बॉलीवुड में मौसमी चटर्जी को उन अभिनेत्रियों में शुमार किया जाता है जिन्होंने 70 और 80 के दशक में अपनी रूमानी अदाओं से दर्शकों को अपना दीवाना बनाये रखा था. मौसमी चटर्जी आज पूरे 66 साल की हो गई हैं. उनका जन्म 26 अप्रैल 1953 को कोलकाता में हुआ और वे वहीं पली बढ़ीं.

हिन्दी सिनेमा की कई बेहतरीन फिल्में जैसे 'अंगूर', 'मंजिल' और 'रोटी कपड़ा और मकान' अभिनेत्री मौसमी चटर्जी के नाम हैं. मौसमी ने राजेश खन्ना, शशि कपूर, जीतेंद्र, संजीव कुमार, विनोद मेहरा और अमिताभ बच्चन जैसे, उस समय के दिग्गज कलाकारों के साथ काम भी किया है. हम आपको बता दें कि आजकल मौसमी चटर्जी कोलकाता में रह रहीं हैं और कुछ बंगाली फिल्में कर रही हैं और एक अच्छी स्क्रिप्ट आने पर वे बॉलीवुड फिल्में करने को भी तैयार हैं.

चौदह साल की उम्र में मौसमी चटर्जी फिल्मी दुनिया में आईं

26 अप्रैल 1953 को कोलकाता में जन्मी मौसमी चटर्जी ने अपने अभिनय जीवन की शुरूआत साल 1967 में प्रदर्शित बंगला फिल्म ‘बालिका वधु’ से की. उनकी यह फिल्म टिकट खिडक़ी पर सुपरहिट साबित हुई. उस समय मौसमी की उम्र केवल 14 साल थी, लेकिन उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा. इस फिल्म के निर्देशक तरुण मजूमदार ने कहा कि इंदिरा से ज्यादा उन पर मौसमी नाम सूट करेगा और इस तरह मौसमी चटर्जी फिल्मी दुनिया में आ गई और चौदह साल की उम्र में इंदिरा बालिका वधु बन गईं. इस दौरान पांचवीं कक्षा में पढ़ती थीं इंदिरा चटर्जी.

बॉलीवुड में करियर की शुरूआत

बॉलीवुड में मौसमी चटर्जी ने अपने करियर की शुरूआत साल 1972 में अभिनेता विनोद मेहरा के विपरीत प्रदर्शित फिल्म ‘अनुराग’ से की. शक्ति सामंत के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अनुराग’ में मौसमी चटर्जी ने अंधी लडक़ी का किरदार निभाया था. करियर की शुरूआत में इस तरह का किरदार किसी भी नयी अभिनेत्री के लिये जोखिम भरा हो सकता था लेकिन मौसमी ने अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस फिल्म के लिये मौसमी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किया गया था.

फिल्म ‘अनुराग’ में मौसमी ने अंधी लड़की की भूमिका इतने सशक्त ढंग से निभाई कि उस साल की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार उन्हें दिया गया. इस फिल्म के सभी गाने भी खासे खूब लोकप्रिय हुए थे और इस तरह मौसमी के सफल करियर का यह सिलसिला चल निकला.

बिना ग्लिसरीन के ही रो पड़ती थी मौसमी

मौसमी चटर्जी के बारे में कहा जाता था कि वो रोने वाले दृश्य बड़े ही सरलता के साथ कर लेती थीं और इसके लिए उन्हें ग्लीसरीन की भी जरूरत नहीं पड़ती थी. मौसमी के अनुसार जब किसी दृश्य में उन्हें रोना होता था तो वे सोचती थी कि ये उनके साथ सच में हो रहा है और वे रो पड़ती थी.

मौसमी का फिल्मी सफर

मौसमी ने उस दौर के लगभग सभी बड़े अभिनेताओं के साथ, कई प्रमुख फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘रोटी, कपड़ा और मकान’, ‘उधार की जिंदगी’, ‘मंजिल’, ‘बेनाम’, ‘जहरीले इंसान’, ‘हमशक्ल’, ‘सबसे बड़ा रुपैया’ और ‘स्वयंवर’ जैसी उल्लेखनीय फिल्में हैं.

फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ के लिये मौसमी चटर्जी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार का नामांकन मिला था. साल 1976 में प्रदर्शित हुई सुपरहिट फिल्म ‘सबसे बड़ा रुपैया’ में एक बार फिर से मौसमी चटर्जी और विनोद मेहरा की जोड़ी को काफी पसंद कियी गया.

हम आपको बता दें कि साल 1982 में रिलीज हुई गुलजार की फिल्म ‘अंगूर’ ने बहुत बड़ी सफलता हासिल की थी. यों तो उश समय इस फिल्म की सफलता का पूरा श्रेय संजीव कुमार और देवेन वर्मा को मिला था लेकिन मौसमी चटर्जी ‘अंगूर’ में काम करके बेहद खुश हुई थीं.

मौसमी चटर्जी के पूरे फिल्मी करियर में उनकी जोड़ी सबसे अधिक विनोद मेहरा के साथ पसंद की गयी. इसके अलावा उन्होंने संजीव कुमार, जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, शशि कपूर, अमिताभ बच्चन जैसे सुपर सितारों के साथ भी काम किया.

उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा कई बंगला फिल्मों में भी अपने अभिनय का जौहर दिखाया है. उनकी कुछ अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में कच्चे धागे, जहरीला इंसान, स्वर्ग नरक, फूल खिले है गुलशन गुलशन, मांग भरो सजना, ज्योति बने ज्वाला, दासी, अंगूर, घर एक मंदिर, घायल, संतान, जल्लाद, करीब, जिंदगी रॉक्स आदि शामिल है.

साल 2010 में अर्पणा सेन ने अपनी फिल्म ‘द जैपनीज वाइफ’ में मौसमी को एक महत्वपूर्ण भूमिका दी थी और इसी फिल्म से मौसमी ने बॉलीवुड में वापसी की थी.

मौसमी का  विवाह

मौसमी जितनी कम उम्र में परदे पर आई, उतनी ही कम उम्र में उनका विवाह भी हो गया था. उश समय के प्रसिद्ध गायक हेमंत कुमार ने अपने बेटे जयंत के लिए मौसमी का हाथ मांगा. विवाह समारोह और मुंबई में आयोजित पार्टी में फिल्मों के काफी लोग जुटे थे. सभी को उस अभिनेत्री को देखने की उत्सुकता थी, जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म के जरिए पूरे बंगाल का दिल जीत लिया था.

मौसमी चटर्जी बहुत ही मशहूर अभिनेत्री थीं. फैंस इन्हें हर जगह घेरे रखते थे. कभी भी उनके फैंस द्वारा कोई बुरा बर्ताव देखने को नहीं मिला. वे जहां भी गई लोगों ने उन्हें बहुत प्यार और सम्मान दिया.हाल ही में मौसमी चटर्जी को बंगाल सिने आर्टिस्ट द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया.

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