सवाल

हमारे विवाह को 11 साल हो चुके हैं. अब तक मेरी गोद नहीं भरी. डाक्टरी जांच पड़ताल करवाने पर पता चला है कि समस्या मेरे पति को है, लेकिन वे अपना इलाज नहीं करवाना चाहते. कृपया कोई समाधान बताएं?

जवाब

न सिर्फ आप के पति, बल्कि ऐसे अनेक पुरुष जिन्हें पिता बनने के लिए इलाज की जरूरत होती है, समस्या को स्वीकारने के बजाय सच को झुठलाते रहते हैं. उन के भीतर संतानोत्पत्ति को ले कर अनेक प्रकार की मानसिक कुंठाएं बैठी रहती हैं, जिन के कारण वे यह रवैया अपनाते हैं.

भारतीय पुरुषप्रधान समाज में न केवल पुरुष, बल्कि अधिकांश स्त्रियां भी यह मानती हैं कि संतानोत्पत्ति का पूरा दायित्व स्त्री पर होता है. अगर किसी के घर बच्चा नहीं होता है, तो बिना डाक्टरी जांचपड़ताल किए ही स्त्री की कमी समझ ली जाती है. जिन मामलों में जांचपड़ताल से यह पता भी चल जाता है कि पुरुष में कमी है या उसे इलाज की जरूरत है, उन में भी सचाई को प्राय: छिपाने की कोशिश की जाती है. बहुत से पुरुष इसे अपनी मर्दानगी से जोड़ लेते हैं, तो कुछ यह कह कर सचाई को झुठलाते हैं कि उन की सैक्सुअल ताकत भलीचंगी है. जबकि सच यह है कि पुरुष की सैक्सुअल पावर और उस के वीर्य में संतानोत्पत्ति के लायक स्वस्थ मात्रा में स्पर्म का होना पुरुष प्रजनन जीवन के 2 अलग अलग पहलू हैं.

जिन पतिपत्नी के बीच संतान का योग नहीं बन पाता, उन की जांचपड़ताल करने पर 40% मामलों में समस्या पुरुष में होती है. पुरुष वीर्य में कई प्रकार के रोग विकारों के कारण स्पर्म नदारद या कम हो सकते हैं. कुछ विकारों का आसानी से इलाज किया जा सकता है और कुछ विकारों में उन्नत प्रजनन तकनीक का लाभ ले कर पुरुष पिता बनने के योग्य हो जाता है. जिन मामलों में कोई इलाज काम नहीं आता, उन में भी पतिपत्नी की सहमति होने पर डोनर स्पर्म काम में लाए जा सकते हैं.

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