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कानूनी पचड़े में फंसे नवाजुद्दीन सिद्दिकी

चौदह वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद अब जब नवाजुद्दीन सिद्दिकी का करियर पटरी पर दौड़ रहा है, तो वह अपनी हरकतों से खुद को विवादों के साथ साथ कानूनी पचड़ो में भी फंसाते जा रहे हैं. वास्तव में नवाजुद्दीन सिद्दिकी अपनी आत्मकथा ‘‘एक आर्डिनरी लाइफःए मैमोर’’ लेकर आ रहे हैं.

यूं तो यह पूरी किताब दो नवंबर 2017 को बाजार में आएगी. लेकिन इस आत्मकथा के कुछ अंश मुंबई के एक अंग्रेजी अखबार में जब से छपे हैं, तब से नवाजुद्दीन सिद्दिकी पर कुछ अभिनेत्रियों ने झूठा और सिम्पैथी बटोरने के लिए किसी भी हद तक जा सकने वाला बताते हुए कई तरह के आरोप लगाए हैं. यह वह अभिनेत्रियां हैं,जिनके साथ रिश्तों की बात अपनी किताब में नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने लिखी है.

नवाजुद्दीन सिद्दिकी की किताब के कुछ पन्ने बाहर आने के बाद सबसे पहले फिल्म ‘‘मिस लवली’’ में नवाजुद्दीन सिद्दिकी की सह कलाकार रही अभिनेत्री निहरिका सिंह ने हमला बोला. निहारिका ने नवाज को छोड़ने की वजह बताते हुए कहा है कि नवाजुद्दीन सिद्दिकी पहले से ही शादीशुदा थे.

उनकी पत्नी गांव में थी, पर इस बात को नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने उनसे छिपायी थी. इसके अलावा वह एक अमरीकन लड़की के साथ भी प्यार की पेंगें बढ़ा रहे थे. निहारिका सिंह ने लगभग चार दिन पहले नवाजुद्दीन सिद्दिकी के खिलाफ कानूनी कारवाही करने की बात कही थी. वह तो अभी तक आगे नही बढ़ी.

मगर नवाजुद्दीन सिद्दिकी अपनी आत्मकथा और निहारिका सिंह के साथ रिश्तों को लेकर जो कुछ लिखा, उसकी वजह से कानूनी पचडे़ं में फंसते नजर आ रहे हैं. इसकी वजह यह है कि दिल्ली के एक वकील गौतम गुलाटी ने ‘‘राष्ट्रीय महिला आयोग’’के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए नवाजुद्दीन सिद्दिकी के खिलाफ आई पी सी की धारा 376 यानी कि बलात्कार, धारा 497 यानी कि व्याभिचार और आईपीसी की धरा 509 यानी कि स्त्री की लज्जा का अनादर करना, के तहत एफआरआई दर्ज कराने की भी मांग की है.

गौतम गुलाटी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि निहारिका सिंह के साथ प्रेम संबंध व रिश्ता रखने के दौरान नवाजुद्दीन सिद्दिकी शादीशुदा थे और यह बात उन्होने निहारिका सिंह से छिपायी थी.

मजेदार बात यह है कि एडवोकेट गौतम गुलाटी का दावा है कि वह आज तक निहारिका सिंह से नहीं मिले, पर जो कुछ छपा है, उस आधार पर उन्होंने यह शिकायत दर्ज करायी है.

उधर ‘‘राष्ट्रीय महिला आयोग’’ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अपनी शिकायत में एडवोकेट गौतम गुलाटी ने लिखा है-‘‘अभिनेता ने अपनी किताब में जो कुछ लिखा है, उसे लिखते समय उसने इस पर विचार ही नहीं किया कि इससे किसी शादीशुदा महिला की जिंदगी बर्बाद हो सकती है. महज सस्ती शोहरत बटोरने व किताब से पैसा कमाने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने स्त्री की लज्जा का अनादर किया है.’’

सूत्रों की माने तो इस पर ‘‘राष्ट्रीय महिला आयोग’’ सक्रिय हो गया है. और वह इस पर सुनवाई करने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दिकी को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है.

तो क्या अब तक नवाजुद्दीन सिद्दिकी पत्रकारों से भी झूठ बोलते आए हैं?

नवाजुद्दीन सिद्दिकी की आत्मकथा ‘‘एन आर्डिनरी लाइफ:ए मैमोर’’ में नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने लिखा है कि वह मुंबई से सटे उपनगर मीरा रोड में रहा करते थे, और वह अक्सर मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर सुनीता राजवार से मिला करते थे. जबकि 26 मई 2012 को हमसे बात करते हुए नवाज ने जो कुछ कहा था, वह उनकी किताब में लिखी बात से विपरीत है.

जी हां ! मई 2012 में जब नवाजुद्दीन सिद्दकी से हमारी मुलाकात हुई थी और हमने उनसे पूछा था कि, ‘फिल्मों में छोटे छोटे किरदार निभाते हुए मुंबई में दस साल कैसे गुजर बसर की?

इस पर नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा था-‘‘उन दिनों की याद मत दिलाइए. सुबह यदि मैं कुछ खा लेता था, तो मुझे यह नहीं पता होता था कि मुझे रात में खाना मिलेगा या नहीं. कई बार मैं पांच से छह किलोमीटर पैदल चल कर अपने दोस्त के घर पर रात का खाना खाने जाया करता था.

उन दिनों मैं गोरेगांव में अपने चार दोस्तों के साथ एक कमरे में रहता था. जिसका किराया हजार रूपए था, मेरे हिस्से ढाई सौ रूपए आते थे. और कई बार ऐसा होता था कि मैं यह ढाई सौ रूपए भी नही दे पाता था. पर‘ब्लैक फ्रायडे’ से मेरे लिए दरवाजे खुल गए. उसके बाद मैंने फिल्म ‘फिराक’ में बहुत बड़ा किरदार निभाया, लेकिन फिल्म ‘फिराक’ को किसी ने देखा ही नहीं.’’

उन्होने आगे कहा था- शुरूआती दिनों में तो छोटे छोटे निर्देशकों ने भी मुझे कठपुतली बनाकर रख दिया था. सभी यही कहते थे कि ‘कुछ करके दिखाओ, तब जानूं’. मैंने टीवी पर हाथ आजमाया, पर वहां भी वही हालत थी. टीवी क्वीन एकता कपूर अपने सीरियलों में छोटे छोटे किरदारों के लिए भी सिर्फ सुंदर चेहरों को ही पेश कर रही थी.

