आधुनिक युग तकनीक का युग है. यह तकनीक कदम-दर-कदम भविष्य को हमारे पास लगाती जा रही है. यह भावी नई तकनीकों का हमारे जीवन पर इतना अधिक प्रभाव पड़ने वाला है जिसका अंदाज लगाना भी बहुत मुश्किल है.

इसे अगर हम यूं कहे कि यह भविष्य की नई तकनीकें किसी जादू से कम नहीं होगी तो गलत न होगा. यानि तकनीक वर्तमान में ही नहीं भविष्य में भी इतने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तैयार है जिसकी झलक हमें आज भी दिखाई देती है.

प्याज की परत दर परत खुलते इसके नित नए स्वरूप भविष्य की झलक हमारे सामने ला रहे हैं. तो चलिए आज हम आपको ऐसी ही पांच भावी तकनीकों और उपकरणों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो दूरगामी परिवर्तनों के जनक बन सकते हैः

लेक्सस होवरबोर्ड
वर्षों से हम फिल्मों में होवरबोर्ड देखते रहे होंगे. अगर नहीं देखा तो हम आपको बता दें कि होवरबोर्ड स्केटबोर्ड जैसा ही होता है पर इसमें पहिए नहीं होते हैं. यह धरती से हवा में कुछ ऊपर तक उड़ता है. लेक्सस की माने तो ‘स्लाइड' नामक यह होवरबोर्ड ‘फ्रिक्शनलेस मूवमेंट' कर सकता है और इसके लिए वह मैग्नेटिक लेविटेशन का उपयोग करता है. इनमें से कुछ लिक्विड नाइट्रोजन मैग्नेट सुपरकूल्ड कंडक्टर्स हैं. होवरबोर्ड के डिजाइन के कुछ भाग वर्तमान की लेक्सस कारों जैसे हैं.

पावर वाई-फाई
मान लो कि आप कैमरे से फोटो क्लिक करे पर बैटरी खत्म हो जाए तो आप क्या करेंगे. इसका समाधान अब होने वाला है. भारतवंशी और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ताओं द्वारा ऐसी तकनीक विकसित की गई है जिससे वाई-फाई की मदद से कैमरे को पावर मिल सकती है. शोधकर्ता वाम्सी तल्ला की माने तो पहली बार वाई-फाई की मदद से कैमरा के सेंसर व अन्य उपकरणों को ऊर्जा देने में सफलता मिली है. वाई-फाई सिग्नल से ऊर्जा पाने के अतिरिक्त शोधकर्ताओं ने कुछ ऐसे सेंसर भी तैयार किए हैं जोकि उपकरण में ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक हैं. शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि इससे इंटरनेट की स्पीड पर भी नेगेटिव प्रभाव नहीं होगा.

एल्‍युमिनियम आयन बैटरी
यदि आपसे कहा जाए कि अब आपके मोबाइल की बैटरी केवल 1 मिनट में चार्ज हो जाएगी तो आप शायद ही विश्वास करें लेकिन स्‍टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसा उपकरण तैयार किया है जिससे मात्र 60 सेकेंड में ही आपके मोबाइल की बैटरी पूरी चार्ज हो जाएगी. यूनिवर्सिटी के वरिष्‍ठ लेखक व रसायन के प्रोफेसर ने की माने तो यह बैटरी पुरानी सभी बैटरियों को रिप्‍लेस कर देगी.

अभी प्रयोग की जाने वाली एल्‍केलाइन बैटरी वातावरण के लिए हानिकारक है तो लिथि‍यम आयन बैटरी में ब्‍लास्‍ट करने की शिकायत आम है. एल्‍युमिनियम आयन बैटरी 7,500 बार मोबाइल रिचार्ज कर सकेगी जबकि दूसरी बैटरियां केवल 1000 बार रिचार्ज करने में सक्षम है. इस नई बैटरी में दो इलेक्‍ट्रोड का प्रयोग किया गया है. एल्‍युमिनियम का एनोड व ग्रेफाइट का कैथोड बनाया गया है. यह कंबिनेशन अधिक सर्किल चार्जिंग में सहायक है. विशेष बात यह है कि यह बैटरी लचीली है. इससे आप इसे मोड़कर किसी भी डिवाइस में (लैपटॉप, मोबाइल) सरलता से प्रयोग कर सकते हैं.

वर्चुअल रियलिटी तकनीक
इस वर्ष शायद वर्चुअल रियलिटी तकनीक आपके द्वार पर दस्तक दे सकता है क्योंकि सोनी, माइक्रोसाफ्ट, एचटीसी, सैमसंग और गूगल आदि कंपनियों द्वारा इस तकनीक पर आधारित अपना स्वयं का डिवाइस लाया जा सकता है. अनेक डिवलापर्स द्वारा भी अपने गेम्स , ऐप्स व सॉफ्टवेयर पर काम करना आरंभ कर दिया गया है ताकि वर्चुअल रियलिटी डिवाइस की शुरुआत धमाकेदार हो सके.

टेक टैटू
आपने लोगों को टैटू लगाएं देखा होगा पर अब एक ऐसा टेक टैटू तैयार किया गया है जोकि लुक्स के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखता है. हेल्थ से संबंधित अनेक टास्क को परफॉर्म करता है. यह टैटू परमानेंट नहीं है जिससे इसे आसानी से रिमूव भी किया जा सकता है. इसे बनाने हेतु इलेक्ट्रिक पेंट, टाइनी चिप्स व एम्बिएंट लाइट सेंसर्स को लगाया गया. इसकी कम्पलीट इनफार्मेशन को आप टेक टैटू ऐप की सहायता से गेन कर सकते है. इसकी विशेषता है कि इसका टेम्प्रेचर सेंसर आपके बीमार होने पर फीवर को ट्रैक करता है. साथ ही इसका एम्बिएंट लाइट सेंसर्स आपके घर की लाइट्स को कंट्रोल करता है. कमरे से बाहर जाने पर लाइट को डिम भी करता है.

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