5 नवंबर, 2017 की सुबह 9 बजे नवी मुंबई के उपनगर एवं थाना खांदेश्वर में ड्यूटी पर तैनात एआई गजानंद घाड़गे को बालासाहेब माने ने फोन कर के बताया कि साईंलीला हाउसिंग सोसायटी की इमारत के कमरा नंबर 12 से बहुत तेज दुर्गंध आ रही है. कमरे में बाहर से ताला बंद है. दुर्गंध से लगता है कि अंदर कोई लाश सड़ रही है.

गजानंद घाड़गे ने यह बात थानाप्रभारी अमर देसाई और इंसपेक्टर विजय वाघमारे को बताई. उन्होंने तत्काल इस मामले की डायरी तैयार कराई और एआई संतोष जाधव, गजानंद घाड़गे, सिपाही पांडुरंग सूर्यवंशी, अबू जाधव, सोमनाथ रणदिवे, संजय पाटिल और अभय जाधव को साथ ले कर घटनास्थल पर जा पहुंचे.

जिस कमरे से दुर्गंध आ रही थी, उस के सामने भीड़ लगी थी. पुलिस को देखते ही भीड़ एक किनारे हो गई. कमरे के सामने पहुंच कर पुलिस ने सूचना देने वाले उस कमरे के मालिक बालासाहब माने से पूछताछ की. पता चला कि उस कमरे में अंजलि पवार रहती थी. वह 5 महीने पहले ही वहां रहने आई थी. उसे यह कमरा उस की सहेली माया ने एक प्रौपर्टी डीलर के मार्फत दिलाया था. माया उस के सामने वाले 10 नंबर के कमरे में अपने एक पुरुष मित्र के साथ रहती थी. लेकिन वह 3-4 दिन से बाहर गई हुई थी.

चूंकि उस कमरे की चाबी किसी के पास नहीं थी. इसलिए मजबूर हो कर दरवाजा तोड़ा गया. दरवाजा टूटते ही अंदर से बदबू का ऐसा झोंका आया, जिस से वहां खड़े लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया. पुलिस कमरे में घुसी तो फर्श पर जगहजगह खून के धब्बे नजर आए. बाथरूम का दरवाजा खुला था. उसी में बैडशीट में लपेट कर लाश रखी थी, जो कमरे के अंदर आते ही दिखाई दे गई थी. उसे कमरे में ला कर खोला गया तो उस में जो लाश निकली, वह उस कमरे में रहने वाली अंजलि पवार की थी. उस के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. शरीर पर कई गहरे घाव थे, दोनों हाथों की नसें भी कटी थीं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...