रोनित और उस के दोस्त इस वीकैंड स्कूल की छुट्टियां कुछ खास अंदाज में बिताना चाहते थे. सब के अपनेअपने सजैशन थे. कोई वाटर पार्क में जम कर मस्ती करना चाहता था तो कोई फिल्म ‘द जंगल बुक’ को 3डी में ऐंजौय करना चाहता था. लेकिन रोनित ने पहले से ही शर्त रखी थी कि इस बार की छुट्टियां हम लोग अपनी पौकेट मनी से प्लान करेंगे सो वाटर पार्क और मूवी का परहैड खर्च 500 से 1000 के बीच आने के चलते सब को पौकेट मनी कम लगने लगी. सब इसी उलझन में थे कि 100 रुपए प्रतिदिन में कोई अच्छी जगह भला कैसे घूम सकते हैं.

तभी निरपेक्ष जो काफी देर से चुप बैठा था, ने चुटकी बजाते हुए आइडिया दिया कि क्यों न हम आगरा जा कर दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल को देखें. आइडिया तो जबरदस्त था, लेकिन सब को लगा कि दिल्ली से आगरा जाना महंगा पड़ेगा.    तब निरपेक्ष ने बताया कि ताजमहल की ऐंट्री फीस सिर्फ 40 रुपए है और रही बात आगरा तक पहुंचने की, तो मेरे दोस्त के पापा का डिस्ट्रीब्यूशन का बिजनैस है, उन का सामान मिनी ट्रक से रोज दिल्ली से आगरा जाता है. अगर उन से रिक्वैस्ट की जाए तो वे हमें आगरा तक लिफ्ट दे देंगे और वापसी में लौटते हुए घर छोड़ देंगे. इस तरह हम लोगों का आनेजाने का किराया बचेगा और रही बात खाने की, तो हम सब अपने लंच बौक्स की तरह अपनी पसंद के स्नैक्स घर से ही पैक कर के ले चलेंगे. घर का खाना न सिर्फ हैल्दी होगा बल्कि हमारा पैसा भी बचाएगा, इस तरह ताजमहल की ऐंट्री और लोकल रिकशा आदि मिला कर हम लोग 100 से भी कम में ताजमहल का दीदार कर सकते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...