वहां अभिनय की बजाय सिर्फ चेहरे की सुंदरता ही मायने रखती थी. मेरी कोई जगह ही नही थी. इसी के चलते मैं ‘सरफरोश’ और ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ में एक एक सीन करने के लिए मजबूर हुआ. कोई भी फिल्मकार मुझे दो सीन वाला किरदार देना ही नही चाहता था.’’

जब हमने उनसे पूछा था कि, ‘जब आप मुंबई आए स्ट्रगल कर रहे थे. काम नहीं मिल रहा था, तो आपको फ्रस्ट्रेशन नहीं हुआ. या आपने वापस अपने गांव जाने की नही सोची?

इस सवाल पर नवाज ने कहा था-‘‘मैं वापस गांव नहीं जा सकता था. क्योंकि यदि मैं गांव वापस जाता, तो वहां मैं लोगों के बीच मजाक का केंद्र बन जाता. फिर मुझे अपनी मां की कही हुई बात याद आती थी. मेरी मां कहती थी कि ‘बारह साल में कचड़े की जगह बदल जाती है. ’तो मुझे यह उम्मीद थी कि कभी न कभी मेरा भाग्य भी बदलेगा.

अब देखिए,12 साल पूरे होते होते हर तरफ मेरी ही चर्चा हो रही है. सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मुझे सराहा जा रहा हैं. बार बार असफलता मिलते तथा रिजेक्शन पर रिजेक्शन झेलते हुए मुझे भी फ्रस्ट्रेशन होने लगा था. लेकिन धीरे धीरे मुझे आदत सी पड़ गयी. यदि यह आदत नहीं पड़ती तो आज मैं जहां पहुंच पाया हूं वहां पहुंच भी नहीं पाता.’’

मेरे इस सवाल पर कि, अब उनकी जिंदगी में क्या बदलाव आया हैं?

इस पर नवाज ने कहा था-‘‘मुंबई पहुंचते ही मुझे सफलता मिल गयी होती, तो शायद मेरी जिंदगी बदल गयी होती. पर दस साल जिस तरह से मैनें संघर्ष किया हैं, उससे जिंदगी नहीं बदलने वाली. ’’तो फिर किताब में उन्होंने जो कुछ लिखा है, उसे क्या माना जाए?

इतना ही नहीं अभिनेत्री सुनीता राजवार का दावा है कि नवाजुद्दीन सिद्दिकी गरीब नही थे. बल्कि खुद सुनीता राजवार अपने दोस्त के साथ रहते हुए संघर्ष कर रही थी.

अब सवाल यह है कि नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने जो कुछ किताब में लिखा है, उसे सच माना जाए या जो कुछ उन्होने हमसे कहा था, उसे सच माना जाए? या सुनीता राजवार की बात को सच माना जाए?

यामाहा ने लौंच की तीन पहियों वाली ये शानदार सुपरबाइक

यामाहा ने टोक्यो में आयोजित 45वें मोटर शो में अपनी 3 पहियों वाली सुपरबाइक पेश की है. इस बाइक का नाम यामाहा निकेन है और यह बाइक एमटी-09 पर आधारित है. हालांकि, यामहा ने निकेन की बहुत ज्यादा जानकारी इस मोटर शो में मुहैया नहीं कराई है.

उम्मीद की जा रही है कि 6 नवंबर को इटली के मिलान में होने वाले ईआईसीएमए शो में कंपनी इस बाइक की और भी ज्यादा जानकारी देगी. पिछले टोक्यो मोटर शो के दौरान यामाहा ने MWT-9 कौन्सेप्ट पेश किया था जिसका फ्रंट-एंड इस बाइक से काफी मिलता-जुलता है लेकिन बाकी हिस्से में नाटकीय अंदाज में बदलाव किए गए हैं.

निकोन के संबंध में सबसे ज्यादा चर्चा उसके अग्रेसिव और आकर्षक फ्रंट एंड की हो रही है. इसका सस्पेंशन पूरी तरह से एडजस्टेबल है. फ्रंट एंड के अलावा, एक और फीचर पर चर्चा हो रही है – वह है तिहरा पेट्रोल इंजन, तीन पहिया और तीन सिलेंडर.

3 पहियों वाली ये स्पोर्ट्स बाइक LMW टेक्नोलौजी पर काम करती है. LMW यानी लीनिंग मल्टी व्हील टेक्नोलौजी से बाइक को बेहतरीन ग्रिप मिलती है. हाई स्पीड में भी बाइक को मोड़ने पर भी बैलेंस नहीं बिगड़ता.

इस बाइक के फ्रंट में दो व्हील और एक रियर व्हील है. फ्रंट के दो पहिये 15 इंच के हैं. हालांकि, तीन पहियों वाली बाइक का कौन्सेप्ट पहले बार सामने नहीं आया है. इससे पहले भी यह नजर आता रहा है लेकिन निकेन में दिया गया लीन फंक्शन इसे खास बनाता है.

यामाहा निकेन में लिक्विड-कूल्ड, फ्यूल-इंजैक्टेड, फोर-स्ट्रोक, डीओएचसी, फोर-वॉल्व, इन-लाइन ट्रिपल इंजन दिया गया है. तीन-सिलेंडर वाले इस इंजन का पावर 847 सीसी है जो यामाहा एमटी-09 से लिया गया है. यामाहा ने बताया कि यह ज्यादा डिस्प्लेसमेंट वाली मल्टी-व्हीलर बाइक है जिसमें लिक्विड-कूल्ड इंजन लगाया गया है.  कंपनी ने बाइक के डायमेंशन की जानकारी दी है जिसमें इसकी लंबाई 2150mm है , चौड़ाई 885mm और उंचाई 1250mm है. इसके साथ ही बाइक में ट्रिपल सिलेंडर इंजन दिया गया है.

अब रिकौर्ड करें अपने मनचाहे वीडियो कौल, ये है तरीका

अगर फेसबुक मैसेंजर या व्हौट्सएप पर वीडियो कौल आए और उसे रिकौर्ड करने की जरूरत पड़े तो कैसे करेंगे. ऐसी समस्या से बचने के लिए भी एक खास तरीका है जिसकी मदद से वीडियो कौल को रिकौर्ड किया जा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

गूगल प्लेस्टोर पर ढेरों एप्लीकेशन मौजूद हैं जो स्क्रीन रिकौर्ड करने का फीचर देते हैं. ऐसा ही एक एप DU Recorder है. इसे डाउनलोड करें. इसके बाद स्क्रीन पर एक पौप टाइप का आइकन दिखेगा. एप के आइकन पर क्लिक करने पर यूजर को स्क्रीन रिकौर्ड करने और पौज करने का विकल्प मिलेगा.

