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सूरज पंचोली के साथ पूजा हेगड़े नहीं करना चाहतीं फिल्म

अब सूरज पंचोली की किस्मत खराब है या पूजा हेगड़े हवा में उड़ रही हैं, इसका फैसला तो बॉलीवुड के बिचौलिए या यह दोनों कलाकार ही कर सकते हैं. मगर हकीकत यह है कि सूरज पंचोली के करियर की पहली फिल्म ‘हीरो’ जब से बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई है, तब से उन्हें कोई फिल्म नहीं मिली, जो फिल्में पहले उन्हें मिली थी, वह फिल्में शुरू ही नहीं की गयी.

तो वहीं पूजा हेगड़े की पहली हिंदी फिल्म ‘मोहनजोदाड़ो’ भी बॉक्स ऑफिस पर असफल रही. इसके बावजूद पूजा हेगड़े ने सूरज पंचोली के साथ यह कह कर फिल्म करने से इंकार कर दिया कि सूरज पंचोली अव्वल दर्जे के कलाकार नहीं हैं. फिल्मकार फारूक कबीर ने सूरज पंचोली के साथ एक फिल्म का ऑफर पूजा हेगड़े को दिया, मगर पूजा हेगड़े ने फारूक कबीर को अपने घर से बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा कि सूरज पंचोली ‘ए’ ग्रेड के कलाकार नहीं हैं और वह सिर्फ ‘ए’ ग्रेड के कलाकार के संग ही फिल्म करना चाहती हैं.

पूजा हेगड़े के इस बर्ताव को कुछ लोग यह कहकर गलत बता रहे हैं कि वह असफल अभिनेत्री होने के बावजूद हवा में उड़ रही हैं. जबकि कुछ लोगों का दावा है कि पूजा हेगड़े सही कदम उठा रही हैं. वास्तव में सूरज पंचोली और पूजा हेगड़े के करियर में काफी अंतर है. पूजा हेगड़े दक्षिण भारत की सफल अदाकारा हैं. दूसरी बात उनकी फिल्म ‘मोहनजोदाड़ो’ एक बड़े कलाकार रितिक रोशन व बड़े निर्देशक आषुतोष गोवारीकर की फिल्म ‘मोहनजोदाड़ो’ रही. इस बड़े बजट की फिल्म में अभिनय कर पूजा हेगड़े ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया.

यह एक अलग बात है कि इस फिल्म में उनके हिस्से करने को कुछ था नहीं. जबकि सूरज पंचोली के करियर की पहली फिल्म ‘हीरो’ की हीरोइन भी नई थी. और इस फिल्म के बाद किसी का भी ध्यान सूरज पंचोली की तरफ नहीं गया. इसके अलावा जिया खान की आत्महत्या के मुकदमे में सूरज पंचोली बुरी तरह से फंसे हुए हैं.

अनुष्का-विराट ने सगाई की खबरों को बकवास बताया

अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और क्रिकेटर विराट कोहली फिलहाल उत्तराखंड में छुट्टियां मना रहे हैं, जहां वह नए वर्ष का जश्न भी मनाएंगे. जिस होटल में अनुष्का शर्मा और विराट कोहली रूके हुए हैं, वहां अब इन दोनों के पारिवारिक सदस्यों के अलावा कुछ बॉलीवुड हस्तियां भी पहुंच चुके हैं.

इसी के चलते पिछले दो दिनों से कई टीवी चैनलों पर खबर चल रही थी कि अनुष्का शर्मा और विराट कोहली नए साल के पहले दिन सगाई करने वाले हैं. कोहली ने ट्वीट किया कि ‘‘हम सगाई नहीं कर रहे हैं. सगाई करनी होती, तो हम छिपाते नहीं. कुछ चैनल इस तरह की गलत खबरें चलाने से बाज नहीं आ सकते. इसलिए हम अपना पक्ष साफ कर रहे हैं.’’ तो दूसरी तरफ अब अनुष्का शर्मा की प्रवक्ता ने भी सगाई खबरों को झुठलाया है.

मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि विराट कोहली ने उसी वक्त ट्विटर पर क्यों नहीं लिखा था कि उनकी सगाई की खबरों में कोई दम नहीं है. दो दिन के बाद इसका खंडन करने की जरुरत क्यों महसूस की. इसके अलावा सोशल मीडिया में भी अनुष्का शर्मा और विराट की उत्तराखंड में मौज मस्ती करते हुए तस्वीरें भी वायरल हो चुकी हैं.

