अगले बुधवार सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप को बैन करने की अपील की गई है.
व्हाट्सएप की एंड-टू-एंट इंक्रीप्शन पॉलिसी को आधार बता कर हरियाणा के आरटीआई कार्यकर्ता सुधीर यादव ने ये याचिका दायर की है.
इस याचिका में कहा गया है कि, ''बीते अप्रैल से व्हाट्सएप ने 256-bit एंड-टू-एंट इंक्रीप्शन की सुविधा शुरु कर दी है जिस सेक्योरिटी को तोड़ना आसान नहीं है.
अगर व्हाट्सएप से भी किसी व्यक्ति विशेष का डेटा सरकार मांगती है तो वह खुद इन मैसज को डिकोड नहीं कर पाएंगे. ''
भरत में व्हाट्सएप बैन करने की वकालत करते हुए कहा कि, इस फीचर की मदद से कोई भी आतंकी और अपराधी अपनी योजना के बारे में व्हाट्सएप पर चैट कर सकता है. साथ ही देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है और हमारी सुरक्षा एजेंसी भी इस मैसेज का पता नहीं लगा पाएंगी.
यादव ने आगे कहा, 256-bit के मैसेज को डिकोड करने में 100 से ज्यादा साल लग जाएंगे. इसलिए व्हाट्सएप बैन कर दिया जाना चाहिए.