इस एप्लीकेशन की मदद से आप वीडियो के साथ औडियो भी रिकौर्ड कर सकते हैं, जो यूजर के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है. एप की मदद से व्हौट्सएप या फेसबुक मैसेंजर पर वीडियो कौल आने पर रिकौर्डर को औन कर दें. इसके बाद वह वीडियो कौल अपने आप रिकौर्ड हो जाएगी.

ए जेड स्क्रीन रिकौर्डर एप

स्क्रीन रिकौर्डर के लिए Screen Recorder  एप की मदद ले सकते हैं. इस एप में भी आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. इसमें भी स्क्रीन पर दिख रहे आइकन पर क्लिक करना और वीडियो रिकौर्ड करना है.

इस एप को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. इसे शुरू करने के बाद आप स्क्रीन के केंद्र में चार आइकन रिकौर्डिंग प्रारम्भ करने के लिए एप सेटिंग का समायोजन करने के लिए आपके रिकौर्डेड वीडियो का फोल्डर एक्सेस करने के लिए और बाहर जाने के लिए विकल्प दिखाई देंगे.

इसकी सेटिंग से आप वीडियो आउटपुट की गुणवत्ता चुन सकते हैं या रिकौर्डिंग के दौरान की गई बातचीत को देख सकते हैं. एक बार जब यह रिकार्ड करना प्रारम्भ करता है तो स्क्रीन के निचले दाहिने कोने में एक लाल बिंदु दिखाई देने लगता है.

स्क्रीन रिकौर्डर विद औडियो एडिटर का कमाल

यह एप स्क्रीन रिकौर्डर के साथ सामने वाले कैमरे की मदद से वीडियो को भी मिलाने की शक्ति रखता है. यह रिकौर्डिंग को फोन की इंटरनल मेमोरी में सेव करता है. गौर करने वाली बात यह है कि इसके लिए किसी भी तरह के लौगइन की जरूरत नहीं होती है.

इस एप से वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर दोस्तों के साथ साझा भी कर सकते हैं. अगर यूजर फोन में किसी खास ट्रिक के बारे में अपने संबंधियों को बताना चाहते हैं तो यह एप आपके लिए बेहद ही उपयोगी साबित हो सकता है. यह एप गूगल प्लस्टोर पर Screen Recorder With Audio And Editor & Screenshot नाम से मौजूद है.

प्यासा सावन : पारो और अमर के बीच उस रात क्या हुआ

रात के 2 बजे थे. अमर अपने कमरे में बेसुध सोया हुआ था कि तभी दरवाजे पर ठकठक हुई. ठकठक की आवाज से अमर की नींद खुल गई. लेकिन उस ने सोचा कि शायद यह आवाज उस के मन का भरम है, इसलिए वह करवट बदल कर फिर सो गया.

लेकिन कुछ देर बाद फिर ठकठक की आवाज आई. ‘लगता है कोई है,’ उस ने मन ही मन सोचा, फिर उठ कर लाइट जलाई और दरवाजा खोलने लगा. तभी उस के मन में खयाल आया कि कहीं बाहर कोई चोर तो नहीं है. यह खयाल आते ही वह थोड़ा सहम सा गया. फिर उस ने धीरे से पूछा, ‘‘कौन है?’’

‘‘मैं हूं,’’ बाहर से किसी लड़की की मीठी सी आवाज आई.

अमर ने दरवाजा खोल दिया. सामने पारो को खड़ा देख कर वह हैरान हो कर बोला, ‘‘अरे तुम?’’

‘‘क्यों, कोई अनहोनी हो गई क्या?’’ पारो मुसकराते हुए बोली.

अमर ने देखा कि पारो नारंगी रंग का सलवारसूट पहने हुए थी. दुपट्टा न होने से उस के उभरे अंग दिख रहे थे. पारो की आंखों में एक अनोखी मस्ती थी. उसे देख कर अमर को ऐसा लगा, जैसे उस के आगे कोई जन्नत की हूर खड़ी हो.

तभी पारो कमरे के अंदर आ गई और अमर को अपनी बांहों में भर कर उस के होंठों पर अपने होंठ टिका दिए. पारो की गरमगरम सांसों के साथ उस के उभरे अंगों की छुअन से अमर को एक अजीब तरह की मस्ती का एहसास होने लगा. वह पारो के आगे बेबस सा हो गया.

इस से पहले कि अमर कुछ और करता, उस के मन के किसी कोने से आवाज आई कि यह तू क्या कर रहा है. जिस थाली में खाया, उसी में छेद कर अपने मालिक के एहसानों का यह बदला दे रहा है.

‘लेकिन मैं ने तो पहल नहीं की है. पारो खुद ही ऐसा चाहती है, तभी तो इतनी रात गए मेरे पास आई है,’ उस ने सोचा और खुद को पारो से अलग करते हुए बोला, ‘‘पारो, अब तुम चली जाओ और फिर कभी मेरे करीब न आना.’’

‘‘क्या ऐसे ही चली जाऊं,’’ पारो ने प्यासी नजरों से अमर को देखा. अमर के दिमाग में एकएक कर के पिछली बातें घूमने लगीं.

अमर बीए पास हो कर भी बेरोजगार था. उस ने कई इंटरव्यू दिए, पर कहीं भी कामयाब नहीं हुआ. आखिर में निराश हो कर उस ने एक दोस्त के कहने पर गाड़ी चलाना सीखा और बतौर ड्राइवर डाक्टर भुवनेश की कार चलाने लगा. अमर की मेहनत और ईमानदारी से खुश हो कर भुवनेश उसे बेटे की तरह मानने लगे और उस की हर जरूरत को फौरन पूरा कर देते.

पारो डाक्टर भुवनेश की एकलौती बेटी थी. वह बहुत शोख, चंचल और खूबसूरत थी. वह हमेशा अपनी अदाओं से अमर को रिझाती, पर अमर मन से उसे अपनी बहन मानता था और पिछले रक्षाबंधन पर पारो ने उस को राखी भी बांधी थी.