2016 की टॉप 5 स्मार्टफोन कंपनियां

साल 2016 स्मार्टफोन बाजार के लिए काफी बेहतरीन रहा. स्मार्टफोन्स की सेल्स के मामले में 2016 को चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों का साल कहा जा सकता है. तीन चीनी कंपनियों ने टॉप में जगह बरकरार रखने में सफलता पाई है.

दुनिया की 10 सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनियां…

सैमसंग (Samsung)

सैमसंग साल 2016 की तीसरी तिमाही में पूरी दुनिया के स्मार्टफोन मार्केट में 21 पर्सेंट शेयर के साथ नंबर वन पर बनी हुई है. कंपनी को गैलक्सी नोट 7 का मार्केट से वापस मंगाकर बंद करना पड़ा था, फिर भी गैलक्सी S7 और S7 Edge की कामयाबी ने इसे नुकसान नहीं होने दिया.

एप्पल (Apple)

एप्पल ने 45.5 मिलियन यूनिट्स की बिक्री ही. साल 2015 की तीसरी तिमाही के मुकाबले 5.3 पर्सेंट की गिरावट आई. आईफोन SE ने लगसभ सभी मार्केट्स में अच्छा प्रदर्शन किया. आईफोन 6s इस क्वॉर्टर में बेस्टसेलिंग डिवाइस बना रहा. आईफोन 7 की भी अच्छी बिक्री हुई.

ह्यूवाई (Huawei)

चीन की टेक कंपनी वावे तीसरे नंबर पर बनी रही. कंपनी के मिड-रेंज और हाई-एंड स्मार्टफोन्स की सेल अच्छी रही. 2016 के तीसरे क्वॉर्टर में कंपनी ने इन दोनों सेगमेंट्स में अपने कुल 57.2 पर्सेंट स्मार्टफोन बेचे.

ओप्पो (Oppo)

2016 की पहली तिमाही में ओपो ने लेनोवो को हटाकर चौथे नंबर पर जगह बनाई थी. तब से लेकर वह इसी पोजिशन पर बना हुआ है. स्मार्टफोन मार्केट में 7.1 पर्सेंट शेयर रखने वाले ओपो की ज्यादा पकड़ चीन में है. चीन के बाहर एशिया के बाजारों में तगड़ी मार्केटिंग से कंपनी को सफलता मिलती दिख रही है.

वीवो (Vivo)

वीवो 5वें नंबर पर है. इसने शाओमी को हटाकर Q3 में 5.9 पर्सेंट मार्केट शेयर हासिल किया है. ओपो की तरह इसकी पकड़ भी चीन के बाजार में है. भारत और म्यांमार में वीवो X6 स्मार्टफोन की कामयाबी से कंपनी ने यह उपलब्धि हासिल की है.

मैक्ग्रा की ड्रीम टीम में कोहली बनें कप्तान

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज ग्लैन मैक्ग्रा ने वर्ष की अपनी ड्रीम टेस्ट टीम के लिए विराट कोहली को कप्तान चुना है. मैक्ग्रा ने अपनी 'टेस्ट टीम ऑफ ईयर' की घोषणा की. उन्होंने अपनी 12 सदस्यीय इस ड्रीम टीम में भारत के ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को भी चुना है.

कोहली और अश्विन के अलावा मैक्ग्रा की टीम में कोई और भारतीय खिलाड़ी नहीं है. मैक्ग्रा ने डेविड वार्नर, स्टीवन स्मिथ, मिशेल स्टार्क के तौर पर तीन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को शामिल किया है.

इंग्लैंड के जोए रूट, बेन स्टोक्स, स्टुअर्ट ब्रॉड और विकेटकीपर जॉनी बेयरस्टो भी मैक्ग्रा की टीम में जगह बनाने में सफल हुए हैं. न्यूजीलैंड टेस्ट टीम के कप्तान केन विलियमसन, पाकिस्तान के यासिर शाह और दक्षिण अफ्रीका के कागिसो रबादा को भी मैक्ग्रा की इस टेस्ट टीम में जगह मिली है.

कोहली को हाल ही में आईसीसी की एकदिवसीय टीम का कप्तान चुना गया है. वह पूरे साल शानदार फॉर्म में रहे और खेल के हर प्रारूप में रन बनाते रहे. कोहली की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम ने इस साल 12 टेस्ट मैच खेले जिनमें से नौ में जीत हासिल की, जबकि तीन ड्रॉ रहे.

