यह इन्फेक्शन बेहद आम है. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकता है लेकिन महिलाओं को इस समस्या से ज्यादा परेशान होना पड़ता है .गंदे शौचालयों या शौचालयों की कमी जैसे कारणों के साथ भारत में लगभग 50 फीसदी महिलाएं यूटीआई से पीड़ित हैं. नौकरी पेशे वाली महिलाओं में हर दूसरी महिला इस रोग की गिरफ्त में है. यह रोग हालांकि बहुत खतरनाक नहीं है लेकिन अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह किडनी तक को प्रभावित कर सकता है. कुछ सावधानियां बरतकर यूटीआई से बचा जा सकता है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन(UTI ) है क्या
यूटीआई आपके ब्लैडर, किडनी और इनकी जोड़ने वाले ट्यूब्स में जर्म्स का इन्फेक्शन हो होता है. अगर आपको ब्लैडर इन्फेक्शन है जो कि बहुत कौमन है तो आपको दर्द, पेशाब के वक्त जलन, बार-बार टौयलट आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द और पेशाब से बदबू जैसे समस्याएं हो सकती हैं. ब्लैडर इन्फेक्शन का अगर ठीक से इलाज न हो तो यह किडनी तक पहुंच जाता है.15 से 40 की उम्र के बीच के लोगों में यह समस्या अधिक पायी जाती है.
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लक्षण
- UTI संक्रमण, ऊपरी यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण, (किडनी और यूरेटर), निचला यूरेनरी ट्रैक्ट संक्रमण (किडनी और मूत्रमार्ग) या दोनों हो सकते हैं .-
- निचला यूरेनरी ट्रैक्ट संक्रमण मे इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है
- अगर आपको UTI हो तो आप मूत्रत्याग करते समय जलन अनुभव करेंगे.
- आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द भी अनुभव हो सकता है .
- बार बार पेशाब आना.
- पेशाब से बदबू आना.
- ऊपरी यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण
- आप हाई टेम्परेचर अनुभव कर सकते हैं .
- मितली और अनियंत्रित कपकपी भी हो सकती है .
- उल्टियां और दस्त का होना .
कारण
आजकल वेस्टर्न स्टाइल के टौयलेट ज्यादा होते है जिससे इस संक्रमण का जोखिम अधिक बढ़ जाता है वहीं दूषित पानी का सेवन और निर्जलीकरण (डीहाइड्रेशन) और नियंत्रित मधुमेह भीयूटीआई को बुलावा दे सकता है.
पुरुषों में 45 की उम्र के बाद यह परेशानी शुरू होती है और ज्यादा उम्र के पुरुषों को यह बीमारी प्रोस्टेट ग्रंथि के बड़ा होने, मधुमेह, एचआईवी या फिर यूरिनरी ट्रैक्ट में स्टोन होने के कारणहोती है. चूंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यूरेथ्रा छोटा होता है, इसलिए बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लाडर को जल्दी प्रभावित करते हैं.
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कैसे बचें
- शौच जाने से पहले व बाद में फ्लश अवश्य करें.
- यह पुरुषों और महिला दोनों को हो सकता है इसलिए सुरक्षित यौन संबंध भी इससे बचने का एक तरीका है .
- टौयलेट आने पर उसे अधिक समय रोके नहीं .
- गर्मियों में खासतौर पर चुस्त कपड़े नहीं पहने .
- विटामिन-सी युक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें .
- पानी का सेवन ज्यादा करें .
- अगर घरेलू उपचारों से आप अपने सिस्टम में 24 से 36 घंटे में कोई बड़ा सुधार न देखें तो आप प्रोफेशनल मेडिकल हेल्प ले.