डाक्टर भुवनेश ने अपने घर के पिछवाड़े वाला कमरा अमर को रहने के लिए दिया था. वह वहीं अपनी रात बिताता और दिन में डाक्टर साहब की कार चलाता था.

इधर कुछ दिनों से अमर महसूस कर रहा था कि पारो की नीयत ठीक नहीं है. वह तरहतरह से उसे अपने जाल में फांसने की कोशिश कर रही थी. उस की हरकतें देख कर कई बार अमर की वासना भड़कने लगती थी, पर बदनामी और नौकरी जाने के डर से वह मन मसोस कर रह जाता था.

पिछले हफ्ते की बात है. डाक्टर भुवनेश अमर से बोले, ‘अमर, पारो अपनी कुछ सहेलियों के साथ पिकनिक पर जा रही है. तुम सब को कार से ले जाओ. ध्यान रखना, किसी को कोई तकलीफ न हो.’

‘जी,’ अमर ने बस इतना ही कहा.

अमर ने कार निकाली, तो पारो कार पर सवार हो गई. कार चल पड़ी.

‘कहां जाना है?’ तभी अमर ने पारो से पूछा.

पारो बोली, ‘होटल मयूरी.’

‘क्या तुम होटल में पिकनिक मनाओगी? तुम्हारी सहेलियां कहां रह गईं?’ अमर ने पूछा.

‘पिकनिक वाली बात मनगढ़ंत थी. मैं ने पापा से झूठ बोला था,’ पारो हंसते हुए बोली, ‘पहले तुम एक कमरा तो बुक कराओ.’

अमर ने हैरानी से पारो की ओर देखा और कमरा बुक कराने होटल की ओर चला गया. जब दोनों कमरे में आए, तो पारो ने कहा, ‘अमर, कुछ नाश्ता मंगाओ.’

थोड़ी देर बाद दोनों नाश्ता कर चुके, तो पारो रूमाल से हाथ पोंछती हुई अमर के और करीब खिसक आई और बोली, ‘कुछ बात नहीं करोगे?’

‘कौन सी बात?’

‘वही, जो आधी रात के समय पतिपत्नी के बीच होती है,’ इतना कह कर पारो ने अमर को चूम लिया, फिर बोली, ‘अमर, तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो.’

अमर गुस्से में बोला, ‘पारो, होश में आओ. एक भले घर की लड़की का इस तरह बहकना ठीक नहीं है.’

चढ़ती जवानी के नशे में चूर पारो अमर की बात को अनसुना करते हुए बोली, ‘मैं एक अरसे से इस मौके की तलाश में थी. क्या मेरे कपड़े नहीं उतारोगे?’ कह कर पारो ने अमर को अपनी बांहों में भींच लिया.

अमर खुद पर काबू रखते हुए बोला, ‘पारो, इतना भी मत बहको. मैं तो तुम्हें अपनी बहन मानता हूं. याद है, पिछले साल तुम ने मुझे राखी बांधी थी और फिर तुम्हारे पिता मुझ पर कितना भरोसा करते हैं. क्या मैं उन के भरोसे को तोड़ दूं?’

‘तुम मेरे सगे भाई तो हो नहीं,’ कह कर पारो ने अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए.

अमर की हालत सांपछछूंदर की सी थी. वह पारो से छिटक कर दूर जा खड़ा हुआ, फिर गिड़गिड़ाते हुए बोला, ‘पारो, तुम इस तरह की हरकतें कर के मुझे मत भड़काओ, वरना कुछ गलत कर बैठूंगा.’ इतना कह कर अमर ने पारो को कपड़े पहन कर आने को कहा और वह कार में जा कर बैठ गया.

‘‘कहां खो गए अमर?’’ तभी पारो ने अमर को टोका, तो वह चौंक कर उसे देखने लगा.

‘‘पारो, मुझ पर रहम करो. तुम जल्दी यहां से चली जाओ. मैं कमजोर हो रहा हूं,’’ अमर गिड़गिड़ाते हुए बोला. तभी दूसरे कमरे से खांसने की आवाज आई और पारो अपने कमरे की ओर भाग गई. अमर ने अब चैन की सांस ली. अगले दिन अमर का कुछ अतापता नहीं था. डाक्टर भुवनेश ने कमरे की तलाशी ली, तो एक चिट्ठी मिली. उस चिट्ठी में लिखा था:

‘मैं आप की नौकरी छोड़ कर जा रहा हूं. कृपया परेशान न होइएगा और न ही मुझे खोजने की कोशिश कीजिएगा.

‘आप का, अमर.’

चिट्ठी पढ़ कर डाक्टर भुवनेश हैरान रह गए. अमर का इस तरह बिना कुछ बताए जाना उन की समझ में नहीं आ रहा था. पारो को जब यह बात मालूम हुई, तो वह भी हक्कीबक्की रह गई.

रंग दे चुनरिया : श्याम ने गौरी के साथ आखिर ऐसा क्या किया

वह बड़ा सा मकान किसी दुलहन की तरह सजा हुआ था. ऐसा लग रहा था, जैसे वहां बरात आई है. दूर से देखने पर ऐसा जान पड़ता था, जैसे हजारों तारे आकाश में एकसाथ टिमटिमा रहे हों. छोटेछोटे बल्ब जुगनुओं की तरह चमक रहे थे. लेकिन श्याम की नजर उस लड़की पर थी, जो उस के दिल की गहराइयों में उतरती चली गई थी. वह कोई और नहीं, बल्कि उस की भाभी की बहन गौरी थी. खूबसूरत चेहरा, प्यारी आंखें, नाक में चमकता हीरा और गोरेगोरे हाथों में मेहंदी का रंग उस की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था.

श्याम उसे अपना दिल दे बैठा था. उस ने महसूस किया कि गौरी के बिना उस की जिंदगी अधूरी है. गौरी कभीकभार तिरछी नजरों से उसे देख लेती. एक बार दोनों की नजरें आपस में मिलीं, तो वह मुसकरा दी.

तभी भाभी ने उसे पुकारा, ‘‘श्याम?’’

‘‘जी हां, भाभी…’’ उसे लगा कि भाभी ने उस की चोरी पकड़ ली है.

‘‘क्या बात है, आज तुम उदास क्यों हो? कहीं किसी ने हमारे देवरजी का दिल तो नहीं चुरा लिया?’’

