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जीपीएस का कमाल

इच्छाशक्ति हो तो शारीरिक अक्षमता कभी भी आप के हौसले के आड़े नहीं आती. हमारे यहां एक पैर से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली अरुणिमा सिंह इस की मिसाल हैं. ऐसा ही जज्बा भरा काम फ्रांस के 5 नेत्रहीन व्यक्तियों ने किया. उन्होंने जीपीएस की मदद से एक पहाड़ी की सफलतापूर्वक चढ़ाई कर उसे पार किया. सिर्फ एक बेंत और कमर में बांधे गए जीपीएस सिस्टम के माध्यम से 6 दिन में 80 किलोमीटर की दूरी इस ग्रुप ने तय की. नैवीगेशन दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इस ग्रुप ने एक मिसाल कायम की है.

भ्रूण के जीन में बदलाव

उन दंपतियों के लिए खुशखबरी है जिन्हें बारबार गर्भपात की समस्या और जींसजनित रोगों से दोचार होना पड़ता था. ब्रिटेन में वैज्ञानिकों को भ्रूण के डीएनए यानी जींस में संशोधन करने की इजाजत मिल गई है. भ्रूण के डीएनए में संशोधन पर शोध लंदन स्थित फ्रांसिस क्रिक संस्थान में किया जाएगा और इस का मकसद मानव जीवन के शुरुआती लमहों को ज्यादा बारीकी से समझना होगा. इस प्रक्रिया में आईवीएफ मरीजों के दान से प्राप्त भ्रूण को जरूरत के हिसाब से संशोधित किया जाएगा और उन्हें ज्यादा दुरुस्त बनाया जाएगा. इस प्रयोग के शुरुआती चरण में वैज्ञानिक  निषेचित भ्रूण के 1 सप्ताह के अंदर प्रमुख नियामक माने जाने वाले जींस ओसीटी 4 की गतिविधियों को अवरुद्ध करेंगे.

संस्थान की टीम इस संपादित किए हुए जींस भ्रूण को किसी महिला के गर्भाशय में आरोपित नहीं करेगी. इस को प्रयोग के बाद नष्ट कर दिया जाएगा जिस से इस का दुरुपयोग न हो सके. जींस में बदलाव को ले कर खासा विवाद रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि भ्रूण के डीएनए में छेड़छाड़ डिजाइनर संतान को पाने की ओर एक बढ़ता कदम है. इस से लोग मनमुताबिक रंगरूप वाली संतान चाहने की इच्छा रखेंगे जोकि अनैतिक होगा.

जानिए डौगी का मूड

औफिस में हों या घर से दूर कहीं आउटिंग पर सारा ध्यान घर पर ही रहता है कि पालतू डौगी कैसा होगा. पर आप की इस समस्या का समाधान साइंस ने खोज लिया है. जापानी कंपनी एनीसैल ने एक पहनने वाली डिवाइस को बनाया है. यह डिवाइस आप के पालतू जानवर की सभी गतिविधियों को उस के मालिक तक पहुंचाने का काम करती है. मसलन, आप के पालतू का मूड कैसा है, शरीर का तामपान क्या है, ब्लडप्रैशर सही है कि नहीं, उस के स्वभाव में उग्रता तो नहीं. ये सब सूचनाएं स्मार्टफोन के जरिए उस के मालिक तक पहुंचती हैं. पालतू जानवर के शरीर में इस पहनने वाली छोटी सी डिवाइस को पहना दिया जाता है. स्मार्ट फोन में एक ऐप के जरिए ये सारी जानकारियां देता रहता है, चाहे आप कितने भी दूर हों.

 

पियानो जो पौकेट में समाए

पियानो का नाम सुन कर जेहन में एक भारीभरकम म्यूजिकल इंस्ट्रूमैंट की छवि उभरती है जिसे हम अकसर बड़े होटलों और शानदार हवेलियों में एक कोने में रखा हुआ देखते हैं. पर अब एक ऐसा पियानो आ गया है जिस के लिए किसी बड़ी जगह की जरूरत नहीं होती. रूमाल के आकार का यह पियानो आसानी से फोल्ड हो कर जेब में समा जाता है. टैक्सटाइल पियानो नामक यह पियानो असल में इलैक्ट्रोमैग्नेट फाइबर से बुना हुआ कपड़ा है जिस में सैंसर और इलैक्ट्रोड कंडक्टिविटी के माध्यम से ध्वनि तरंगें निकलती हैं. इस कपड़े में पियानो की ही तरह कीबोर्ड प्रिंट है जिस को एक साउंड सिस्टम से जोड़ा गया है. जैसे ही ‘की’ पर उंगली का स्पर्श होता है, संगीत की मधुर ध्वनि निकलती है.