कोहली ने इस साल टेस्ट में 1,215 रन बनाए, जिसमें चार शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं. इन चार शतकों में से वह तीन को दोहरे शतक में बदलने में कामयाब रहे. वहीं अश्विन ने इस साल भारत की जीत में बल्ले और गेंद दोनों से अहम भूमिका निभाई. वह इस साल 12 टेस्ट मैचों में 72 विकेट अपने नाम करने में सफल रहे.

अब भारत में बनेंगे आईफोन

ऐप्पल कंपनी भारत में आईफोन बनाने की योजना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान का हिस्सा बनने जा रही है. ऐप्पल के लिए OEM यानी ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर का काम करने वाली ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन ने पीन्या में आईफोन बनाने के लिए फैसिलिटी सेंटर का काम शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार अप्रैल 2017 से यहां आईफोन निर्माण का काम शुरु हो सकता है.

ऐप्पल भारत में जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरु करना चाहती है. कंपनी की मानें तो अगर भारत में आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग होती है, तो वो कीमतों के मामले में भी दूसरी स्मार्टफोन कंपनियों को कड़ी टक्कर देगी. आपको बता दें कि ऐप्पल कंपनी जब भारत में अपने फोन भेजती है, तो उसे 12.5 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी पड़ती है. लेकिन अगर भारत में आईफोन बनने लगेंगे, तो कंपनी को किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. जिससे आईफोन की कीमतों में भी गिरावट आ जाएगी.

ऐप्पल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग सहयोगी कंपनी फॉक्सकॉन ने इससे पहले महाराष्ट्र में प्लांट स्थापित करने की बात कही थी. कहा जा रहा था कि इस प्लांट में सिर्फ ऐप्पल के प्रॉडक्ट्स ही तैयार किए जाएंगे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फॉक्सकॉन ने श्याओमी और वन प्लस के साथ लोकल मैन्युफैक्चरिंग के लिए करार कर लिया है. ऐसे में यहां अब सिर्फ ऐपल के प्रॉडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग नहीं होगी. 

 

2016: महिला खिलाड़ियों ने लहराया तिरंगा

रियो ओलंपिक में तिरंगे के मान-सम्मान को बनाए रखने की बात हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का लोहा मनवाने का जज्बा, इस साल भारतीय महिलाएं विश्व खेल जगत में भारत का मस्तक ऊंचा रखने में अपने साथी पुरुष खिलाड़ियों से कहीं आगे रहीं.

भारत को इस साल रियो ओलंपिक में सिर्फ दो पदक मिले और ये दोनों पदक देश को महिला खिलाड़ियों ने ही दिलाए.

पी. वी. सिंधु

बैडमिंटन में पी. वी. सिंधु ने पहली बार देश को रजत पदक दिलाया. वह किसी भी ओलंपिक स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी भी बनीं.

साक्षी मलिक

वहीं ब्राजीलियाई महानगर रियो डी जनेरियो में हुए ओलंपिक खेलों में भारत के पदक के इंतजार को महिला पहलवान साक्षी मलिक ने खत्म किया. साक्षी ने कुश्ती में कांस्य पदक हासिल किया और ओलंपिक में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला पहलवान बनीं.

दीपा कर्माकर

रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली एक भारतीय महिला खिलाड़ी ऐसी भी रहीं, जिन्होंने पदक जीतने बिना पूरे देशवासियों का दिल जीत लिया. जिम्नास्टिक्स में पहली बार ओलंपिक में भारत की दावेदारी पेश कर रहीं दीपा कर्माकर ने फाइनल तक का सफर तय किया और बेहद मामूली अंतर से वह पदक से चूक गईं.

त्रिपुरा के एक छोटे से गांव से ओलंपिक के फाइनल तक का सफर तय करने वाली भारतीय जिमनास्ट दीपा कर्माकर ने जिम्नास्टिक्स में वह कारनामा कर दिखाया, जिसे देखकर रियो ओलंपिक में पांच स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिकी जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकीं.

ओलंपिक में 52 साल बाद कोई भारतीय जिमनास्ट फाइनल तक पहुंचने में सफल रहा. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट भी बनीं.

