पाकिस्तान के एक शहर की इस लड़की का वीडियो उस वक्त छिपकर बनाया गया, जब वो अपने घर में ही कपड़े बदल रही थी. ये वीडियो बनाने वाले लड़कों ने कुछ देर बाद उसे ब्लैकमेल करने की नीयत से उसके हाथ एक कागज का पुर्जा थमा दिया. दो लाइन के इस पुर्जे का जवाब उसने फेसबुक पर सरेआम दिया और अब उन लड़कों को छिपने की जगह नहीं मिल रही है.
Girls at Dhabas नाम के फेसबुक पेज पर लड़की ने उस नोट के साथ अपना अनुभव साझा किया.
लड़की ने जो लिखा, वो आपको अंदर तक झकझोर देगा…
''रात करीब 12 बजे जब मैं अपनी दोस्त के साथ फोन पर बात कर रही थी, मैंने अपने कमरे की खिड़की पर किसी को खटखटाते और एक नोट (कागज) लेने का इशारा करते देखा. मेरा घर एक सुरक्षित कालोनी में है, जहां मेरे कमरे की खिड़की बगीचे की तरफ खुलती है. तीन लड़कों ने मेरी ही खिड़की से कपड़े बदलते हुए मेरा वीडियो बना लिया. उन्होंने खिड़की से ही एक नोट दिया और उसे पढ़ने के लिए कहा. नोट में लिखा था कि मैं तुरंत बाहर आकर उनकी बात सुनूं. मैंने मना किया तो उन्होंने चिल्लाते हुए कहा,'' बाहर निकल, तुझे बताते हैं''. इतना सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं अपने पिता के साथ घर के बाहर गई. लेकिन तब तक वो लोग भाग गए थे. अब तो कॉलोनी के लोग भी जान गए कि मेरे साथ क्या हुआ था.
लेकिन उसके बाद कुछ सवाल मेरे चरित्र पर भी उठने लगे, जैसे- उसकी खिड़की क्यों खुली थी? क्या लड़की का ही उनमें से एक के साथ चक्कर तो नहीं था? हालांकि उन सवालों का कोई मतलब ही नहीं था, जब किसी ने मेरे ही कमरे में, मेरी मर्जी के बिना मेरा वीडियो बना लिया हो, और बिना किसी डर के मुझे ब्लैकमेल करने की हिम्मत भी रखता हो, इतनी हिम्मत इसलिए थी क्योंकि वो जानते थे कि वो बच जाएंगे और वो बच भी गए. महिलाओं से उनकी मर्जी जानना तो इस देश का रिवाज ही नहीं है. लेकिन अब बहुत हुआ. मेरे साथ हुई यह घटना कोई घटना पहली नहीं है और न ही मैं वो पहली लड़की हूं जो ये सब झेल रही है. हम अपनी सरकार के आगे इन लोगों के लिए गिड़गिड़ाते हैं, जबकि बलात्कारी खुले घूम रहे हैं, महिलाएं अपने ही घरों में यौन हिंसा और शारीरिक शोषण झेल रही हैं. जो लोग ये सब हरकतें कर रहे हैं, वो तुम्हारे बेटे, भाई, पिता और तुम खुद हो. महिलाओं पर ये सब अत्याचार बंद करो. घर में कैद करो और वहां भी जीना हराम कर दो.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन