अगर आप आईफोन या ऐपल के कुछ अन्य मशहूर प्रॉडक्ट इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके मतलब की है. इन प्रॉडक्ट में इस्तेमाल होने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम की कुछ खामियों का फायदा उठाते हुए लोगों की जासूसी करने से जुड़ा मामला सामने आया है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, जांच में इसके पीछे एनएसओ ग्रुप नाम की इजरायली कंपनी का हाथ होने की बात सामने आई है. यह कंपनी ऐसे सॉफ्टवेयर बनाती है जिनकी मदद से खुफिया ढंग से ऐपल प्रॉडक्ट यूजर्स के टेक्स्ट मेसेज, ईमेल्स पढ़े जा सकते हैं. कॉल या कॉन्टैक्ट लिस्ट ट्रैक की जा सकती है. आवाज रिकॉर्ड की जा सकती है, पासवर्ड चुराए जा सकते हैं और फोन कहां है, इस बात का भी पता लगाया जा सकता है.

मामला सामने आने के बाद ऐपल ने गुरुवार को आईओएस का पैच्ड वर्जन 9.3.5 जारी किया. यूजर्स एक नॉर्मल सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इस पैच को आप अपनी डिवाइस में इंस्टॉल कर सकते हैं. ऐपल की इन खामियों को दूर करने के 10 दिन पहले बिल मार्कजेक और जॉन स्कॉट रेल्टन नाम के दो रिसर्चरों और सैन फ्रैंसिस्को की एक मोबाइल सिक्यॉरिटी कंपनी ने इस ओर ध्यान दिलाया.

ये दोनों रिसर्चर यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के मंक स्कूल ऑफ ग्लोबल अफेयर्स के सिटिजन लैब में काम करते हैं. वहीं, ऐपल के प्रवक्ता फ्रेंड सेंज ने कहा, 'हम सभी कस्टमर्स को यही सलाह देते हैं कि वे हमेशा आईओएस का लेटेस्ट वर्जन इस्तेमाल करें ताकि वे सिक्यॉरिटी से जुड़े संभावित खतरों से खुद को बचा सकें.'

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