नवाजुद्दीन सिद्दिकी अपने करियर में बहुत ही कम समय में रिपोर्टर, गैंगस्टर, हत्यारा, गाव वाला, मजदूर जैसे कई किरदार निभाते हुए कई तरह की जिंदगी जी चुके हैं. वह बॉलीवुड के एकमात्र ऐसे कलाकार हैं, जिनके काम करने का अंदाज बहुत जुदा है. वह इन दिनों श्रीदेवी के करियर की 300 वीं फिल्म में दयाशंकर कपूर का किरदार निभाकर जोश में हैं. इस फिल्म में उनका किरदार ही नही बल्कि संवाद अदायगी का लहजा भी बहुत अनूठा है. फिल्म के दो टीजर आ चुके हैं, जिसमें वह अनूठे अंदाज में कहते हैं- ‘‘मेरा नाम दयाशंकर कपूर है, पर यूं कैन कॉल मी “डी के.”

फिल्म का लुक तो निर्देशक रवि उध्यावर ने तय किया था, लेकिन संवाद अदायगी का लहजा पूरी तरह से नवाजुद्दीन सिद्दिकी के अपने दिमाग की उपज है. इस अंदाज को कहां से प्रेरित होकर उन्होंने गढ़ा, इस बारे में ‘‘सरिता’’ पत्रिका से एक्सक्लूसिब बात करते हुए नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने बताया-

‘‘इस किरदार के मैनेरिजम को चुनने का भी मजेदार किस्सा है. निर्देशक रवि उध्यावर ने हमारा लुक तो तय कर दिया था. हम शूटिंग के लिए दिल्ली भी पहुंच चुके थे. पर ऐसा कुछ नही सोचा था कि हम इसे किस तरह से निभाएंगे. पहले दिन शूटिंग के लिए हम वैनिटी वैन में बैठे हुए थे. दो घंटे की मशक्कत के बाद मेकअप हो गया था. यह प्रोस्थेटिक मेकअप नहीं है, बल्कि विग है. जब मैं अकेला वैनिटी वैन में बैठा हुआ था, तो मेरे दिमाग में कुछ लोगों के चेहरे घूमने लगे. मैं अपने संवादों को उन इंसानों की तर्ज पर बोलकर देखने लगा कि क्या ज्यादा ठीक रहेगा. अचानक मेरे दिमाग में अभिनेता पियूष मिश्रा आए.

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