न्नई के एक इंजीनियरिंग कालेज में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे पीयूष सिन्हा की आंखों में अचानक जलन, दर्द और काफी तेज खुजली शुरू हो गई. पहले तो वह इस की अनदेखी कर पढ़ाई में जुटा रहा, लेकिन जब उसे कंप्यूटर पर काम करने और रोशनी को देखने पर आंखों में तेज दर्द महसूस होने लगा और आंखें भी लाल हो गईं तो उस ने डाक्टर से आंखों की जांच कराई. डाक्टर ने बताया कि उसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम नामक बीमारी हो गई है.

कंप्यूटर, लैपटौप, टैबलेट या स्मार्टफोन पर ज्यादा समय तक आंखें गढ़ा कर काम करने वालों को सतर्क रहना चाहिए. लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने और आंखों को ले कर सावधानी न बरतने वालों की आंखें खराब हो सकती हैं. उन की आंखों का लुब्रिकैंट हमेशा के लिए सूख सकता है. ऐसे लोग कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं और अपनी आंखों की रोशनी गवां सकते हैं.

पटना के नेत्र निदान आई हौस्पिटल के डायरैक्टर डाक्टर राकेश कुमार का कहना है कि यह बीमारी होने पर मरीज द्वारा पलकों को झपकाना काफी कम हो जाता है, जो आंखों के लिए काफी खतरनाक है. सामान्यतया पलकें हर मिनट में 15 बार झपकती हैं लेकिन कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से पीडि़त व्यक्ति की पलकें एक मिनट में 5-7 बार ही झपक पाती हैं. इस से आंखों में जलन और भारीपन हो जाता है. इस के साथ ही आंखों का पानी (लुब्रिकैंट) कम होने से आंखें सूखीसूखी महसूस होती हैं और थकान से दर्द करने लगती हैं. इस के अलावा सिर, गरदन और कंधों में भी दर्द होने लगता है.

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