फिर कमरे से नेहा को निकाला गया और उसे भी पीटपीट कर मार डाला गया. इस के बाद योजना बनाई गई कि कुछ ऐसा किया जाए कि 2 हत्याओं का यह मामला आत्महत्या लगे.
योजना दोनों के शव फरीदनगर रेलवे लाइन के पास ले जा कर रेलवे ट्रैक पर फेंकने की थी, पर तब तक सुबह हो गई थी और लोगों का उधर आनाजाना शुरू हो गया था. सल्फास के पाउच और शराब की बोतल का इंतजाम किया गया और पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश की गई. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सारी पोल खोल दी.
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रामकिशोर और रमेश से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.
पूनम के हिस्से में 50 दिन का वैवाहिक जीवन आया था. उस की खुशियां, उस के सपने सब नाकाम आशिकी की भेंट चढ़ गए, जो उस के पति और नेहा के बीच थे.
पूनम को सब से ज्यादा अफसोस इस बात का था कि पति ने उस का विश्वास तोड़ा था. यदि वह बता देता कि उस की आशिकी के कारण गांव में दुश्मनी हो गई है तो वह पति के साथ कहीं और चली जाती. पर अब विधवा होने का जो दाग उस के जीवन पर लग गया, उस का वह क्या करे.
पूनम के सामने अभी तो पहाड़ सी सारी उम्र पड़ी है. उस की समझ में नहीं आ रहा कि यह उम्र कैसे कटेगी.
पूनम के ससुराल वाले कुंवरपाल के छोटे भाई रामनरेश के साथ पूनम को चादर ओढ़ाने को तैयार हैं यानी वह रामनरेश के साथ पूनम की शादी करने को राजी हो गए हैं. पर ये निर्णय लेना अभी पूनम के लिए आसान नहीं है. अभी तो जख्म ताजा है, जब वह संभलेगी तब सोचेगी कि क्या करना है.
कहानी सौजन्य: मनोहर कहानी