जोधपुर हाईकोर्ट ने काला हिरण और चिंकारा शिकार के मामले में सलमान खान को बड़ी राहत देते हुए उन्हें बरी कर दिया है. 18 साल पुराने चिंकारा-हिरण शिकार के दो मामलों में सलमान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी.
आज कोर्ट ने सलमान को रिहा करने का फैसला सुनाया. फैसला सुनाए जाने के दौरान उनकी बहन अलवीरा भी अदालत में मौजूद थीं. इस फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने कहा है कि वो फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी.
सलमान खान ने निचली अदालत के फैसले को जोधपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर आज फैसला सुनाया गया. दरअसल, मामला 'हम साथ साथ हैं' फिल्म की शूटिंग के दौरान का है और सलमान पर आरोप है कि 28 सितंबर 1998 को उन्होंने दो चिंकारा के शिकार किए थे.
चिंकारा वन्य जीव अधिनियम के तहत संरक्षित जीव हैं. लिहाजा मामल संगीन है. निचली अदालत ने 10 अप्रैल को सलमान खान को दोषी ठहराया था.
हाईकोर्ट में सलमान के वकील ने दावा किया है कि ये केस सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर, दोनों ही केस ड्राइवर हरीश दुलानी के बयान पर आधारित है.
इसके अलावा हिरणों की खाल भी बरामद नहीं हुई है. यही नहीं सलमान के वकील का कहना है कि जिस ड्राइवर हरीश दुलानी के बयान पर केस दर्ज हुआ है वो क्रॉस एग्जामिनेशन में पेश नहीं हुआ है.
इसके अलावा दावा किया गया है कि जिस एयरगन से शिकार का आरोप है उससे चिंकारा को नहीं मारा जा सकता.
और एक ही जगह पर चिंकारा के दो शिकार के मामलों में 5 और 1 साल की सजा क्यों? हालांकि विश्नोई समुदाय के वकील क दावा है कि उनके पास सलमान खान को कड़ी सजा दिलाए जाने के पुख्ता आधार हैं.
हाईकोर्ट के इस फैसले के बावजूद शिकार का ये जंजाल उनका पीछा नहीं छोड़ेगा क्योंकि इन दो केस के अलावा भी सलमान खान पर जोधपुर के कांकाणी वन क्षेत्र में काले हिरण के शिकार और गैरकानूनी तरीके से हथियार ले जाने का मामला भी अभी निचली अदालत में चल रहा है.
हां इतना जरूर है कि अगर सलमान खान चिंकारा मामले में बरी हो जाते हैं तो बाकी दो केस में उनकी राह आसान जरूर हो जाएगी.
18 साल में 18 दिन जेल में काटे
– सलमान हिरण शिकार के तीन मामलों में पुलिस ज्यूडिशियल कस्टडी में 18 दिन जेल में रह चुके हैं.
– पहली बार सलमान को वन विभाग ने 12 अक्टूबर, 1998 को हिरासत में लिया था. 17 अक्टूबर तक जेल में रहे.
– घोड़ा फार्म मामले में 10 अप्रैल 2006 को पांच साल की सजा सुनाई गई. छह दिन जेल में रहे.
– सेशन कोर्ट ने इस सजा की पुष्टि की. तब 26 से 31 अगस्त 2007 तक जेल में रहे.
5 बातें जिनसे सलमान को हुआ फायदा
जिन्होंने मुकदमा कराया वो गायब
– वन अधिकारी ललित बोड़ा ने दवा व्यापारी अरुण के ड्राइवर हरीश दुलानी के बयान पर शिकार के मुकदमे दर्ज कराए थे.
– वन विभाग ने मैजिस्ट्रेट के सामने बयान करवा कर उसे छोड़ा था. डिफेंस की ओर से उसका क्रॉस वेरिफिकेशन ही नहीं हुआ, वह गायब हाे गया.
बाकी आरोपी बरी तो ये दोषी कैसे
– भवाद और घोड़ा फार्म हाउस के मुकदमों में सलमान के साथ 12 आरोपी थे. 10 को संदेह का लाभ मिला.
– मुंबई का रहने वाला शिकार के लिए कैसे उम्मेद पैलेस से निकला, कैसे पता चला कि हिरण यहां मिलेंगे. कोई तो उसे ले गया होगा?
– जब दूसरे बरी हो गए तो सलमान अब तक आरोपी क्यों है?
सजा बढ़ाने की अपीलें क्यों?
– सरकार ने सलमान की एक साल की सजा को कम माना, सजा बढ़ाने तथा गोरधन सिंह को फिर से आरोपी मानने के लिए दो अपीलें कर दी.
– यानी सरकार ने दूसरे 11 लोग जो बरी हो चुके, उन्हें गोरधन की तरह फिर से आरोपी बनाने की अपील क्यों नहीं की? प्रॉसिक्यूशन के पास इसका ठोस जवाब नहीं था.
जिप्सी सर्च की अलग रिपोर्टें
– वन विभाग ने जिप्सी जब्त कर तलाशी ली. इसकी सर्च रिपोर्ट में सिर्फ खून के धब्बे मिले.
– बाद में पुलिस ने भी जिप्सी की तलाशी ली तो उन्हें जिप्सी में छर्रे हिरण के बाल मिल गए जो वन विभाग की तलाशी में नहीं मिले.
– ऐसे दोनों सर्च रिपोर्ट भी अलग-अलग हो गई.
छर्रे अलग, चाकू भी छोटा
– पुलिस को उम्मेद भवन में सलमान के कमरे की तलाशी में बंदूक की गोलियां मिली थीं. जिप्सी में मिले छर्रे उन गोलियों के नहीं थे.
– हिरण का गला रेतने वाला चाकू बरामद किया था, जब्ती में रखा चाकू पॉकेट वाला है जिससे गला रेतना मुश्किल होता है.
सलमान की संकटमोचक अलवीरा
सलमान खान पर फैसला आने से पहले ही उनकी बहन अलवीरा जोधपुर पहुंच गई थीं. सलमान का परिवार अलवीरा को सलमान के लिए संकटमोचक मानता है. अलवीरा रविवार देर शाम अपने वकील के साथ आनंद देसाई के साथ जोधपुर पहुंची और जोधपुर में अपने वकील से मुलाकात की. अलवीरा ने जोधपुर में केस देख रहे वकीस हस्तीमल सारस्वत से करीब एक घंटे तक आने वाले फैसले पर चर्चा की.