‘‘नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है,’’ वह अपनी घबराहट को छिपाने के लिए रूमाल निकाल कर पसीना पोंछने लगा. श्याम अपनी भाभी के जन्मदिन पर उन के साथ उन के मायके गया था, लेकिन उसे क्या पता था कि यहां आते ही उसे प्रेम रोग लग जाएगा.

गौरी सुंदर थी, इसलिए उस के मन को भा गई और वह उस पर दिलोजान से फिदा हो गया. अपने प्यार का इजहार करने के बारे में वह सोच रहा था कि क्या भाभी उसे अपनी देवरानी बनाने के लिए तैयार होंगी. भाभी अगर तैयार भी हो जाएं, तो क्या भैया होंगे? देर रात तक वह यही सोचता रहा.

अगले दिन श्याम चुपके से गौरी के कमरे में पहुंचा. वहां वह खिड़की खोल कर बाहर का नजारा देख रही थी. वह उस की आंख बंद कर उभारों से हरकत करते हुए बोला, ‘‘कैसा लगा गौरी?’’ गौरी खड़ी होती हुई बोली, ‘‘श्याम, ऐसी हरकतों से मुझे सख्त नफरत है.’’

‘‘ओह गौरी, मैं कोई पराया थोड़े ही हूं.’’

‘‘मैं दीदी और जीजाजी से शिकायत करूंगी.’’

‘‘गौरी, मुझे साफ कर दो. आइंदा, मैं कभी ऐसी हरकत नहीं करूंगा.’’

‘‘मैं अभी दीदी को बुला कर लाती हूं,’’ कह कर गौरी फीकी मुसकान के साथ वहां से चली गई.

श्याम का मोह भंग हुआ. उसे लगा कि गौरी को उस से प्यार नहीं है. वह अब तक उस से एकतरफा प्यार कर रहा था. लेकिन अब क्या होगा? कुछ देर बाद भाभी यहां पहुंच जाएंगी, फिर सारी पोल खुल जाएगी. खैर, बाद में जो होगा देख लेंगे… सोच कर उस ने गौरी के नाम एक खत लिख कर तकिए के नीचे रख दिया और अपने गांव चल दिया.

गौरी आधे घंटे बाद चाय ले कर जब कमरे में पहुंची, तो उस का दिल धकधक करने लगा. एक अनजान ताकत उस के मन को बेचैन कर रही थी कि आखिर श्याम कहां चला गया. लेकिन तभी उस की नजर तकिए के नीचे दबे कागज पर गई. वह उसे उठा कर पढ़ने लगी:

‘प्रिय गौरी, खुश रहो.

‘मैं अपने किए पर बहुत पछताया, लेकिन तुम भी पता नहीं किस पत्थर की बनी हो, जो मेरे लाख माफी मांगने के बावजूद भैया और भाभी से कहने के लिए चली गईं. पता नहीं, क्यों मैं तुम्हारे साथ गलत हरकत कर बैठा? मैं गांव जा रहा हूं. जब भैया वापस आएंगे, तो मेरी खैर नहीं.

‘गौरी, मैं ने अपनी जिंदगी में सिर्फ तुम्हीं को चाहा, लेकिन मुझे मालूम न था कि मेरा प्यार एकतरफा है. काश, यह बात पहले मेरी समझ में आ जाती.

‘अच्छा गौरी, हो सके तो मुझे माफ कर देना. मैं रो कर सब्र कर लूंगा कि अपनी जिंदगी में पहली बार किसी को चाहा था.

‘तुम्हारा श्याम.’

गौरी की आंखों से पछतावे के आंसू बहने लगे. चाय का प्याला जैसे ही उठाया, वैसे ही गिर कर टुकड़ेटुकड़े हो गया. उसे ऐसा लगा कि किसी ने उस के दिल के हजार टुकड़े कर दिए. उस ने कभी सोचा भी न होगा कि श्याम अपने भैया और भाभी की इतनी इज्जत करता है.

तभी उस की दीदी कमरे में आई, ‘‘क्या बात है गौरी, यह प्याला कैसे टूट गया. श्याम कहां है?’’ आते ही दीदी ने सवालों की झड़ी लगा दी. अचानक उस की निगाह गौरी के हाथ में बंद कागज पर चली गई, जिसे वह छिपाने की कोशिश कर रही थी. वह खत ले कर पढ़ने लगी.

‘‘तो यह बात है…’’

‘‘नहीं दीदी, वह तो श्याम,’’ गौरी अपनी बात पूरी नहीं कर सकी.

‘‘अरे, तेरी आवाज में कंपन क्यों पैदा हो गया. प्यार करना कोई बुरी बात नहीं है. एक बात बताओ गौरी, क्या तुम भी उस से प्यार करती हो?’’

गौरी ने नजरें झुका लीं, जो इस बात की गवाह थीं कि उसे भी श्याम से प्यार है. ‘‘लेकिन गौरी, श्याम कहां चला गया?’’

गौरी ने रोते हुए सारी बातें बता दीं. यह सब सुन कर गौरी की बहन खूब हंसी और बोली, ‘‘गौरी, अगर मैं तुम्हें अपनी देवरानी बना लूंगी, तो तुम मेरा हुक्म माना करोगी या नहीं?’’

‘‘दीदी, मैं नहीं जानती थी कि मेरी झूठी धमकी को श्याम इतनी गंभीरता से लेगा. मैं जिंदगीभर तुम्हारी दासी बन कर रहूंगी, लेकिन श्याम के रूप में मुझे मेरी खुशियां लौटा दो. वह मुझे बेवफा समझ रहा होगा.’’

इस के बाद दोनों बहनें काफी देर तक बातें करती रहीं. श्याम की भाभी जब अपनी ससुराल लौटीं, तो गौरी को भी साथ ले आईं. श्याम घर में नहीं था. जैसे ही उस ने शाम को घर में कदम रखा, तो सामने गौरी को देखा, तो मायूस हो कर बोला, ‘‘गौरी, क्या भाभी और भैया अंदर हैं?’’

‘‘हां, अंदर ही हैं.’’

यह सुन कर जैसे ही श्याम लौटने लगा, तो गौरी ने उस की कलाई पकड़ ली और बोली, ‘‘प्यार करने वाले इतने कायर नहीं हुआ करते श्याम. मैं सच में तुम से प्यार करती हूं.’’ ‘‘गौरी मेरा हाथ छोड़ दो, वरना भैया देख लेंगे.’’

