फेसबुक पर प्रिवेसी नोटिस वाली अफवाह फैलने के बाद अब वॉट्सऐप पर भी इसी तरह का फर्जी मेसेज सर्कुलेट हो रहा है. लोग बिना जांचे-परखे इस मेसेज पर यकीन कर रहे हैं और फॉरवर्ड करके अफवाह को फैलाने में भूमिका अदा कर रहे हैं.

इस वॉट्सऐप मेसेज में कहा जा रहा है कि तुरंत वॉट्सऐप से अपनी प्रोफाइल पिक्चर हटा दें, वरना आईएसआईएस हैकर्स की मदद से इन पिक्चर्स को चुराकर आतंकी गतिविधियों के लिए मिसयूज कर सकता है. मेसेज के मुताबिक वॉट्सऐप के सीईओ ने सभी से, खासकर लड़कियों से अपील की है कि 20-25 दिनों के अंदर अपनी पिक्चर हटा दें और इस मेसेज को सभी को फॉरवर्ड कर दें.

मेसेज के आखिर में 'आईपीएस ए.के. मित्तल' का नाम लिखा हुआ है और एक फोन नंबर भी दिया हुआ है. दावा किया गया है कि यह मेसेज दिल्ली के कमिश्नर की तरफ से जारी है. मगर ट्रूकॉलर पर चेक करने पर पता चला कि यह नंबर अरशद अली नाम के किसी शख्स का है और बहुत से लोगों ने इसे स्पैम मार्क किया हुआ है.

यह मेसेज अफवाह के अलावा कुछ भी नहीं है. कई बार वॉट्सऐप पर इस तरह के मेसेज सर्कुलेट होने लगते हैं. पहले भी लोग ऐसे ही एक मेसेज को सर्कुलेट कर रहे थे, जिसमें वॉट्सऐप के सीईओ के हवाले से एक वॉर्निंग दी गई थी. उसमें कहा गया था कि जो लोग इस मेसेज को फॉरवर्ड नहीं करेंगे, उनके अकाउंट को वॉट्सऐप निष्क्रिय समझकर डिलीट कर देगा.

खास बात यह है कि आजकल स्पैमर इस तरह के किसी भी फर्जी मेसेज के नीचे कोई नंबर लिख देते हैं. इससे बहुत से लोगों को लगता है कि अगर मेसेज फर्जी होता तो कोई नंबर क्यों देता. वे खुद उस नंबर पर कॉल करके वेरिफाई इसलिए नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि किसी ने तो किया ही होगा. मगर हकीकत यह है कि बहुत से लोग ऐसा करने की जहमत नहीं उठाते.

न सिर्फ वह मेसेज, बल्कि इस तरह के सभी मेसेज फर्जी होते हैं. पहली बात तो यह कि कंपनियों को पता होता है कि कौन सा यूजर कितना ऐक्टिव है और कौन सा इनऐक्टिव. फिर भी अगर कंपनी को किसी तरह का ऐलान करना हो तो वह खुद ही यूजर्स को नोटिफिकेशन या मेसेज भेजने में सक्षम है. उसे इस तरह से फॉरवर्ड करने का खेल खेलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

इसलिए अगर आपको कभी भी ऐसा कोई मेसेज आए, उसे तुरंत डिलीट कर दीजिए. जो दोस्त आपको ऐसा मेसेज भेजे, उसे बता दें कि यह फर्जी है और बाकी लोगों को इसे फॉरवर्ड न करे.

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