मुजफ्फरनगर दंगो पर बनी फिल्म ‘शोरगुल’ और पंजाब के नशे के कारोबार पर बनी फिल्म ‘उडता पंजाब’ बनी तो मनोरंजन के लिये, पर अब इनको राजनीति का मोहरा बनाया जा रहा है. इसके चलते दोनो ही फिल्में विवादों में उलझ गई हैं. फिल्म ‘शोरगुल’ उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर बनी है. फिल्म ‘शोरगुल’ को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी इसके खिलाफ अदालत में रिट याचिका दाखिल की गई है. इस फिल्म की कहानी के केन्द्र में 2013 के मुजफ्फरनगर के दंगों को दिखाया गया है. फिल्म में आशुतोष राणा, जिमी शेरगिल, संजय सूरी और नरेद्र झा जैसे कलाकार हैं. यह लोग मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, संगीत सोम और आजम खां जैसे राजनीतिक किरदारों को अदा कर रहे है. इनके नाम मिथिलेश यादव, रंजीत ओम, और आलिम खान जैसे रखे गये है. अपने जैसे किरदारों से समाजवादी पार्टी के नेता और भाजपा के विधायक संगीत सोम नाराज हैं. फिल्म ‘शोरगुल’ को लेकर मेरठ जिले के सरधना में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मिलन सोम ने पीआईएल दाखिल की. उनके वकील दिग्विजय नाथ दुबे के मुताबिक फिल्म 26 जून को रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म में कई आपत्तिजनक दृश्य हैं. जिससे सामाजिक सदभावना और समरसता बिगड सकती है. ऐसे में इन दृश्यों के साथ फिल्म को दिखाया जाना ठीक नहीं है.

रिट में फिल्म को दिखाये जाने पर रोक लगाये जाने की बात कही गई है. रिट में केन्द्र और राज्य सरकार समेत अन्य को पक्षकार बनाया गया है. फिल्म ‘शोरगुल’ को लेकर विधायक संगीत सोम कहते है ‘इस फिल्म में बहुत सारे ऐसे दृश्य हैं जो हमारी इमेज को खराब करते हैं. हम इस फिल्म को विरोध करते हैं.’ संगीत सोम कहते हैं ‘पीआईएल के पीछे मेरा कोई हाथ नहीं है पर हम इस फिल्म की विषयवस्तु से सहमत नहीं हैं. इसमें नेताओं की छवि को बिगाडा गया है.’

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