‘‘मैं ने सब सुन लिया है बरखुरदार, तुम दोनों अंदर आ जाओ.’’ आवाज सुन कर दोनों ने नजरें उठा कर देखा, तो सामने श्याम का बड़ा भाई खड़ा था.

‘‘मेरे डरपोक देवरजी, अंदर आ जाइए,’’ अंदर से श्याम की भाभी ने आवाज दी. इस तरह श्याम और गौरी की शादी धूमधाम से हो गई.

इस साल होली का त्योहार दोनों के लिए खुशियां ले कर आया. होली के दिन गौरी ने श्याम के कपड़ों पर जगहजगह मन भर कर रंग लगाया.

‘‘गौरी, आज तेरी चुनरी की जगह गालों को लाल करूंगा,’’ कह कर श्याम भी गौरी की तरफ बढ़ा. तब ‘डरपोक पिया, रंग दे चुनरिया’ कह कर गौरी ने शर्म से अपना चेहरा हाथों से ढक लिया.

हाईकोर्ट ने सैक्स को दी है एक नई व सही परिभाषा

हिंदी फिल्म ‘पीपली लाइव’ के निर्देशक महमूद फारूकी को अंतत: डेढ़ साल की जेल के बाद अपनी एक महिला मित्र के ही बलात्कार के आरोप से मुक्ति मिल गई. 35 वर्षीय अमेरिकी महिला, जो महमूद और उस की पत्नी अनुजा रिजवी की मित्र थी और उन के घर पर खाना भी खाती थी तथा देर रात तक रुकती भी थी, ने आरोप लगाया था कि उस दिन महमूद ने उस के साथ जबरदस्ती की थी. उस के कपड़े उतार कर उस से ओरल सैक्स किया था.

लोअर अदालत ने महमूद को 7 साल की सजा दी थी पर उच्च न्यायालय ने फैसला बदलते हुए कहा है कि यह सहमति का मामला है और अगर औरत ने धीमे से ‘न’ कहा भी था तो यह पक्का करना असंभव है कि यह आमंत्रण था या इनकार. इस संदेह पर महमूद को रिहा कर दिया गया है.

परिचितों में सैक्स को बलात्कार कहने का जो नया तौरतरीका महिलाओं ने अपनाया है यह सैक्स स्वतंत्रता को कुचल देगा. यदि किसी आदमी या औरत में इतना आकर्षण नहीं है कि वह मौका मिलने पर चाहत न पैदा कर सके और दूसरे के प्रति उदासीन रहे, तो यह प्रकृति के विरुद्ध कहा जाएगा.

बलात्कार बुरा है पर सैक्स उस में चाहे एक तरफ से थोड़ी जबरदस्ती भी हो वास्तव में एकदूसरे के प्रति स्वाभाविक आकर्षण का रूप है और मित्रता को सीमेंट करती है चाहे मित्रता पतिपत्नी के बीच हो या फिर गैर के साथ.

बिना सैक्स के स्त्रीपुरुष मित्रता असल में 2 स्त्रियों और 2 पुरुषों की मित्रता से भी कमजोर होती है. स्त्रीपुरुष मित्रता में एकदूसरे पर न धौंस जमा सकते हैं न मजाक कर सकते हैं. जिन्हें सैक्स रहित मित्रता चाहिए उन्हें दूसरे पुरुष या दूसरी स्त्री से मिलना ही नहीं चाहिए और केवल व्यावहारिक संबंध रखने चाहिए.

पुरुष को सैक्स चाहिए पर वह उसे आनंद तब ही देता है जब मित्रता की चाशनी में डूबा हो. बाजारू औरतों से खरीदे सैक्स में कभी किसी को आनंद नहीं आया है और इसीलिए सभी वेश्यालयों में नाच अवश्य होता है, क्योंकि तभी ग्राहकों को रोका जा सकता है.

उच्च न्यायालय ने सैक्स को एक सही व नई परिभाषा दी है. स्त्रीपुरुष संबंधों को हर समय नैतिकता या जोरजबरदस्ती की निगाहों से नहीं देखा जाना चाहिए. विवाहपूर्व या विवाह बाद दोस्तों में सैक्स के बहुत जोखिम हैं पर जो जोखिम में आनंद पाते हैं उन्हें सहमति होने पर रोकने का अधिकार किसी को नहीं है. आकर्षण पैदा होने पर, 4 कदम चल जाने के बाद कई बार संबंध बन जाने के बाद बलात्कार का आरोप लगाने का जो हथियार दुनिया भर में महिलाएं अपना रही हैं यह उन की कार्यक्षेत्र में ऐंट्री धीमे होने का एक कारण है.

अब पुरुष महिलाओं को हमराज बनाने से कतरा रहे हैं और उन्हें दूरदूर रख रहे हैं. पुरुषों की आपसी मित्रता ज्यादा पकने लगी है जैसे ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ या ‘थ्री ईडियट्स’ में दिखाया गया है.

निराश होने की बजाय एक नजर खुद पर डाल कर तो देखें

ललिता पार्टी आदि में जाने के लिए पूरे उत्साह से तैयार होती है. कई दिनों पहले से उस की शौपिंग शुरू हो जाती है. मगर पार्टी से लौटने पर उस का कई दिनों तक मूड औफ रहता है. कारण किसी दूसरी महिला का उस से ज्यादा सजासंवरा होना. तब वह कभी अपने पति नीलेश को कम पैसे देने के लिए उलाहने देती है, तो कभी किसी और को दोष देती है. उस के इस रवैए से उस का पति नीलेश क्या पूरा घर परेशान होता है.

किसी को अपने से बेहतर सजासंवरा देख हीनभावना या जलन से ग्रस्त हो उस की तारीफ करनी तो दूर वह उस से कुछ सीखना भी नहीं चाहती.

जिस के पास जो गुण है, हुनर है उसे सीखने की कोशिश करने में कोई शर्म या संकोच नहीं करना चाहिए. यदि मन में हीनभाव आते दिखें, तो ऐसे में अपने भीतर की उमंग, उत्साह को कम न होने दें. मन में उदासी को बिलकुल जगह न दें, क्योंकि आप के पास भी बहुत कुछ अच्छा है. बस जरूरत है खुद पर नजर डालने की. मसलन:

आप में आत्मविश्वास है: आप ने अपनेआप को पार्टी के लिए तैयार किया है तो अपनी बुद्घि से सही ही किया है. फिर उदासी किस बात की? अपनाअपना अंदाज है अपना प्रस्तुतिकरण है. किसी से तुलना कैसी? अपने व्यक्तित्व पर जो जंचता है उसी के अनुरूप तैयारी की है आप ने.

