आज के युग में जितनी ज्यादा सुविधाएं है उतनी ही ज्यादा बीमारियां भी हमें घेरे हुए हैं चाहे वो पुरुषो में हो या महिलाओं में. लेकिन हम आज बात कर रहे है महिलाओं मे होने वाली कुछ ऐसी बीमारियों की जो उनकी मौत का कारण तक बन रही हैं.
ह्रदय रोग
ह्रदय रोग पुरुषो की ही मौत की वजह नहीं बना हुआ है बल्कि महिलाओं की मौत का कारण भी बना हुआ है. हमारे विशेषज्ञ डा. पवन बताते है महिलाओं में ३० की उम्र क बाद दिल की बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है साथ ही बहुत सी ऐसी तकलीफ जैसे सीढ़ियाँ चढ़ने मे असमर्थ होना, सांस लेने मे तकलीफ होना, दिल की बीमारी इनकी सभी छमताओं को नष्ट कर देती है.
लक्षण– सीने मे दर्द ,या कभी कभी बिना दर्द के ही हार्ट अटक की गुंजाईश रहती है, उलटी, पसीना आना, जी मिचलाना, गर्दन मे दर्द, कमर मे दर्द होना, पेट में दर्द होना.
सावधानियां
नामक और चीनी का सेवन कम करे, व्यायाम अवश्य करे, स्ट्रैस न ले.
रेगुलर चकअप कराये.
स्तन कैंसर: यह एक ऐसी बीमारी है जो दिन प्रतिदिन एक गंभीर रूप लेती जा रही है स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि, स्तन कैंसर का मुख्य कारण है. कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं.
हमारे यहां आज भी लोग कैंसर से डरते हैं लेकिन पश्चिम देशों मे इसका इलाज बहुत ही आराम से किया जा रहा है ,हमारे यहां लोगों में जानकारी और जागरूकता का आभाव है .
लक्षण
स्तन के आकार में बदलाव महसूस होना, स्तन या बाह के नीचे की ओर टटोलने पर गांठ महसूस होना, स्तन को दबाने पर दर्द होना, कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होता, निप्पल के अग्रभाग का मुड़ना एवं रंग लाल होना, स्तनों में सूजन आ जाना.
सावधानियां
- व्यायाम करें
- नमक का अत्यधिक सेवन न करें
- रेड मीट के अधिक सेवन से बचें
- सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
- अधिक मात्रा में धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें
- .आटोइम्यून डिसिज : 75 प्रतिशत आटोइम्यून डिसिज महिलाओं मे पायी जाती है. इस बीमारी मे इम्यून सिस्टम हमारे शरीर पर अटैक कर टिश्यू को नष्ट कर देता है. इस श्रेणी में लगभग 80 से भी ज्यादा गंभीर क्रानिक बीमारियां हैं जिसमें ल्यूपस, मल्टीपल स्किलरोइसिस और मधुमेह आदि भी शामिल हैं.
लक्षण :जोड़ों में दर्द होना,मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी होना,वजन में कमी होना,अनिद्रा की शिकायत होना,दिल की धड़कन अनियंत्रित होना,त्वचा का अतिसंवेदनशील होना, त्वचा पर धब्बे पड़ना,दिमाग ठीक से काम न करना, ध्यान केंद्रित करने में समस्या.
सावधानियां : खानपान में बदलाव करें, और ऐसे आहार का सेवन करें जो आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हों.
एनीमिया : भारत आज भी पुरुष प्रधान देश है आज भी महिलाएं परिवार के खाने के बाद बचा हुआ खाना खाती हैं . और अपने खान पान का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखती है एनीमिया के मुख्य २ कारण है पोषक तत्वों की कमी और दूसरा पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा खून बह जाना . हमारे देश मे २० से ३० प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु का कारण है एनीमिया.
लक्षण : कमजोरी, आलस, थकान, पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा खून निकलना .
सावधानियां :ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, सोया, पनीर, दूध आधी खाना और पीना चाहिए . नॉन वेजिटेरिएन लोग चिकन या मीट भी खा सकते हैं .
एंडोमेट्रोसिस:
यह समस्या अधिकतर 18 से 35 की उम्र के बीच की महिलायों को होती है .इसमे गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) के अंदर की ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है. एंडोमेट्रोसिस आमतौर पर श्रोणि, फैलोपियन ट्यूब और हमारे अंडाशय को अस्तर में ऊतक शामिल करता है. एंडोमेट्रोसिस के दौरान, एंडोमेट्रियल ऊतक टूट जाते हैं और आमतौर पर खून बहता हैं.यह गर्भधारण करने के दौरान समस्याएं पैदा कर सकती है.
लक्षण :
निचले पेट में दर्द
मासिक धर्म अनियमितताओं.
सावधानियां :परेशानी होने पर डा. से परमर्श अवश्य ले.