भारतीय महिला हॉकी टीम

भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी इस वर्ष सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ. देश की महिला हॉकी टीम ने 36 साल बाद ओलंपिक खेलों में प्रवेश किया. वे जीत के सूखे को खत्म नहीं कर पाईं लेकिन उनका ओलंपिक में प्रवेश का प्रयास सफल रहा.

लेकिन ओलंपिक की असफलता ने भारतीय महिला हॉकी टीम का हौसला नहीं तोड़ा और उन्होंने पहली बार एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब जीता.

अदिति अशोक

गोल्फ के क्षेत्र में भी भारत की बेटी ने नया कारनामा कर दिखाया. अदिति अशोक ओलंपिक में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं. इसके अलावा उन्होंने इस साल हीरो महिला इंडियन ओपन खिताब भी जीता और इस प्रक्रिया में वह एक लेडीज यूरोपीयन टूर खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बनीं.

दीपा मलिक

अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बनाकर जिंदगी में आगे बढ़ने वाली दीपा मलिक ने इस साल रियो पैरालंपिक में रजत पदक जीत दिखा दिया कि कोशिश करने वाले कभी नहीं हारते.

मलिक ने रियो पैरालंपिक की गोला फेंक स्पर्धा (एफ 53) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 4.61 मीटर दूर गोला फेंक रजत पदक हासिल किया. इस जीत के साथ ही वह पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी बनीं.

अब ऐप छुड़ाएगा स्मार्टफोन की लत

अगर आप भी अपने स्मार्टफोन की लत से परेशान हैं और इसे छुड़ाना चाहते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ऐप विकसित किया गया है जो बैठकों, सम्मेलनों और सामाजिक समारोहों के दौरान आपको स्मार्टफोन का उपयोग करने से रोकेगा.

इस ऐप को कोरिया के वैज्ञानिकों ने बनाया है. अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि स्मार्टफोन हमारे जीवन के लगभग हर पहलू में शामिल हो गया है. ऐसे लोगों की संख्या में वृद्धि हुई जो स्मार्टफोन के अधिक उपयोग से चिंतित हैं. लॉक एन लोल (लॉक योर स्मार्टफोन एंड लॉफ आउट लाउड) बैठकों, सम्मेलनों और विमर्श जैसी सामाजिक सभाओं के दौरान लोगों को एक साथ उनका स्मार्टफोन लॉक करने में मदद करेगा.

कोरिया एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ सांइस एंड टेक्नोलॉजी के अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया है कि बार-बार संदेश, ईमेल या अन्य ऑनलाइन सामग्री को पोस्ट करने और उसको लेकर हुई गतिविधियों को देखने से स्मार्टफोन के बहुत अधिक उपयोग की लत लग जाती है. इसके अलावा स्मार्टफोन से जुड़ी कुछ अन्य चीजें भी हैं जो बैठकों में खलल डालती हैं. स्मार्टफोन में संदेश या अन्य गतिविधियों पर बजने वाली आवाज को इसी श्रेणी में शामिल किया जा सकता है.

इस ऐप के जरिये आप बैठकों में आने वाले सभी लोगों के स्मार्टफोन को लॉक कर सकते हैं और इसके सभी फोन स्वत: म्यूट हो जायेंगे और आपका फोन लॉक हो जायेगा. लॉक हटाने के लिए आपको अनुमति लेनी होगी. हालांकि आपात स्थिति में आप पांच मिनट तक अपने फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे.

तो ये है विद्या बालन के नर्वस होने की वजह

‘‘परिणीता’’ से‘‘कहानी 2’’ तक विद्या बालन लगभग 30 फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं. उन्होंने सफलता असफलता का अच्छा खासा स्वाद भी चखा है. इसके बावजूद वह अपनी हर फिल्म की शूटिंग शुरू होने पर पहले दिन सेट पर नर्वस रहती हैं. वह नसिरुद्दीन शाह के साथ ‘‘डर्टी पिक्चर’’ और ‘‘इश्किया’’ फिल्में कर चुकी हैं, पर उनके साथ भी शूटिंग करना उनके लिए आसान नहीं होता है.

चइसी के चलते विद्या बालन को जब अपनी नई फिल्म ‘‘बेगम जान’’ के लिए नसिरूद्दीन शाह के साथ पहले दिन शूटिंग करनी थी,तो  उन्होने निर्देशक श्रीजित मुखर्जी से कहा था कि पहले ही दिन नसिरुद्दीन शाह के साथ उनके दृश्य क्यों रखे गए? विद्या बालन चाहती थी कि निर्देशक श्रिजित मुखर्जी शूटिंग शेड्यूल में कुछ बदलाव कर दें, मगर ऐसा संभव नहीं हुआ.