आप के पास कौमनसैंस है: आप अवसर के अनुसार तैयार हैं. मौका, माहौल सब देख कर तैयार हुई हैं, क्योंकि कौमनसैंस है आप में. अवसर के अनुसार कपड़े, कपड़ों के अनुसार जेवर, मेकअप, घड़ी, सैंडल, नीचे से ऊपर तक आप एक लय में तैयार हुई हैं. इस बात से खुश हों.

आप ने तैयारी में ज्यादा समय, पैसा बरबाद नहीं किया: आप को खुश होना चाहिए कि आप ने वक्त और पैसे दोनों की फुजूलखर्ची से खुद को बचा लिया. खुशनुमा चेहरे की कीमती अंदरूनी मुसकान बनाए रखें. यकीन मानिए उस से बड़ी सजावट और कोई नहीं. उस की चमक के आगे सब फीका है.

आप के होस्ट और अन्य गैस्ट से मधुर संबंध: इस बात पर गौर करें कि आप जिन के यहां खुशी में शामिल होने आई हैं, उन से आप के कितने अच्छे संबंध हैं. वे सिर्फ आप के हैं. खुश रह कर उत्साहपूर्वक उन की खुशी में शामिल होना ही आप का प्रथम कर्तव्य है. ऐसे विचार मन में लाते ही हीनभावना अगर होती भी हो तो वह झट से जाती रहेगी.

बेहतर की तारीफ करें उस से कुछ सीखें: दिल से प्रशंसा तथा नजरों से टिप्स लेने का प्रयास दोनों आप के बेहतर बनने में उपयोगी सिद्ध होंगे. अवसर मिले तो एक बार बोल कर भी तारीफ करें. दूसरों से ज्ञान लेने से गुरेज न करें. गुण सीखने से कोई छोटा नहीं होता अपितु बड़ा ही होगा.

आप में कई खूबियां है: किसी ने आप की आंखों को, बालों को, चेहरे को, चाल को, प्रतिभा को, हुनर को, दिमाग को, संस्कारों को, भाषा को या अंदाज को यों ही नहीं सराहा होगा. इस सराहना को याद रखें. खुद पर विश्वास रखें.

यह मान कर चलें कि सब का अपना आकर्षण है. मुसकराते हुए सलमान खान की फिल्म ‘सुलतान’ का यह गाना अपने पर बिलकुल फिट जानें ‘जग घूमया थारे जैसा न कोई…’

देखिए अभी खिलीखिली मुसकान आप के चेहरे पर आ गई, जो सब पर भारी है.

स्टाइलिश लुक पाना है, तो अपनाएं मेकअप का यह तरीका

फैशन की दुनिया में मेकअप के अलग ही अंदाज होते हैं. मैगजींस, फैशन रनवेज से ले कर फैशन इंडस्ट्री के लिए वीडियो प्रमोशंस तक हर जगह फैशन मेकअप आर्टिस्ट अपने जलवे बिखेरते हैं.

गृहशोभा के फेब सेमिनार में हेयर ऐंड मेकअप आर्टिस्ट शगुन गोयल ने फैशन मेकअप के बारे में विस्तार से बताया:

ऐसे करें शुरुआत

फैशन मेकअप करने के लिए सब से पहले त्वचा को वैट टिशू से साफ करें. फिर आंखों पर अंडरआई क्रीम लगाएं. इस के बाद स्किन से मैच करते फाउंडेशन की हलकी लेयर लगाएं ताकि आईबौल्स स्किनटोन में आ जाएं और मनपसंद कलर अच्छी तरह निखर कर आए. आईशैडो ज्यादा देर तक टिके इस के लिए फाउंडेशन के ऊपर ट्रांसल्यूशन पाउडर का इस्तेमाल करें.

आंखों को मनपसंद शेप देने के लिए कपड़ों से मैच करते रंग ले कर एक आईशेप तैयार करें. आईशेप तैयार करने के बाद आईलैशेज, आईलाइनर और मसकारा लगाएं.

पूरे चेहरे व गरदन पर विटामिन ई क्रीम लगा कर त्वचा को अच्छी तरह मौइश्चराइज करें. स्किन से मैच करता फाउंडेशन लगाएं और ऊपर से कौंपैक्ट लगा कर स्किन तैयार कर लें.

डार्क ब्राउन कलर का प्रयोग करते हुए फेस कंटूरिंग करें. इस तरह चेहरे को ओवल शेप देने के बाद गालों पर सौफ्ट पीच कलर का ब्लशर लगा कर खूबसूरती उभारें. आकर्षण बढ़ाने के लिए हाईलाइटर का प्रयोग करें.

हाई डैफिनेशन फैशन मेकअप 

हाई डैफिनेशन मेकअप ब्राइडल और पार्टीज में काफी प्रचलित है. इस मेकअप में थोड़े सौफ्ट कलर यूज करते हुए हेयरस्टाइल बोल्ड रखा जाता है.

सब से पहले स्किन को वैट टिशू से साफ करें फिर आंखों पर अंडरआई क्रीम लगाएं. इस के ऊपर स्किन से मैच करते फाउंडेशन का इस्तेमाल करें. फाउंडेशन लगाते समय लाफिंग लाइन्स, आई कौर्नर्स और लिप कौर्नर्स पर खास ध्यान रखें. ओपन पोर्स को अच्छी तरह फिल करें. अब ट्रांसल्यूशन पाउडर लगा कर स्किन को एकसार कर लें.

लिप मेकअप

2 रंगों जैसे ब्लू और फीरोजी का इस्तेमाल करते हुए लिप शेप तैयार करें. फैशन मेकअप में डार्क कलर की लिपस्टिक अच्छी लगती है. मेकअप लंबे समय तक टिके इस के लिए मेकअप फिक्सर का इस्तेमाल करें. मौडल लुक के हिसाब से हेयरस्टाइल बना कर मेकअप कंप्लीट करें.

आई मेकअप

आंखों को मनपसंद शेप देने के लिए कपड़ों से मैच करते कलर्स का प्रयोग करें. फिर लाइनर और काजल से इन्हें और आकर्षक लुक दें. चेहरे पर फेस प्राइमर लगा कर सिलिकोन फाउंडेशन का इस्तेमाल करें ताकि मेकअप अधिक समय तक टिके.

