EXCLUSIVE : पाकिस्तान की इस मौडल ने उतार फेंके अपने कपड़े, देखिए वीडियो

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चश्मेनम भी हुए जो वो मुसकराए

राजेदिल खुल गए उन के बिन बताए

हम खड़े के खड़े ही रहे रहगुजर में

हजारों गए और हजारों ही आए

ये एहसासेदिल है, नजर तो नहीं है

इसे रंगेदुनिया कोई क्या दिखाए

हो गए इश्क की बू से यों रूबरू

ये गुलगुलिस्तां भी नहीं रास आए

गम के अंधेरों में उन का तबस्सुम

हजारों दीये जैसे हों जगमगाए

कदम बढ़ चुके हैं जो राहों पर उन की

कहो दिल पर कोई न पहरा लगाए

है मीठी गजल दास्ताने मुहब्बत

जो इस को सुने ये उसी के मन भाए.

- कुसुम अग्रवाल

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