इस बात को स्वीकार करते हए मीडिया से खुद विद्या बालन ने कहा है, ‘‘मैंने काफी फिल्मों में काम किया है. इसके बावजूद मैं अपनी हर नई फिल्म की शूटिंग शुरू होने पर पहले दो दिन नर्वस रहती हूं. और जब नसिरूद्दीन शाह के साथ काम करना हो, तो हम वैसे ही नर्वस हो जाते हैं. मगर श्रिजित मुखर्जी ने ‘‘बेगम जान’’ की शूटिंग के पहले शेड्यूल के पहले ही दिन नसिरूद्दीन शाह के साथ मेरे दृष्य फिल्माने जा रहे थे. मैं तो काफी नर्वस थी. इसलिए मैने निर्देशक से कहा कि वह कुछ बदलाव कर दें, नसिरूद्दीन शाह के साथ उनके दृष्यों का फिल्मांकन दो चार दिन बाद करें. मगर निर्देशक ने बताया कि नसिरूद्दीन शाह ने अपने व्यस्त समय में से तीन दिन दिए है, इसलिए कोई बदलाव नहीं हो सकता. खैर,अब शूटिंग करनी ही थी. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी नसीर साहब ने जिस गर्मजोशी के साथ सेट पर मेरा स्वागत किया और शूटिंग के दौरान जिस तरह से मेरा हौसला बढ़ाया, उससे किस तरह तीन दिन निकल गए थे,पता ही नहीं चला था.’’

‘तेरा-मेरा’ की रार से खुश हुई बसपा-भाजपा

ऊपरी तौर पर भले ही समाजवादी पार्टी का बंटवारा चुनाव के पहले टल जाये पर तेरा-मेराके विवाद में सपा को अब अपने ही बागी उम्मीदवारों का सामना करना पड़ेगा. इससे सबसे अधिक खुशी बसपा-भाजपा को है. भाजपा को अगड़े और पिछड़े वोट अपनी तरफ आते दिख रहे हैं तो बसपा को मुसलिम वोटों के अपनी ओर आने का भरोसा हो गया है. अब वह ज्यादा से ज्यादा मुसलिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने की फिराक में हैं.

कुछ माह पहले सपा के शुभचिंतक पार्टी के विवाद को सुलझाने के लिये अपना पूरा दमखम लगाये थे वह भी अब चुप हो बैठ गये हैं. सपा के सबसे बड़े सलाहकार आजम खां जो मुलायम और अखिलेश दोनों के करीबी थे वह पूरी लड़ाई को इतिहास से जोड़ कर देख रहे हैं.

आजम खां कहते है, सपा में जो कुछ हो रहा है उसे इतिहास के सबसे बुरे दिनों के नाम से लिखा जायेगा. औलाद बाप के नाम से और बाप औलाद के नाम से नफरत करेगी. सपा के लोग खुद मायूस हैं. भाजपा जश्न मना रही है.

सपा के इस मोड़ पर राजनीतिक समीक्षक और लेखक शिवसरन सिंह गहरवार कहते है, सपा में अहम का टकराव है. लोकतंत्र में जनता उसके साथ खड़ी होती है जो उसको मजबूत दिखता है. सपा का बड़ा वर्ग अखिलेश यादव पर अपना भरोसा कर रही है. अब अखिलेश को यह साबित करना है कि वह दबाव में झुकते हैं या निखर कर सामने आते है.

समाजवादी पार्टी में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही तेरा-मेराका झगड़ा शुरू हो गया. प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की सूची और मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सूची जब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पास पहुंची और वहां से नई सूची जारी हुई तो उसमें अखिलेश समर्थकों का पत्ता साफ था. इसके बाद अखिलेश ने अपनी सूची जारी कर अपने लोगों को चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी. जिसके बाद हालत बिगड़ गये. हो सकता है कि सपा में पार्टी लेवल पर कोई बंटवारा न हो पर पार्टी के बागी अपने लोगों के ही खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, जिससे सपा को बड़ा नुकसान होगा.