 

ये पति

मेरे मामीमामा ने हमें मुरादाबाद में अपने घर बुलाया. पति और मैं उन के घर पहुंचे. डोरबैल बजाने पर भी दरवाजा नहीं खुला. हम ने देखा दरवाजे के अंदर की चटखनी नहीं लगी थी. हम ने धक्का दे कर जैसे ही दरवाजा खोला, उन का पालतू कुत्ता भौंकता हुआ आया. हम दोनों डर गए. मैं भाभीभाभी कह कर चिल्लाई. पति डर के मारे वापस घर के बाहर भागे और दरवाजा बंद कर दिया. अचानक मुझे खयाल आया कि कुत्ते को पुचकारना चाहिए. मैं ने जैसे ही उसे पुचकारना शुरू किया, कुत्ता मेरा पांव चाटने लगा. मेरी जान में जान आई. फिर मैं ने दरवाजा खोल कर पति को अंदर बुलाया और शिकायत की, ‘‘हद कर दी आप ने. एक गाना है जिस में ‘शेर तुझे छोड़ के मुझे खा जाए’ बोला गया है लेकिन आप ने तो ‘मुझे छोड़ कर तुझे खा जाए’ वाली बात कर दी.’’पति शर्मिंदा हुए. इतने में मामामामी भी नीचे आ चुके थे. मैं ने हंसहंस कर उन को यह बात बताई. सब हंसने लगे.

– मधु गोयल, गाजियाबाद (उ.प्र.)

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मेरी सहेली के पति बहुत ही मजाकिया किस्म के इंसान हैं, साथ ही, बड़े बहानेबाज भी. कभी जब वह कहती कि आज मुझे 3 बजे न्यू मार्केट जाना है, आप छोड़ देंगे? तो फौरन कहते कि अरे, तुम्हें 3 बजे जाना है और मुझे तो 2 बजे ही जाना है, कैसे छोड़ सकता हूं भला? कभी वह पूछती कि आज कितने बजे आप को जाना है तो कह देते, अरे भाई, आज तो मैं कहीं नहीं जा रहा, घर पर बैठ कर ही काम करूंगा, बहुत काम है. मतलब, एक न एक बहाना उन का तैयार रहता. वह बेचारी मन मसोस के रह जाती. एक दिन घर पर उस की बेटी आई हुई थी और मेरी सहेली को एक मीटिंग में जाना था 3 बजे. सुबह से वह कह रही थी कि मुझे मीटिंग में जाना है, आप छोड़ दीजिएगा. लेकिन उस के पति का का हां में जवाब मिल ही नहीं रहा था. एकाएक बेटी जोश में उठी और बोली, ‘‘पापा, आप रोज बहाना बनाते हो, कुछ भी हो, आज आप को मम्मी को छोड़ना ही होगा.’’

उस की बात सुन कर भी वे तैश में नहीं आए और बड़ी मासूमियत से बोले, ‘‘क्या बात करती हो बेटे? मैं तुम्हारी मम्मी को कैसे छोड़ सकता हूं? मैं ने तो उन को सात जनम तक साथ देने का वचन दिया है न.’’ उन का जवाब सुन कर बेटी एकदम सकते में आ गई, उस से कुछ कहते ही न बना. बाद में बेटी के साथ मेरी सहेली भी बहुत देर तक हंसती रही.

– अनीता सक्सेना, भोपाल (म.प्र.)