हाई डैफिनेशन ब्राइडल मेकअप में चेहरे के दागधब्बे, डार्क सर्कल्स वगैरह अच्छी तरह छिपा दिए जाते हैं ताकि ओवर मेकअप लुक न लगे. साधारण मेकअप से ही चेहरा आकर्षक व चमकदार दिखाई दे.

इस मेकअप में कौंपैक्ट की जगह ट्रांसल्यूशन पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. आंखों को ऐक्स्ट्रा शाइन देने के लिए ग्लिटर का इस्तेमाल करें. इस मेकअप में लिपस्टिक के शेड्स पिंक, रैड, पीच, निओन जैसे कलर्स में होने चाहिए.

ओपन हेयरस्टाइल

इस फेब सेमिनार में ऐक्सपर्ट शगुन ने एक खास तरह के हेयरस्टाइल के बारे में भी बताया. इस ओपन हेयरस्टाइल के जरीए आप चेहरे की शेप चेंज किए बिना मेकअप कर भी आकर्षक लग सकती हैं.

सब से पहले बालों को थोड़ा सौफ्ट व शाइनी लुक दें. फिर इयर टु इयर शेप में कौंब व स्प्रे की मदद से बैककौंबिंग कर के पफ तैयार करें. बैक से बचे बालों की 2 पोनी बनाएं. अब आगे के जो 2 इंच बाल बचे हुए थे उन में से बारीक लेयर ले कर ऊपर की तरफ स्प्रे की सहायता से एक फायर लुक दें और फिनिशिंग के लिए शाइन स्पे्र का इस्तेमाल कर फिनिशिंग टच दें.

फैशन मेकअप एक कलरफुल मेकअप स्टाइल है. इसे अधिक आकर्षक लुक देने के लिए मनपसंद टैटूज भी बनवाए जा सकते हैं.

बालों को सेहतमंद बनाने के ये टिप्स आजमाएं, घने मुलायम बाल पाएं

खूबसूरत चमकते बालों की चाह हर महिला की होती है. ज्यादातर महिलाएं इस बात को ले कर परेशान रहती हैं कि बालों की खूबसूरती कैसे बरकरार रखी जाए. वैसे भी आज के समय में फैशन, प्रदूषण, तनाव और अस्वास्थ्यकर खानपान ने बालों के झड़ने, टूटने, सफेद होने जैसी समस्याएं बढ़ा दी हैं. ऐसे में जरूरी है कुछ बातों का खयाल रखा जाए ताकि आप के बाल किसी भी मौसम और उम्र में सेहमतंद व आकर्षक बने रहें.

अगर आप कभी बारिश में भीग जाती हैं तो घर पहुंचते ही बालों को धो लें. इस से सिर की त्वचा में संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है.

सिर की त्वचा गीली रहने से फंगल संक्रमण, रूसी और जूंए होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बालों को साफ और सूखा रखने का प्रयास करें. गीले बालों के टूटनेझड़ने की समस्या भी बढ़ जाती है. अत: बालों को धोने के तुरंत बाद कंघी का इस्तेमाल न करें. वे पूरी तरह सूख जाएं तभी कंघी करें.

घर से बाहर निकलते समय धूलमिट्टी, धूप या बारिश के पानी से बचने के लिए बालों को कवर कर के रखें. स्कार्फ, स्टोल या दुपट्टे से बालों को ढकें.

बाल को धोने से 1-2 घंटे पहले उन में हर्बल तेल लगाएं. इस से उन की कंडीशनिंग होगी. कुनकुने तेल से 15 मिनट मसाज करें. आप को रिलैक्स महसूस होगा और सिर की त्वचा में रक्तसंचार भी बढ़ेगा. बालों में भी नई चमक आएगी.

मौसम में बदलाव के दौरान सिर की त्वचा से प्राकृतिक नमी खो जाती है. इस से त्वचा पर मृत कोशिकाएं जमा होने लगती हैं जिस से रूसी और संक्रमण की स्थिति पैदा होती है और बाल झड़ने लगते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए बालों को सूखा और साफ रखें.

ओजोन और्गेनिक एडवांटेज की मैडिकल कंसलटैंट डा. उमा सिंह कहती हैं कि हमेशा अपनी कंघी, हेयरब्रश और हेयर क्लिप्स साफ रखें. ब्लो ड्रायर या स्टाइलिंग का इस्तेमाल ज्यादा न करें. स्ट्रेटनिंग या कर्लिंग मशीन के ज्यादा प्रयोग से बचें, क्योंकि इस से बाल कमजोर हाते हैं.

बालों को निरंतर पोषण की जरूरत होती है. सही खनिज व विटामिन इन्हें लंबा और मजबूत बनाते हैं. इसलिए संतुलित आहार का सेवन करें, जिस में प्रोटीन, खनिजलवण व कैल्सियम की पर्याप्त मात्रा हो. विटामिन और आयरन भी बालों को स्वस्थ बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में फल और सलाद का सेवन करें. संतुलित भोजन, व्यायाम, कम तनाव, पर्याप्त नींद आप के बालों को स्वस्थ व चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं.

त्वचा की तरह बालों को भी पोषक तत्त्वों की जरूरत होती है. उदाहरण के लिए बादाम न सिर्फ दिमाग को तंदुरुस्त रखते हैं बल्कि बालों को भी पोषण देते हैं. इन में विटामिन ई पाया जाता है, जिस से बालों को मजबूती मिलती है. अत: हफ्ते में 1 दिन बादाम तेल से बालों की मालिश जरूर करें. बालों का झड़ना रुक जाएगा. इसी तरह शहद, आंवला वगैरह भी बालों के पोषण के लिए आवश्यक हैं. आंवले में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जो बालों के विकास के लिए अच्छा होता है.

बालों को हर्बल शैंपू से धोने की आदत डालें. शैंपू करते वक्त निम्न बातों का खयाल रखें-

यदि बाल औयली हैं तो एक दिन छोड़ कर शैंपू करें.

नौर्मल बालों में सप्ताह में 2-3 बार शैंपू किया जा सकता है.

कर्ली बालों के लिए ड्राई हेयर शैंपू यूज करें.

स्कैल्प पर पोरों से शैंपू लगाएं. इस से बालों की गंदगी अच्छी तरह साफ होती है.

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