केंद्र सरकार द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था की दुशचिंता के तहत जुलाई 2019 में नया ट्रैफिक कानून पारित किया गया है. आजाद भारत का यह ऐसा सबसे बड़ा कानून बन सकता है जिसे आवाम सिरे से मानने से इनकार कर रही है. केंद्र सरकार के द्वारा पास किए गए इस कानून पर जितना व्यंग्य -विनोद, वक्रोक्ति के द्वारा मजाक उड़ाया जा रहा है वह भी अद्भुत है.
सोशल मीडिया में व्यंग्य के साथ जो कुछ लिखा जा रहा है वह इस कानून की सच्चाई व बानगी को उजागर कर रहा है. प्रस्तुत है कुछ मीम्स,कुछ व्यंग्य बाण जो इस कानून की बघ्घिया उड़ा रहे हैं.
पहला: अगर आपकी पुरानी मोटर साइकिल की कीमत 10 हजार से कम रह गई हो तो चालान काटने से बेहतर है बाइक दरोगा जी को सप्रेम भेंट कर दो.
दूसरा: हमारे यहां नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बनाए गए चालान को भरने के लिए आकर्षण दरों पर लोन दिया जाता है.
तीसरा : नौकरी 15 हजार की भी नहीं और चालान 10 हजार का. और ऊपर से जुर्माने तो ऐसे ठोके हैं जैसे सड़के यूरोप जैसी हो.
चौथा: रेपिस्ट अगर 18 वर्ष से कम का हो तो उसे छोड़ देंगे पर बाइक अट्ठारह से कम का चलाएगा तो बाप को 3 साल की सजा ! नियम बना रहे हो या मनोहर कहानी भाग – 2
पांचवा: पुलिस – साहब इसके पास चालान भरने के पैसे नहीं है इसकी किडनी निकलवा लूं क्या ! ( इस कार्टून में पुलिस वाला एक वाहन चालक को खड़ा कर उसके वाहन की चाबी अपने हाथ में रख अफसरों से आदेश मांग रहा है )
कुल जमा ऐसे कार्टून, मीम्स और चुटकुले आम लोगों के मध्य सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहे हैं जो यह बता रहे हैं कि नया मोटर व्हीकल एक्ट कितना असंगत त्रुटिपूर्ण है. और लोगों में उसके प्रति कितना गुस्सा,नाराजगी है. आम आदमी अपना क्रोध ऐसे ही तो निकालता है.
ये भी पढ़ें- कैसे समझें अकेलापन को सच्चा दोस्त
आप की हस्ती को नंगा कर रहा है !
नये मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर जैसी आम आदमी में जो प्रतिक्रिया आई है, वह अभूतपूर्व है . दरअसल, केंद्र सरकार जल्द से जल्द सारे कानून प्रावधानों को दुरुस्त करना चाहती है । जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयं संघ के घुटे हुए पीर वर्षों से सत्ता की बाट जोह रहे थे .70 वर्षों बाद भाजपा के रूप में एक मौका मिला है “वैतरणी” पार करने के लिए…
अब हालत यह है कि देश, जिनके हाथों में है वे सब कुछ अच्छा बुरा जो उनके दिमाग में वर्षों से भरा हुआ है उसे उड़ेल देना चाहते हैं .प्रधानमंत्री से लेकर मंत्रीगण जल्द से जल्द अपना काम पूरा करना चाहते हैं और इस आपाधापी में कुछ अच्छा तो कुछ बुरा ( गलत! ) भी हो रहा है अब आगे भुगतना, तो देश की आम जनता को है. नोटबंदी, जीएसटी,राम मंदिर, कश्मीर सहित अनेक मसले हैं जो वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार के बही खाते में दर्ज है. इन्हीं में एक है यह हमारे आज का विषय – नया मोटर व्हीकल एक्ट. जो व्यंग्य विद्रूप के माध्यम से जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और इसी माध्यम से इस कानून की असलियत खुल कर हमारे सामने आ रही हैं.
कभी एक भिश्ती ने चमड़े का सिक्का” चलाया था
इतिहास में ऐसे किस्से अमर हो जाते हैं . मुगल सम्राट हुमायूं के शासनकाल में ऐसे ही एक भिश्ती को जब एक दिन का राजा बनाया गया था तो उसने चमड़े का सिक्का चला दिया था.नितिन गडकरी केंद्रीय परिवहन मंत्री है. नि:संदेह उन्होंने विगत 5 वर्षों में देश की सड़कों को बेहतर बनाने का ऐतिहासिक वर्क किया है. मगर इतिहास तो आपके छिद्रो को स्मरण रखता है आपकी अच्छाई, आदर्श, राष्ट्रप्रेम की कसौटी पर ऐसे छिद्र पलीता लगा देंगे.
दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट 2019 घर में बैठकर, मैं कह रहा हूं!की तर्ज पर संसद में पास कर दिया गया.उस पर जो वृहद चर्चा होनी थी राजग की नरेंद्र मोदी सरकार ने नहीं करायी. परिणाम स्वरुप यह कानून एक मजाक बन गया है और यातायात पुलिस की कमाई का जरिया बन जाएगा. यही कारण है की एक चुटकुला सोशल मीडिया पर दौड़ रहा है – आईएएस 10 लाख, डॉक्टर 8 लाख, इंजीनियर 5 लाख, ट्रैफिक दरोगा 20 लाख । जी हां यह है आज के दूल्हे की दरें .
गडकरी अच्छा चाहते हैं, हो गया बुरा !
दरअसल नितिन गडकरी देश की ट्रैफिक व्यवस्था के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं यह उनके काम कार्य पद्धति से बारंबार सामने आया है. सड़कों पर लोग मर रहे हैं यह भी सत्य है मगर उसे रोकने जो व्यवस्था उनके दिमाग में उपजी, उसमे चुक हो गई है.यह वही देश है जहां केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है ऐसे में कुछ तो कारण है…
अब मंत्री, अफसर, नेता की जेबें भरी हुई हैं, वे सोचते हैं आम आदमी भी पैसे वाला है, नहीं है तो डर कर सड़क पर निकलेगा तो सब कुछ ठीक हो जाएगा. हेलमेट, लाइसेंस, सिंगनल उल्लंघन को टारगेट बनाने की जगह अगर गडकरी साहब! चार पहिया वाहनों पर नकेल कसते तो यह हंगामा और अवाम के बीच केंद्र सरकार का पानी नहीं उतरता…..वृहदकाय महंगे वाहन और सड़कों पर कानून नियमों को तोड़ते मालवाहक वाहनों पर आपको नकेल कसनी होगी अन्यथा देश की सड़कों की हालत आप क्या ईश्वर भी नहीं सुधार सकता. यही वृहदकाय वाहन यही ऊंची गाड़ियां आमतौर पर दुर्घटना कारित करती हैं. सड़कों को बर्बाद करती हैं .इनके पास पैसे भी हैं मगर आप छोटे मोटे ट्रैफिक हवलदार, इस्पेक्टर और अधिकारी की भांति उनके दबाव प्रभाव में है. दो टूक शब्दों में हमारी यही राय है की चार पहिया वाहनों पर लगाम लगाइये, सब ठीक हो जाएगा.
चलते -चलते – आजकल सोशल मीडिया से निकलकर राष्ट्रीय मीडिया पर न्यूज़ चल रहे हैं -” 15 हजार की स्कूटी पर 23 हजार का जुर्माना !” यह एक लाइन नए मोटर व्हीकल एक्ट की धज्जियां उड़ा रही है.
ये भी पढ़ें- सावधान! पिछले एक पखवाड़े से जल रहा है दुनिया का फेफड़ा