देशभक्ति या धर्मा-देशभक्ति

देशभक्ति का नया नारा धर्मा-देशभक्ति है, यह उच्च न्यायालय की जज प्रतिभा रानी के कन्हैया के मामले में सीमाओं पर जवानों की कुरबानियों का हवाला दिए जाने के कुछ दिन बाद यह साफ हो गया. देश के जवान सीमा पर नहीं लड़ रहे, वे तो श्रीश्री रविशंकर के महाधार्मिक उत्सव पर दिल्ली में यमुना नदी को रौंदने के आदेशों का पालन करते हुए नदी पर पुल बनाते दिखे. कन्हैया कुमार के मामले में देशभक्ति का राग अलापा गया और बारबार जवानों की कुरबानियों की बातें कही गईं पर ये जवान देश की रक्षा हरियाणा में जाटों के उपद्रवों से बचाने में करते दिखे, उन जाटों से जिन्हें अभी तक देशद्रोही नहीं कहा गया है जबकि उन्होंने गैरजाट नागरिकों के मकान, दुकान तो जला ही दिए, शायद औरतों के रेप भी किए.

औरतों के रेप के सभी मामले पुलिस में नहीं गए पर ये औरतें अब जीवनभर घरों की जेलों में कैदियों का जीवन जिएंगी, खुली आंखों से उन के घर वालों ने उन की इज्जत तारतार होते देखी थी. जाटों के खिलाफ अब तक धर्मादेश नहीं जारी किया गया क्योंकि आरक्षण मांगते हुए भी वे धर्मटैक्स तो चुका ही रहे हैं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तो इस महापाखंडी सम्मेलन में आने से इनकार कर दिया परंतु पूरी केंद्र सरकार हाथ बांधे श्रीश्री रविशंकर की सेवा में 11 मार्च से 13 मार्च तक खड़ी रही और सिद्ध करती रही कि देश की सरकार की नजर में ऋषियोंमुनियों की जगह रामायण, महाभारत और पुराण कथाओं की तरह है.

दिल्ली के यमुना तट पर 35 लाख लोगों के लिए करोड़ों का विशाल, भव्य मंच बना कर श्रीश्री रविशंकर ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बनाए गए ग्रीन ट्रिब्यूनल को ठेंगा सा दिखा दिया क्योंकि उन्होंने बहुत सी बातों का उत्तर ही नहीं दिया. योग अध्यात्म के साथ रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर के उन्होंने पुराणवादी सोच पर सीमेंट लगाया और बहुत सा सीमेंट रेत में रह जाएगा या यमुना के पानी में घुल जाएगा, इस में संदेह नहीं है. यह अफसोस की बात है पर इस का अंदाजा था कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा किसी विकास, किसी औद्योगिकीकरण, किसी सुशासन का कम, धर्म प्रचार का ज्यादा ही रहेगा. योग, सूर्य उपासना, मंदिरों के निर्माण, मूर्तिपूजा, इतिहास के पुनर्लेखन, वर्णव्यवस्था, भारत माता की पुकार को ईश्वरजनित मनवाना आदि पर ही सरकारी फैसले मुखर हैं.

यह लगता है कि इस पौराणिकवादी सोच को आजकल देश के व्यापारी वर्ग ने अपना लिया है ताकि उन का सवर्णों की तीसरी श्रेणी से उठ कर, संस्कृतिकरण हो कर उन्हें पहली श्रेणी में शायद ले आया जाए और इसलिए वे श्रीश्री रविशंकर जैसे तमाशों के लिए खजाने खोल देते हैं. वैसे भी देश के धनपतियों के पास जो पैसा है वह बैंकों से लिए गए उधार वाला है, उन बैंकों से जिन के पास या तो आम व्यक्ति का पैसा जमा है या वह जो आमजन व मजदूरों से वसूले गए विभिन्न टैक्सों से सरकार द्वारा बनाई गई सरकारी योगदान के मद का है.