सपा में बड़ा वर्ग मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ है. वह पार्टी के सर्वमान्य नेता के रूप में सामने है. सपा में ही अखिलेश को चुनौती मिल रही है. अब अखिलेश इस विवाद में झुकना नहीं चाहते. अखिलेश के साथ उनके विधायक तो हैं साथ ही 30 से अधिक विधान परिषद सदस्य भी हैं. जो मुख्य ताकत के रूप में पीछे खड़े हैं. अखिलेश अपने परिवार से बेहद नाराज और दुखी हैं. मुलायम के लाख समझाने के बाद भी वह झुकने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि वह परिवार की चुनावी सीट से खुद भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते. वह पश्चिम उत्तर प्रदेश के समाजवादी परिवार के प्रभाव वाले जिलों के अलावा बुन्देलखंड से चुनाव लड़ना चाहते हैं.

अखिलेश ने जिस तरह से पिता मुलायम के हर प्रयास को नजरअंदाज किया है उससे पार्टी के बड़े नेता दुखी हैं. उनको लगता है कि पिता-पुत्र के विवाद में पार्टी खत्म हो सकती है. जो प्रदेश की साम्प्रदायिकता विरोधी राजनीति के लिये आत्मघाती कदम होगा. दूसरी तरफ अखिलेश अघोषित तौर पर कांग्रेस के साथ एक समीकरण बनाकर चलने की कोशिश में हैं. जिससे चुनाव के बाद वह मजबूत हालत में दिख सकें. सपा के तेरा-मेराने बसपा-भाजपा को मुस्कराने का अवसर दे दिया है. नोटबंदी के बाद सदमें में पहुंची भाजपा को नया अवसर मिलता दिख रहा है. जिससे मुसलिम बसपा की ओर जा सकता हैं, जो सपा की सबसे बड़ी मुश्किल है.

टीना घई की आठ साल बाद छोटे पर्दे पर वापसी

मशहूर अभिनेत्री, गायक, संगीतकार व गीतकार टीना घई किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. लगभग डेढ़ सौ से अधिक फिल्मों में अभिनय करने के अलावा बतौर गायिका उनके आठ अलबम बाजार में आ चुके हैं.

पिछले आठ वर्षों से वह अभिनय व गायन को भुलाकर अपनी घर गृहस्थी में मशगूल जरुर थी. जब उनकी बेटी विधि ढाई साल की हो गयी, तो उन्होंने देश में फैले भ्रष्टाचार, अन्याय से जूझते लोग, औरतों के शोषण आदि के खिलाफ ‘ढोल का पोल’ और ‘जागो इंडिया’ नामक दो गीत लिखे, इन गीतों को संगीत से संवारा और अपनी आवाज में रिकॉर्ड करने के साथ इन गीतों के वीडियो फिल्माए.

इन गीतों के वीडियो ने 2014 में ‘यूट्यूब’ सहित कई चैनलों पर हंगामा मचाया था. फिर उनकी गिनती अभिनेत्री व गायक के साथ समाज सेवक के रूप में भी होने लगी. बहरहाल, अब जबकि उनकी बेटी विधि स्कूल जाने लगी हैं, तो टीना घई ने पुनः अभिनय के क्षेत्र में वापसी की है.

इस बार टीना घई ‘लाइफ ओ के’ चैनल पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘आई कमिंग मैडम’ में सीरियल के नायक संदीप आनंद की बुआ का किरदार निभा रही हैं. शशांक बाली निर्देशित इस सीरियल का निर्माण ‘एडिट 2’ प्रोडक्शन के तहत बेनीफर कोहली और संजय केाहली कर रहे हैं. जबकि इस सीरियल में टीना घई के अलावा संदीप आनंद, नेहा पेंडसे, सपना शिकरवार अभिनय कर रहे हैं.

अभिनय में अपनी वापसी पर टीना घई कहती हैं, ‘‘मैं कहीं गयी नहीं थी. यहीं पर थी. पिता के आदेश का पालन करते हुए जब मैंने शादी की, तो मेरी पहली प्राथमिकता अपने परिवार व पति को समय देना बन गया. फिर मैं एक बेटी, विधि की मां बनी, जो कि अब साढ़े पांच साल की हो चुकी है. जब बेटी थोड़ी सी बड़ी हुई, स्कूल जाने लगी, तब मैंने सोचा कि अब फिर से काम करना चाहिए. इसी बीच मेरे पास संजय कोहली ने सीरियल ‘आई कमिंग मैडम’ का ऑफर लेकर आ गए. मुझे सीरियल का कॉन्सेप्ट और अपना किरदार पसंद आया, तो मैंने हामी भर दी.’’

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