भारत सरकार ने हाल ही में आधार को मोबाइल नंबर के साथ लिंक करने की सुविधा दी है जिसकी शुरुआत 1 जनवरी 2018 से हो रही है. हालांकि ओटीपी आधारित आधार री-वेरिफिकेशन प्रोसेस को घोषणा काफी पहले की जा चुकी थी लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इस प्रोसेस को अब शुरू किया जा रहा है.

अब सरकार ने खुद टेलिकौम औपरेटर्स को बता दिया है की वो आधार के साथ मोबाइल लिंक करने के लिए तैयार हैं. 1 जनवरी से कोई भी मोबाइल यूजर मात्र एक ओटीपी से आधार के साथ अपने सिम नंबर को लिंक करा पाएगा.

इसका मतलब यह है की यूजर्स को रिटेल आउटलेट्स तक जाने की भी जरुरत नहीं होगी. हालांकि, लिंक कराने की आखिरी तारीख 26 फरवरी है तो क्या ऐसे में यूजर्स को आधार से मोबाइल लिंक करने का मिला समय पर्याप्त है? यह एक बड़ा सवाल बनकर सामने आया है.

कैसे काम करेगी ओटीपी पर आधारित आधार-मोबाइल लिंकिंग प्रक्रिया

इसकी प्रक्रिया बेहद आसान है

स्टेप 1 : टेलिकौम यूजर्स को एक नंबर पर कौल करना होगा. इस नंबर की डिटेल्स हर टेलिकौम कंपनी एड के जरिए यूजर्स तक पहुंचाएगी. अलग-अलग टेलिकौम औपरेटर्स के अलग-अलग टोल-फ्री नंबर होंगे. इन नंबर्स पर यूजर्स कौल कर के आधार री-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को फौलो कर सकते हैं. लेकिन इससे पहले UIDAI ने बताया था की यह नंबर सभी टेलिकौम औपरेटर्स के लिए समान रहेगा. इस मामले में सफाई आना बाकी है.

स्टेप 2 : टोल-फ्री नंबर IVRS यानि की रिकार्डेड रिस्पांस सिस्टम होगा. यूजर को प्रक्रिया के बारे में उसकी चयनित भाषा में बताया जाएगा.

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