देश आज भी अगर उन पौराणिक गाथाओं में उलझा रहे जिन में बारबार कहा जाता है कि फलांफलां राज्य ने महायज्ञ किए, जिन में दूरदूर से ऋषिमुनि आए और दान में गाएं, स्वर्ण और सुंदरियां ले कर गए, तो यह अफसोस की बात नहीं तो और क्या है

कैट की धमकी

पैपाराज्जी से दुनियाभर की सैलिब्रिटीज परेशान हैं. मर्लिन मुनरो से डायना तक इस पैपाराज्जी की शिकार हो चुकी हैं. पिछले दिनों बौलीवुड अदाकारा कैटरीना कैफ खुद का पीछा करते फोटोग्राफर्स से इस कदर तंग आ गईं कि सरेराह उन्हें पुलिस की धमकी दे डाली. दरअसल, कैटरीना इन दिनों मुंबई में रणबीर कपूर से तथाकथित अलगाव के बाद नया आशियाना ढूंढ़ने में व्यस्त हैं. इसी सिलसिले में जब वे अपनी कार से जाने लगीं तो फोटोग्राफरों का समूह उन के पीछे पड़ गया. काफी दूर तक जब फोटोग्राफर्स उन का पीछा करते रहे तो गुस्से में कैटरीना ने कार से उतर कर उन्हें लौटने को कहा, न मानने पर पुलिस से कंपलेंट करने की धमकी भी दे डाली. कैटरीना जी, रणबीर से अलगाव के चलते गुस्से में मत रहिए वरना बौलीवुड भी आप से कहीं अलगाव का रास्ता न अपना लें.

कंगना को अफसोस

अभिनेत्री कंगना राणावत फिल्मों में नारीप्रधान भूमिकाओं में वाहवाही बटोरती रही हैं लेकिन अपने परिवार से उन्हें काफी शिकायतें हैं. एक साक्षात्कार में कंगना ने खुलासा किया है कि उन के जन्म पर घर में सिर्फ इसलिए खुशियां नहीं मनाई गईं क्योंकि वे लड़की हैं. उन के मुताबिक उन के जन्म को ले कर उन के यहां वह उत्साह नहीं देखा गया जो उन के भाई के जन्म के दौरान देखा गया. फिल्मों की दुनिया में तो कंगना कई बार निर्मातानिर्देशकों के भेदभाव का शिकार हो चुकी हैं लेकिन अपने घर में इस तरह ही मानसिक प्रताड़ना झेलना बहुत ही पीड़ादायक है. जब एक सफल अभिनेत्री के घर में लड़कालड़की को ले कर ऐसी मानसिकता है तो आम घरों में लड़कियों की हालत पर क्या कहा जा सकता है.

 

अरबाज व मलाइका के संबंधों में दरार

बीते साल बौलीवुड में जम कर ब्रेकअप हुए. पहले अभय देओल, फरहान अख्तर के अलगाव की खबरें आईं और अब काफी पुराने मैरिज कपल मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान के बारे में भी ऐसी ही बातें सामने आ रही हैं. हालांकि बीच में सलमान खान ने अरबाज के बड़े भाई होने के नाते मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी लेकिन लगता है बात नहीं बनी. अब यह कपल तलाक की अर्जी डालने की फिराक में है. इस मामले में अब अरबाज के पिता सलीम खान भी नहीं पड़ना चाहते हैं. उन्होंने पत्रकारों से इस बाबत यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि यह उन का व्यक्तिगत मामला है. उन दोनों को ही निर्णय लेना है. वैसे फिल्मी दुनिया चाहे बौलीवुड की हो या हौलीवुड की, संबंधविच्छेद वहां आम सा मसला है.

प्रचार के हथकंडे

इंडोचाइनीज प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही फिल्म में अभिनेता जैकी चैन समेत भारतीय कलाकार सोनू सूद और अमायरा दस्तूर भी नजर आएंगे. कुछ साल पहले जैकी चैन ने एक फिल्म के लिए मल्लिका शेरावत को साइन किया था और भारत आ कर फिल्म का जोरशोर से प्रचार भी किया था. उसी अंदाज में इस बार भी जैकी बौलीवुड स्टाइल में एक देसी गाना शूट कर भारतीय दर्शकों को लुभाने की कोशिश करते नजर आएंगे. भारतीय फिल्मों के बढ़ते बाजार व कमाई को देखते हुए विदेशी फिल्म निर्माता अकसर यहां के कलाकारों या कहानी को हिस्सा बना कर सुर्खियां व पैसे दोनों बटोरते हैं. यह जुगत भी इसी पब्लिसिटी का हिस्सा है.

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